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Praveen Jain "पल्लव"

#good_night दायरे से बहार निकल,लोग गुस्ताखी कर रहे है #nojotohindi #कविता

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White पल्लव की डायरी
दायरे से बहार निकल
लोग गुस्ताखी कर रहे है
तृष्णा कभी,कम हुयी है कभी
हरण सुख शांति का कर रहे है
सामने वाला भी किरदार,हौसले रखता है
मगर आचरणों की बानगी से बंधा   है
धूर्ततापूर्ण उतर आये है सियासत में लोग
दंश और दहशत का जहर उगल रहे है
सभ्यताओं को लांघ,
 निराशा चहुँ और परोस रहे है
जंग जनता से कर,
तख्त ताज कलंकित कर रहे है
                                               प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #good_night दायरे से बहार निकल,लोग गुस्ताखी कर रहे है
#nojotohindi

Sai Angel Shaayari

मुझे लगता था मेरे आस पास जितने भी लोग जैसे मेरे दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी, कुछ और जाननेवाले हैं वो मेरे अपने हैं। सुख-दुःख में यही साथ देंगे। #SAD

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White मुझे लगता था मेरे आस पास जितने भी लोग जैसे मेरे दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी, कुछ और जाननेवाले हैं वो मेरे अपने हैं। सुख-दुःख में यही साथ देंगे। लेकिन ये सब झूठ था। सभी नाम के थे। सभी खोखले हैं। अगर माँ-बाप न होते तो ये हमें पहचाने भी नहीं। ये केवल दिखावे और कामचलाऊ रिश्तेदारी निभाने के लिए हैं। इसका वश चले तो ये आपको खुश ही न रहने दे। ऐसे दोगले और छोड़ु लोगों से अच्छा है कुछ जानवर पाल लो और उसकी देखभाल करो। या इंतेज़ार करो कि कोई तो जीवन मे ऐसा व्यक्ति आएगा जो आपको समझे, आपसे सच मे प्रेम करे। आपके होने से उसका होना हो। और वे जरूर मिलेंगे। आप सब्र करना। ऐसे लोग एक बार मिलते हैं और आजीवन रह जाते हैं। फिलहाल आप अकेले रहो। उम्मीद मत पालो। अपना दायरा बना लो। अकेले रहो।

©Sai Angel Shaayari मुझे लगता था मेरे आस पास जितने भी लोग जैसे मेरे दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी, कुछ और जाननेवाले हैं वो मेरे अपने हैं। सुख-दुःख में यही साथ देंगे।

Sarfaraj idrishi

#poor मेरे अल्फाजों के दायरे में सिमटा हुआ है बहुत कुछ, ये गरीबी है मजबूरी है और बिखरा हुआ है बहुत कुछ.motivational writter Surendra kumar #Life #Happybawa

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सुनो..........

मेरे अल्फाजों के दायरे में सिमटा हुआ है बहुत कुछ,
 ये गरीबी है मजबूरी है और बिखरा हुआ है बहुत कुछ.

©Sarfaraj idrishi #poor मेरे अल्फाजों के दायरे में सिमटा हुआ है बहुत कुछ,
 ये गरीबी है मजबूरी है और बिखरा हुआ है बहुत कुछ.motivational writter Surendra kumar
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