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काव्य महारथी

#Sad_Status Piyush Yogi anuj Pankaj Pahwa " बादल राजपूत " कवि आलोक मिश्र "दीपक" हिंदी कविता बारिश पर कविता हिंदी दिवस पर कविता क

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White शीर्षक -----कहां गए वो दिन

साइकिल पर बैठकर 
पूरे परिवार का जाना,
रिश्तों का हर दिन का 
दहलीज पर खिलखिलाना ll

खीर बनाते से वो
शक्कर का मांगना,
पड़ोस के स्वाद चख
कटोरिया बदल जाना ll

कहां गए वो दिन
जो सुकून सा लाते,
आज की दुनिया 
में हम न बतलाते ll

©काव्य महारथी #Sad_Status  Piyush Yogi  anuj  Pankaj Pahwa  " बादल राजपूत "  कवि आलोक मिश्र "दीपक" 
 
 हिंदी कविता
 बारिश पर कविता
 हिंदी दिवस पर कविता
 क

F M POETRY

#खुला बादल गगन के....

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White खुला बादल गगन के ये सितारे..

सभी में अक्स दिखते हैँ तुम्हारे..


यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #खुला बादल गगन के....

Ashutosh Mishra

hunarbaaz # बारिश पर कविता # हिंदी कविता# प्रेम कविता हिंदीनोजोटो बरसात गरजते बादल आशुतोषमिश्रा sushil Rrrrr KRISHNA Shivani Go

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Dhaneshdwivediwriter

#fakesmile सच की चाहत में जलते हुए, छलावे के जाल में चलते हुए। कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी

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सच की चाहत में जलते हुए,
 छलावे के जाल में चलते हुए।

















.

©Dhaneshdwivediwriter #fakesmile 
सच की चाहत में जलते हुए,  
छलावे के जाल में चलते हुए।
  कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी

HARSHIT369

#navratri मां के लिए प्रेरणादायी कविता हिंदी

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मां तेरा लाडला अकेला है यहां, पर बताना नही चाहता
तु बुला ना ले घर पर, ये दिखाना नही चाहता
होनहार है,काबिल बनना चाहता है
अंन्धकार मे सबकि तरह धुमिल होना नहि चाहता
आशिर्वाद चाहिये बस तेरा हौसला मै इकट्ठा कर लुंगा
अपने आप को कुछ चुनिन्दा करोड़ो लोगो
 मे शामिल भी कर लुंगा..!!

©HARSHIT369 #navratri   मां के लिए प्रेरणादायी कविता हिंदी

Santanu Das

बादल दिन

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Akriti Tiwari

वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी

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White क्या होता है एक वृक्ष का दर्द 


जब से जन्म हूं एक पैर पर खड़ा हूं ,
सहकार सारे आंधी तूफान और धूप 
इंसानों के काम आता हूं। 


अपने इच्छा से या मानव की इच्छा से उगाया जाता हूं, 
जरूरत पड़ती जब मेरी मानो को काटकर 
मेरी शाखों को कभी यज्ञ में तो 
कभी शमशानों में जलाया जाता हूं।
इंसानों के हर जरूरत में काम आता हूं 


बचपन से लेकर बुढ़ापा तक मेरे साथ समय बीतता है, 
फिर भी मेरी जरूरत  समझ नहीं पता है।
बेजुबान हूं देखकर इंसानों की खुशी को
अपना दर्द छुपा लेता हूं।
इंसानों के हर जरूरत में काम आता है 


मिले समय तुम मुझ पर भी ध्यान देना, 
कमी होगी मेरी तो प्रकृति पर संकट गहराएगी।
बारिश नहीं होगी तो फैसले बर्बाद हो जाएगी 
तो तुम भूखे मर जाओगे, उससे भी नहीं तो 
तुम्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाएगी 
करोगे मेरी देखभाल तो, 
प्रकृति में संकट नहीं आएगी l
अंत में इंसानों के हर जरूरत में काम आऊंगा l

©Akriti Tiwari वृक्ष के ऊपर कविता।  प्रेरणादायी कविता हिंदी

PRAMILA LALIT SHUKLA

ReasonICried कबीर के पद हिन्दी कबीर Hindi poem poetry kavita कविता हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविताएं

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NC

Sad_shayri कविता हिंदी कविता कविता हिंदी कविता

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प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे

#love_shayari राग नाकावर

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