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काव्य महारथी
काव्य महारथी सत्यभामा सिंह, कल्याण मुंबई हिंदी कविता कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी
read morePARBHASH KMUAR
सत्यभामा भगवान कृष्ण की दूसरी पत्नी थी। कहते हैं, सत्यभामा बहुत ही घमंडी थी। उसे घमंड था कि वो सबसे सुंदर और धनवान है। एक बार भगवान कृष्ण के जन्मदिन पर सत्यभामा सोचा कि वो पूरे संसार को दिखाएगी कि वो भगवान श्रीकृष्ण से कितना प्यार करती है। इसके लिए उसने श्रीकृष्ण के भार के बराबर सोना गरीबों में बांटने का संकल्प लेती है। फिर एक दिन वो भगवान कृष्ण को सोने में तौलने के लिए उन्हें तराजू पर बिठाती है और दूसरे पलड़े पर सोना रखती है, लेकिन श्रीकृष्ण का पलड़ा जरा भी नहीं हिलता है। तब उसे ज्ञात होता है कि वो कितनी बड़ी गलती कर बैठी है। ©PARBHASH KMUAR सत्यभामा भगवान कृष्ण की दूसरी पत्नी थी। कहते हैं, सत्यभामा बहुत ही घमंडी थी। उसे घमंड था कि वो सबसे सुंदर और धनवान है। एक बार भगवान कृष्ण के
सत्यभामा भगवान कृष्ण की दूसरी पत्नी थी। कहते हैं, सत्यभामा बहुत ही घमंडी थी। उसे घमंड था कि वो सबसे सुंदर और धनवान है। एक बार भगवान कृष्ण के
read moreDRx. Shital Gujar✍️
भावना मांडता समोर तू दिसे... तूझी काळजी मला कायम सैरभैर करी... तूझ्यामध्ये माझे आयुष्य वसे ... तूच माझा श्वास असे सतत भास वाटे ... -✍️शितल कैलास पाटील ✍️ विषय - चारोळी collab शुभसंध्या मित्रहो 🙂 तूच माझा श्वास हा विषय माधुरी चौधरी यांनी सुचविला आहे, अभिनंदन माधुरी जी! 👌💐👍 #तूचमाझ
विषय - चारोळी collab शुभसंध्या मित्रहो 🙂 तूच माझा श्वास हा विषय माधुरी चौधरी यांनी सुचविला आहे, अभिनंदन माधुरी जी! 👌💐👍 तूचमाझ
read moreसंस्कृतलेखिकातरुणाशर्मा-तरु
राधा रानी के 28 नाम के जप मात्र से जीवन की सभी व्याधि नष्ट हो जाती है, राधे राधे 🙏 . . राधा रासेश्वरी रम्या कृष्णमन्त्राधिदेवता। सर्वाद्या
read morevishnu prabhakar singh
"दादी" स्वर्ग की आकांक्षा में धरा पर स्वर्ग बिखेरा कुशलक्षेम ही विचार सुख आसन विराजा पूर्ण ग्राम आँगन रहा रहा समाज प्रतिष्ठित लोकलाज का स्तम्भ सुख आसन विराजा स्व श्रद्धा कण्ठ धरा हस्त धरा सदा सीस मुख अवलोकन हठ सुख आसन विराजा नेह सागर बना कोशी वेदना भी ठहरा नहीं मौलिकता थी मैथिल सुख आसन विराजा सत्य भामा स्वर्ग गईं छोड़ पदचिन्ह भली रहीं बस यादें उनकी सुख आसन विराजा दादी की याद में। 🙏 "दादी" स्वर्ग की आकांक्षा में धरा पर स्वर्ग बिखेरा कुशलक्षेम ही विचार
दादी की याद में। 🙏 "दादी" स्वर्ग की आकांक्षा में धरा पर स्वर्ग बिखेरा कुशलक्षेम ही विचार
read morepooja roy
ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं! कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना
ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं! कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना
read morepooja roy
ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं! कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना
ज्ञानियों का गुंथन लिखूं या गाय का ग्वाला लिखूं! कंस के लिए विष लिखूं या भक्तों का अमृत प्याला लिखूं। रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना
read moreJyoti choudhary
इस तरह तेरी मुरली का असर हुआ होश खोकर तेरी भक्ति में लीन हुई! कुछ इस तरह गुम हुई तेरी हसी में दिन रात की ना शुधभुध रही! कहते तो है तुझको मुरलीधर पर माखन चोर भी मशहुर हुआ! करके उद्धार बर्बरीक का खाटु नरेश से प्रसिद्ध हुआ! 📝Jyoti choudhary (monu) मैं वासुदेव श्रीकृष्ण 🙏🙏🙏🙏 जीवन सरल ना मनुष्य का भक्ति के बिना श्रीकृष्ण अधुरे हैं हमेशा लीलाओ के बिना। ब्रजलीला करते गोकुल में चुराते दही
मैं वासुदेव श्रीकृष्ण 🙏🙏🙏🙏 जीवन सरल ना मनुष्य का भक्ति के बिना श्रीकृष्ण अधुरे हैं हमेशा लीलाओ के बिना। ब्रजलीला करते गोकुल में चुराते दही
read moreKP STORY HD
KP NEWS for the same for me to get the same for me to ©KP NEWS HD आपको बता दें कि देव ज्योतिषी और महादेवी काली मंदिर, मंदाकिनी तट के महंत अश्वनी पांडे के मुताबिक 6 सितंबर यानी आज दोपहर 3 बजकर 39 मिनट से अष्
आपको बता दें कि देव ज्योतिषी और महादेवी काली मंदिर, मंदाकिनी तट के महंत अश्वनी पांडे के मुताबिक 6 सितंबर यानी आज दोपहर 3 बजकर 39 मिनट से अष्
read moreMahima Jain
"मां के झुमकों का प्रतिउत्तर" १२ दिसंबर २०२० प्रिय सत्यभामा, जान कर खुशी हुई कि आज भी हम तुम्हें याद हूं। मुझे भी वो दिन अच्छे से याद है, जब तुम्हारे पति हमें लेने हमारे घर आए थे। हमें डर था पता नहीं हमें किसको सौंपा जाएगा? हमारा नया घर कैसा होगा? क्या हमारी देखभाल होगी या नहीं? किन्तु जब तुमने हमें पहली बार देखा, तुम्हारा चेहरा इतना चमक गया था कि उसकी चमक से हमारी चमक भी फीकी पड़ गई थी। तुमने हमें बहुत प्यार से रखा और हमने भी तो हर अवसर पर तुम्हारा मान बढ़ाया है। अब जैसे तुमने बताया कि तुम हमें अपनी बेटी को सौंपना चाहती हो, तो इसमें हमें तुमसे भी ज़्यादा खुशी होगी। हमें बिल्कुल बुरा नहीं लगा बल्कि तुम्हें एक बात बताऊं? ये बात अबतक हमारे और तुम्हारी बेटी के बीच का राज़ थी। जब भी तुम कहीं बाहर जाती थी तो वो हमें निकल कर पहन पहन कर देखती और खूब खुश होती थी। अब जब तुम हमें उस दे रही हो तो हमें तुमसे कोई गिला शिकवा नहीं है। हम तो खुश हैं कि हम नई पीढ़ी की भी पसंद हैं। हम भी तुम्हें यकीन दिलाते हैं कि हमेशा उसका भी शोभा बढ़ाएंगे। आशा है ये कार्य जल्द ही सम्पन्न हो। तब तक अपना ख्याल रखना। तुम्हें और तुम्हारी बेटी को ढेर सारा स्नेह। तुम्हारे प्रिय झुमके। "मां के झुमकों का प्रतिउत्तर" १२ दिसंबर २०२० प्रिय सत्यभामा, जान कर खुशी हुई कि आज भी हम तुम्हें याद हूं। मुझे भी वो दिन अच्छे से याद है, ज
"मां के झुमकों का प्रतिउत्तर" १२ दिसंबर २०२० प्रिय सत्यभामा, जान कर खुशी हुई कि आज भी हम तुम्हें याद हूं। मुझे भी वो दिन अच्छे से याद है, ज
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