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Saloni
White I am going to start a class regarding law . Please let me know if anyone is interested. ©Saloni #law #class
Dhaneshdwivediwriter
चलो, किताबों के इस सफर पर, हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग। . ©Dhaneshdwivediwriter #Books चलो, किताबों के इस सफर पर, हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग। #BooksBestFriends #Stories कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिं
#Books चलो, किताबों के इस सफर पर, हम फिर से मिलें, नई उम्मीदों के संग। #BooksBestFriends #Stories कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी हिं
read moreVijay Shankar
White अच्छी पत्नी पाने के लिए हर युग में प्रतियोगिताएं होती रही हैं. त्रेता में धनुष तोड़ना था, तो द्वापर में मछली की आंख पर निशाना लगाना था.. कलियुग में अब सरकारी परीक्षा पास करनी पड़ती है ।। ©Vijay Shankar अच्छी पत्नी पाने के लिए हर युग
अच्छी पत्नी पाने के लिए हर युग
read moreAkriti Tiwari
White क्या होता है एक वृक्ष का दर्द जब से जन्म हूं एक पैर पर खड़ा हूं , सहकार सारे आंधी तूफान और धूप इंसानों के काम आता हूं। अपने इच्छा से या मानव की इच्छा से उगाया जाता हूं, जरूरत पड़ती जब मेरी मानो को काटकर मेरी शाखों को कभी यज्ञ में तो कभी शमशानों में जलाया जाता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता हूं बचपन से लेकर बुढ़ापा तक मेरे साथ समय बीतता है, फिर भी मेरी जरूरत समझ नहीं पता है। बेजुबान हूं देखकर इंसानों की खुशी को अपना दर्द छुपा लेता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता है मिले समय तुम मुझ पर भी ध्यान देना, कमी होगी मेरी तो प्रकृति पर संकट गहराएगी। बारिश नहीं होगी तो फैसले बर्बाद हो जाएगी तो तुम भूखे मर जाओगे, उससे भी नहीं तो तुम्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाएगी करोगे मेरी देखभाल तो, प्रकृति में संकट नहीं आएगी l अंत में इंसानों के हर जरूरत में काम आऊंगा l ©Akriti Tiwari वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreseema patidar
White हम middle class लडको की life ..... कहा आसान होती है जनाब...... जो हम है नहीं वो बना दिए जाते है हमसे पूछे बिना ही हमारे किरदार हमे थमा दिए जाते है सपनो के पीछे भागने का शोक हमे भी होता है पर जिम्मेदारियों से कंधे लाद दिए जाते है भावनाओं को दबाना तो हमे बचपन से सिखाया जाता है लड़के रोते नहीं ,कमजोर हो क्या कहकर डराया जाता है कशमकश में जिंदगी की ऐसे उलझ जाते है कभी कभी अपना खास दिन भी भूल जाते है किसी खास मौके पर न दे पाए बीबी बच्चो को उपहार तो बेवजह ही स्वार्थी और बेपरवाह ठहरा दिए जाते है सुकून तो हमे बस अपने दोस्तो और प्रेम के साथ ही मिलता है जहां बिना तर्क के हम जैसे है वैसे अपना लिए जाते है । ©seema patidar middle class.....
middle class.....
read moreAnand Kumar Ashodhiya
निर्भया - नई हरयाणवी रागणी वासना के भूखे दरिन्दे, याहडै कदम कदम पै पावैं सैं करकै इज्जत तार तार फेर, मौत के घाट पहुँचावैं सैं मन्नै पता ना मेरी हस्ती नै, कौण मिटा कै चल्या गया मैं तीन साल की बच्ची थी मनै, मौत की नींद सुल्या गया मैं दर्द के मारे रोवण लागी, वो गला घोंट कै चल्या गया बेदम हाेकै मेरी आँख पाटगी, वो मनै फेंक कै चल्या गया इब रक्त रंजित मेरी लाश पड़ी सब, नैना नीर बहावैं सैं दस बारा आज बरस बीतगे, मनै स्कूल में जाती नै लुंगाडा की फौज खड़ी रहै, मनै छेड़ें आती जाती नै कोए नज़रां तै पाछा करता, कोए घूरै था मेरी छाती नै घर वालों को बता सकी ना मैं तो खुद पै ही शरमाती नै लूट कै इज्जत घाल कै फाँसी इब पेड्डां पै लटकावैं सैं बस का सफर हो या रेल यात्रा, सब मेरै ए सटणा चाहवैं थे सिरफिरे बदमाश अवारा, ना कुराह तै हटणा चाहवैं थे हर हालत में मनै घेर कै, मेरै तन कै चिपटणा चाहवैं थे पागल कुत्ते के माफ़िक, मेरा माँस नोंचणा चाहवैं थे आज मैं भी निर्भया बणा देइ मेरी लाश पै कैंडल जळावैं सैं हे पणमेशर तूँ हे बता तनै, यो कुणसा खेल रचाया सै औरत होणा ही दुश्वर है तो क्यूं औरत रूप बणाया सै सारी गलती नारी देह की, जो मानव मन भटकाया सै तेरी माया नै समझ सके ना, ना यो भेद किसै नै पाया सै गुरु पाले राम सुरग में जा लिए पर आनंद का ज्ञान बढावैं सैं कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya #Thinking #निर्भया #nirbhaya निर्भया नई हरयाणवी रागनी हिंदी कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता कविताएं कविता कोश
Anand Kumar Ashodhiya
पर्यावरण - नई हरयाणवी रागनी तूं कितना ए जतन लगाले बन्दे वो पल में प्रलय करता है तूं भाज भाज कै थक लेगा, वो एक पग में योजन भरता है तनै पेड़ अर पौधे काट काट कै, जंगल नदी उजाड़ दिए पर्वत घाटी काट काट कै, खनिज और पत्थर काढ़ लिए उनै बाढ़ के पंजे गाड़ दिए, इब क्यूं ज्यान बचाए फिरता है तनै सारी ए धरती बंजर करदी, मार कै खाद दवाई खान पान सब जहरी कर दिया, जहरी ए हवा बणाई तनै अपनी शामत आप बुलाई, वो तौल तौल कै धरता है धरती थोथी करकै नै तनै, सारा पाणी खींच लिया पीवण नै भी छोड़या ना तनै, आंगण बाड़ी सींच लिया उनै दया का पंजा भींच लिया इब, बूंद बूंद नै मरता है कई कई मंजिल भवन बणा लिए, कितै बारा कितै ठारा पहाड़ दरकगे नदी उफणगी, तेरा कुछ ना चाल्या चारा कदे सुनामी कदे हल्लण आरहया, फिर कुदरत से क्यूं डरता है गुरु पालेराम नै पकड़ आंगली कथना रचना सिखा दिया के आच्छा के बुरा जगत में शीशे की ज्यूं दिखा दिया उनै कड़वा मीठा चखा दिया वो जीवन के दुख हरता है कॉपीराइट©️आनन्द कुमार आशोधिया 2024-25 ©Anand Kumar Ashodhiya #पर्यावरण नई हरयाणवी रागनी पर्यावरण कविता कोश कविताएं प्रेरणादायी कविता हिंदी कविता हिंदी कविता
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