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वेदों की दिशा
।। ओ३ म् ।। उपनिषदं भो ब्रूहीत्युक्ता त उपनिषद् ब्राह्मीं वाव त उपनिषदमब्रूमेति ॥ तुमने कहा-''उपनिषद्६ का प्रवचन कीजिये''; तुम्हारे लिए उपनिषद् का प्रवचन कर दिया है। निश्चित रूप से यह ब्राह्मी (ब्रह्मज्ञान सम्बन्धी) उपनिषद् है जिसका हमने उपदेश दिया है। ६उपनिषद् का तात्पर्य है अन्तरज्ञान, वह ज्ञान जो परम सत्य में प्रवेश करता है और उसमें प्रतिष्ठित हो जाता है। Thou hast said “Speak to me Upanishad”; spoken to thee is Upanishad. Of the Eternal verily is the Upanishad that we have spoken. केनोपनिषद चतुर्थ खंड मंत्र ७ #केनोपनिषद #उपनिषद #ब्रह्मज्ञान
#केनोपनिषद #उपनिषद #ब्रह्मज्ञान
read moreSHIVAM JINDAL
मन मेरा अब स्थिर हो रहा उत्सुकता कुछ भी शेष नहीं लगता सबकुछ एक समान किसी मे कुछ भी विशेष नहीं। कोई बुद्धिमान अति यहाँ पे तो कोई भुजदंडों से महान कोई विद्या सागर जैसा तो कोई धनी कुबेर समान। कोई दरिद्र यहाँ पैसे से तो कोई बुद्धि से गरीब कोई ढोता तन की अयोग्यता तो कोई शिक्षा से फकीर। सब में अपनी एक विशेषता तो सब मे कोई न कोई अभाव लगते मुझको सब एक जैसे ना दिखता कोई भेदभाव। ब्रह्मज्ञान। Think from broader perspective Invited for #collab Dedicated to #buddha Best YQ Hindi Quotes 𝘠ourQuote Didi
SHIVAM JINDAL
मन मेरा अब स्थिर हो रहा उत्सुकता कुछ भी शेष नहीं लगता सबकुछ एक समान किसी मे कुछ भी विशेष नहीं। कोई बुद्धिमान अति यहाँ पे तो कोई भुजदंडों से महान कोई विद्या सागर जैसा तो कोई धनी कुबेर समान। कोई दरिद्र यहाँ पैसे से तो कोई बुद्धि से गरीब कोई ढोता तन की अयोग्यता तो कोई शिक्षा से फकीर। सब में अपनी एक विशेषता तो सब मे कोई न कोई अभाव लगते मुझको सब एक जैसे ना दिखता कोई भेदभाव। ब्रह्मज्ञान। Think from broader perspective Invited for #collab Dedicated to #buddha Best YQ Hindi Quotes 𝘠ourQuote Didi
vishnu thore
जसे गुज सांगे आई मुलासी तसे शब्द होती मनाचे खलाशी किती साठवावा डोळ्यात ऋतू वाहणारे थांबते पाणी पुलाशी विसरायचे होते मला सर्व काही तुझी याद छळते तरी ही दिलाशी - विष्णू ©vishnu thore जसे गुज सांगे आई मुलासी तसे शब्द होती मनाचे खलाशी किती साठवावा डोळ्यात ऋतू वाहणारे थांबते पाणी पुलाशी विसरायचे होते मला सर्व काही तुझी याद
जसे गुज सांगे आई मुलासी तसे शब्द होती मनाचे खलाशी किती साठवावा डोळ्यात ऋतू वाहणारे थांबते पाणी पुलाशी विसरायचे होते मला सर्व काही तुझी याद
read moreतुषार"आदित्य"
कई किरदारों में छोड़,अपनी जान चला गया। मेरे इरफ़ान को देकर दगा,इरफ़ान चला गया। कई किरदारों में छोड़,अपनी जान चला गया। मेरे इरफ़ान को देकर दगा,इरफ़ान चला गया। इरफ़ानعرفان knowledge, discernment, science, wisdom विवेक, ज्
कई किरदारों में छोड़,अपनी जान चला गया। मेरे इरफ़ान को देकर दगा,इरफ़ान चला गया। इरफ़ानعرفان knowledge, discernment, science, wisdom विवेक, ज्
read moreJaani__ve
पावें बुरा,बेखबर,बेहया,बेवफा ए Jaani...तां वी लोका नु चंगा लगदा Jaani.. दूआंवां ओनु देवा ना बुरा ओनु केवा..पुछेया ना करो.. मेनू किने,कदे,किथ
पावें बुरा,बेखबर,बेहया,बेवफा ए Jaani...तां वी लोका नु चंगा लगदा Jaani.. दूआंवां ओनु देवा ना बुरा ओनु केवा..पुछेया ना करो.. मेनू किने,कदे,किथ
read morelalitha sai
गणपति बप्पा मोरिया..... अला रे बाप्पा आज हमारे घर.... बाप्पा आप सबकी मनोकामना पूर्ण करें.... वक्रतुंडाया.... विघ्नहर्ताया... हे गजाननना... हे गजावधना... पाहिमाम पा
अला रे बाप्पा आज हमारे घर.... बाप्पा आप सबकी मनोकामना पूर्ण करें.... वक्रतुंडाया.... विघ्नहर्ताया... हे गजाननना... हे गजावधना... पाहिमाम पा
read moreparveen mati
आत्म प्रकाश मिलता है तभी जब तप होगा अग्निकुंड में अलग पथ पर चलना होगा शून्य ज्ञान है भेड़ों के झुंड में ना लक्ष्य दिखाई दे ना दूरी आलस का नाम नहीं मजबूरी पता चली जो क्षमता वो भी आधी ब्रह्मज्ञान के लिए ले लो जलसमाधि प्रवीण माटी ©parveen mati आत्म प्रकाश मिलता है तभी जब तप होगा अग्निकुंड में अलग पथ पर चलना होगा शून्य ज्ञान है भेड़ों के झुंड में ना लक्ष्य दिखाई दे ना दूरी आलस का ना
आत्म प्रकाश मिलता है तभी जब तप होगा अग्निकुंड में अलग पथ पर चलना होगा शून्य ज्ञान है भेड़ों के झुंड में ना लक्ष्य दिखाई दे ना दूरी आलस का ना
read moreyogesh atmaram ambawale
मन सांगे घे कलम तिचे रूप कवितेत रचण्या,पण.. शब्द करतात नि:शब्द तिचे सौंदर्य कागदी उतरविण्या. सुप्रभात सुप्रभात लेखक मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? आजचा विषय आहे शब्द करतात नि:शब्द... #शब्दकरतात हा विषय
सुप्रभात सुप्रभात लेखक मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? आजचा विषय आहे शब्द करतात नि:शब्द... #शब्दकरतात हा विषय
read moreVinod Umratkar
संमदे ओरडू हाये सांगत,रहा म्हणे रे बा घरात। नि तू बाहेर हिंडत, सांग व्हत का नाही घरात । मरनाले भे जरा,कायले जीव धोक्यात घालत । आला कोरोना देशात, सांग व्हत का नाही घरात । पीएमजी सांगे,सीएमजी सांगे,राहा सारे घरात ठेवा स्वताले सुरक्षित ,सांग व्हत का नाही घरात । घेणं नाही देन नाही, तू कायले घराबाहेर पडतं बिनकामान चकरा मारत,सांग व्हत का नाही घरात । नको फिरू रे बाहेर ,नका घराबाहेर राहू हिंडत एखादा बसणं रट्टा जोरात,सांग व्हत का नाही घरात । संमदे ओरडू हाये सांगत,रहा म्हणे रे बा घरात। नि तू बाहेर हिंडत, सांग व्हत का नाही घरात । मरनाले भे जरा,कायले जीव धोक्यात घालत । आला कोरोना द
संमदे ओरडू हाये सांगत,रहा म्हणे रे बा घरात। नि तू बाहेर हिंडत, सांग व्हत का नाही घरात । मरनाले भे जरा,कायले जीव धोक्यात घालत । आला कोरोना द
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