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Raja Ali
TUFANO ME AKSAR LEHERO SE KINARA JHELTA HAI BAT JB KUCHCHH KR GUJARNE KI HOTO USAKE AAGE A TUFA KYA LEHERE KYA KINARE KYA A SB KAUN DEKHTA HAI. ©Raja Ali #Sea #Sea
Er Eishan Sharma
शोर नदियों का तो बस पल भर को रहता है समन्दर खामोश होकर भी सब कुछ कहता है ©Er Eishan Sharma #Sea #Sea
sk chodhry
माना कि जैसे सब अपने हैं पर कमबख्त अपनों में ही कुछ खास अपनों को ढूंढना बहुत मुश्किल है ©sk chodhry ,#Sea #Sea
prakash Aanjna
कोई भी महान व्यक्ति अवसरों की कमी के बारे में शिकायत नहीं करता…!! ©prakash Aanjna #Sea #Sea
kanishka
ये रातों के अंधेरे ये समुंदर की लहरे ये जगनुओ की टीम टीम खूबसूरत बोहोत है तुम्हारी कमी पर क्यों मिटती नही है खूबसूरत नज़ारे इस जहां में हैं लाखों पर तुमसे खूबसूरत इस जहां में मेरे लिए कुछ भी नही है कुछ भी नहीं है ©kanishka #sea #Sea
SHAYAR ADITYA 117
Zinda Rahne ka Ye jo jajba hai Phir Asar Layega.. Mushkil Bahut Hai Magar Waqt hi to hai.. Gujar jayega Gajar Jayega.. ©SHAYAR ADITYA 117 #Sea #Sea
Tushar Singh TS26
bichhad jaane ki baduain qabool hui thi... ab milne ki duan bhi qabool ki jaaye mera pal pal kse guzrta hai ye pegam ush tak pahuncha dia jaye...., ©Tushar Singh TS26 #sea #Sea
nita kumari
एक किनारे पर वो खड़े थे, दूसरे किनारे पर हम खड़े थे ।। कभी साथ हुआ करते थे, हाथ एक दूजे के हम पकड़े थे ।। एक छोटी सी ज़िद ने हमें जुदा कर दिया, बेवज़ह थी वो वज़ह जिस बात पर हम झगड़े थे ।। ©nita kumari #Sea #Sea
puru
एक बार की बात है, एक बकरी थी। वो बहुत खुशी-खुशी अपने गांव में रहती थी। वो बहुत मिलनसार थी। बहुत सारी बकरियां उसकी सहेलियां थीं। उसकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वो सभी से बात कर लेती थी और सभी को अपना दोस्त मान लेती थी। सभी कुछ अच्छा चल रहा था। लेकिन एक बार वो बकरी बीमार पड़ी और इस कारण वह धीरे-धीरे कमजोर होने लगी इसलिए अब वो पूरा-पूरा दिन घर पर ही बिताने लेगी। बकरी ने जो खाना पहले से अपने लिए जमा करके रखा था, अब वो भी खत्म होते जा रहा था। एक दिन उसकी कुछ बकरी सहेलियां उसका हाल-चाल पूछने उसके पास आईं, तब ये बकरी बड़ी खुश हुई। इसने सोचा कि अपनी सहेलियों से कुछ और दिनों के लिए वह खाना मंगवा लेगी। लेकिन वे बकरियां तो उससे मिलने के लिए अंदर आने से पहले ही उसके घर के बाहर रुक गईं और उसके आंगन में रखा उसका खाना घास-फूस खाने लगीं। ये देखकर अब इस बकरी को बहुत बुरा लगा और समझ में आ गया कि उसने अपने जीवन में क्या गलती की? अब वो सोचने लगी कि काश! हर किसी को अपने जीवन का हिस्सा व दोस्त बनाने से पहले उसने उन्हें थोड़ा परख लिया होता है, तो अब इस बीमारी में उसकी मदद के लिए कोई तो होता। ALSO READ: मांगो मत, ऊपर वाले को अपने हिसाब से देने दो ©puru #sea #Sea