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Stories related to बराह

Dharm Desai

बराहेरास है राह-ए-खुदा अभी भी पास है वादे जुदा यकीनन आज है अभी भी बात है ज़िंदा जज़्बात है रूह के पास है #योरकोट_दीदी #योरकोटबाबा योरकोट_ह

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मैं मंज़िलो का मुक्तसर बनु 
हर मंज़र में सजदे अज़हर करू
मैं तकदीरों का तोमर बनु
हर बंजर में सदक़े अक्सर करू
अमीर-ए-हरम है ज़मीर-ए-मरहम है
कबीर-ए-करम है अबिर-ए-अकरम है
खुदा तेरे नाम जुदा मतलब एक है
मैं सिर्फ महक हूँ तु मज़हब अनेक है
ऐसे ही नही लेता इम्तिहाँ तू लोगो का 
मतलबी दुनियाँ में राह-ए-खुदा नेक है  बराहेरास है राह-ए-खुदा 
अभी भी पास है वादे जुदा
यकीनन आज है अभी भी बात है
ज़िंदा जज़्बात है रूह के पास है
#योरकोट_दीदी 
#योरकोटबाबा 
#योरकोट_ह

@aliwriters_

अपनी डांट डपट की वजह से मस्जिद में आये बच्चों के जहन में हमारे बारे में गलत तसव्वुर पैदा करने के बजाए बराहे करम अपनी तरावीह अपने घर मे पढ़िए.

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 अपनी डांट डपट की वजह से मस्जिद में आये बच्चों के जहन में हमारे बारे में गलत तसव्वुर पैदा करने के बजाए बराहे करम अपनी तरावीह अपने घर मे पढ़िए.

Abeer Saifi

कू-ए-सितम - वो जगह जहां सितम किया गया, माज़ी - अतीत, past, सिफ़त-ओ-खू - किरदार, बराह-ए-इश्क़ - इश्क़ के रास्ते, आब-ओ-हवा - पानी और हवा #

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इतनी  खुशी वहाँ  थी  के हम जा ना पाये,
कू-ए-सितम-ए-माज़ी  ग़म  भुला  ना पाये اا

कुछ  बात  रेह  गयी  थी  आपको  बतानी,
कितना  बताना चाहा लेकिन बता ना पाये اا

इक दाग़ लग गया था सिफ़त-ओ-खू पे मेरे, 
जितना  छुड़ाना  चाहा उतना छुड़ा ना पाये اا

वो  शमा बुलंद-ओ-रौशन बराह-ए-इश्क़ तेरे,
आब-ओ-हवा 'अबीरा' उसको बुझा ना पाये اا
  कू-ए-सितम - वो जगह जहां सितम किया गया, माज़ी - अतीत, past,  सिफ़त-ओ-खू  - किरदार, बराह-ए-इश्क़ - इश्क़ के रास्ते, आब-ओ-हवा - पानी और हवा

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Abeer Saifi

कू-ए-सितम - वो जगह जहां सितम किया गया, माज़ी - अतीत, past, सिफ़त-ओ-खू - किरदार, बराह-ए-इश्क़ - इश्क़ के रास्ते, आब-ओ-हवा - पानी और हवा #

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इतनी  खुशी वहाँ  थी  के हम जा ना पाये,
कू-ए-सितम-ए-माज़ी  ग़म  भुला  ना पाये اا

कुछ  बात  रेह  गयी  थी  आपको  बतानी,
कितना  बताना चाहा लेकिन बता ना पाये اا

इक दाग़ लग गया था सिफ़त-ओ-खू पे मेरे, 
जितना  छुड़ाना  चाहा उतना छुड़ा ना पाये اا

वो  शमा बुलंद-ओ-रौशन बराह-ए-इश्क़ तेरे,
आब-ओ-हवा 'अबीरा' उसको बुझा ना पाये اا
  कू-ए-सितम - वो जगह जहां सितम किया गया, माज़ी - अतीत, past,  सिफ़त-ओ-खू  - किरदार, बराह-ए-इश्क़ - इश्क़ के रास्ते, आब-ओ-हवा - पानी और हवा

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