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Reetu Yadav
मेरी कमियों को दूर करने में में जो मेरे साझेदार नही, मेरे स्वच्छ व्यक्तित्व और निर्मल व्यवहार के वे हकदार नहीं। राधे राधे। ©Reetu Yadav मेरी कमियों को दूर करने में में जो मेरे साझेदार नही, मेरे स्वच्छ व्यक्तित्व और निर्मल व्यवहार के वे हकदार नहीं।
मेरी कमियों को दूर करने में में जो मेरे साझेदार नही, मेरे स्वच्छ व्यक्तित्व और निर्मल व्यवहार के वे हकदार नहीं।
read moreAnuradha T Gautam 6280
Mahesh Chekhaliya
White 3800 करोड़ के मालिक का आखरी संदेश रतन टाटा कहते हैं.... व्यापार हो या व्यवहार उन्हीं लोगों के साथ रखो, जिनकी जान से ज्यादा जुबान की कीमत हो...! ©Mahesh Chekhaliya #Ratan_Tata 3800 करोड़ के मालिक का आखरी संदेश रतन टाटा कहते हैं.... व्यापार हो या व्यवहार उन्हीं लोगों के साथ रखो, जिनकी जान से ज्यादा जुबान
#Ratan_Tata 3800 करोड़ के मालिक का आखरी संदेश रतन टाटा कहते हैं.... व्यापार हो या व्यवहार उन्हीं लोगों के साथ रखो, जिनकी जान से ज्यादा जुबान
read moreRakesh frnds4ever
White जीते जी अमानवीय व्यवहार कर दूसरों कि नरकीय जिंदगी बनाने वाले,, झूठे पिंड दान की प्रक्रिया अपना कर पितृ दोष से तर्पण होने कि चाह रखने वाले राक्षसीय लोगों को पिशाच बनकर ही मिलना चाहिए,,, ©Rakesh frnds4ever #जीते_जी #अमानवीय व्यवहार कर दूसरों कि #नरकीय #जिंदगी बनाने वाले,, झूठे #पिंडदान की प्रक्रिया अपना कर #पितृदोष से तर्पण होने कि चा
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} अपने साफ़ व सुंदर सच्चें व्यवहार से संसार में रहो, पर संसार आपके मन में न आने पाए, मन केवल भगवान श्री कृष्ण जी के लिए आरक्षित रखो !! जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #GoodMorning {Bolo Ji Radhey Radhey} अपने साफ़ व सुंदर सच्चें व्यवहार से संसार में रहो, पर संसार आपके मन में न आने पाए, मन केवल भगवान श्री
#GoodMorning {Bolo Ji Radhey Radhey} अपने साफ़ व सुंदर सच्चें व्यवहार से संसार में रहो, पर संसार आपके मन में न आने पाए, मन केवल भगवान श्री
read moreMukesh Poonia
जिनका व्यवहार अच्छा और दिल छू लेने वाला होता है उसके लिए दुआएं अपने आप निकल आती हैं . ©Mukesh Poonia #sadak जिनका #व्यवहार #अच्छा और #दिल छू लेने वाला होता है उसके लिए #दुआएं अपने आप निकल आती हैं शुभ रात्रि सुविचार अच्छे विचार शायरी आज का वि
N S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} काम रावण, क्रोध रावण, मोह रावण, आचरण व व्यवहार रावण का, व्यक्ति के अंदर रहने वाले इस रावण को, भगवान श्री राम का मन से चितन करते हुए, धर्म के आचरण करने से अपने अंदर के रावण को मारने का प्रयास करो।। ©N S Yadav GoldMine #good_night {Bolo Ji Radhey Radhey} काम रावण, क्रोध रावण, मोह रावण, आचरण व व्यवहार रावण का, व्यक्ति के अंदर रहने वाले इस रावण को, भगवान श
#good_night {Bolo Ji Radhey Radhey} काम रावण, क्रोध रावण, मोह रावण, आचरण व व्यवहार रावण का, व्यक्ति के अंदर रहने वाले इस रावण को, भगवान श
read moreKaran Yaduvanshi
मेरे व्यक्तित्व और मेरे व्यवहार को कभी मत मिलाएगा.. क्यों कि मेरा व्यक्तित्व मैं हूँ, और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है..!! ©Karan Yaduvanshi मेरे व्यक्तित्व और मेरे व्यवहार को कभी मत मिलाएगा.. क्यों कि मेरा व्यक्तित्व मैं हूँ, और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है
मेरे व्यक्तित्व और मेरे व्यवहार को कभी मत मिलाएगा.. क्यों कि मेरा व्यक्तित्व मैं हूँ, और मेरा व्यवहार आप पर निर्भर करता है
read moreperson
इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
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गीता में, श्रीकृष्ण अर्जुन को अपनी ब्रह्मविद्या द्वारा जीवन के मार्ग के बारे में बोध करते हैं। काम (लोभ), क्रोध और लोभ को तीनों नरक द्वार कहा गया है। इन तीनों गुणों के द्वारा मनुष्य को अनिष्ट का अनुभव होता है और यह उसे सांसारिक बन्धनों में फंसा देते हैं। पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार। क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं ©person पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,
पांच तरह के विकार होते हैं काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार क्रोध, लोभ, मोह, मिथ्या भाषण यह सब अवगुण हैं अवगुण और अहंकार, घमंड, लालची स्वभाव ,
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