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vimlesh Gautamhttps://youtube.com/@jindgikafasana6684?si=qDr1CB9JbHPrEa6o
मैं ताक रही उन गगन की गोद में समाते हुए राज को जिसे क्या कहूँ उगेगा या छिपके करेगा जिंदगी का तिमिर जहां का फ़साना जिंदगी में उलझे किस्से मुकम्मल मंजिल या रास्ते टेढ़े- मेढे सोच रही हाथों में थामें उस तोहफ़े को बंबडर यादों का या किस्सा कल का। ©vimlesh Gautam #पिछला साल याद तो
पिछला साल याद तो
read moreबादल सिंह 'कलमगार'
पिछला हुआ गया मिला वही जो अपना हुआ #badalkishayari #Safar_E_Zindagi #kavita
read moreA.j9h(9h.a.n)
# पिछला मोहब्बत को # पहले वाली मोहब्बत # कहना पड़े # वो मोहब्बत, मोहब्बत नहीं नहीं होता..!
read morepandit chandan
Sadanand Kumar
मेरी धारावाहिक का एक छोटा सा अंश, " हर बार पुछती हो, कैसे हो " #story #storytelling #BreakUp #lonely #NojotoFilms #Trending Intern
read moreSumitGaurav2005
पारिवारिक धारावाहिक के नाम पर डेली सोप तो हमारी भावनाओं के साथ खेलते ही हैं! लेकिन इनके बीच में जो ऐड आती है वह पूरा दिमाग खराब कर देती हैं।
read moreDivya Joshi
प्रतिलिपि पर मेरे लिखे धारावाहिक और अन्य कविता, कहानियाँ पढ़ना चाहें तो यहाँ click करें app download के लिए- लिंक पर क्लिक करें https://prati
read moreDil galti kr baitha h
एक क़तरा मलाल भी बोया नहीं गया; वो खौफ था के लोगों से रोया नहीं गया; यह सच है के तेरी भी नींदें उजड़ गयीं; तुझ से बिछड़ के हम से भी सोया नहीं गया; उस रात तू भी पहले सा अपना नहीं लगा; उस रात खुल के मुझसे भी रोया नहीं गया; दामन है ख़ुश्क आँख भी चुप चाप है बहुत; लड़ियों में आंसुओं को पिरोया नहीं गया; अलफ़ाज़ तल्ख़ बात का अंदाज़ सर्द है; पिछला मलाल आज भी गोया नहीं गया; अब भी कहीं कहीं पे है कालख लगी हुई; रंजिश का दाग़ ठीक से धोया नहीं गया। --------------- ©Dil galti kr baitha h एक क़तरा मलाल भी बोया नहीं गया; वो खौफ था के लोगों से रोया नहीं गया; यह सच है के तेरी भी नींदें उजड़ गयीं; तुझ से बिछड़ के हम से भी सोया नहीं
एक क़तरा मलाल भी बोया नहीं गया; वो खौफ था के लोगों से रोया नहीं गया; यह सच है के तेरी भी नींदें उजड़ गयीं; तुझ से बिछड़ के हम से भी सोया नहीं
read moreJitender Kumar
horror आँखों को इंतज़ार की भट्टी पे रख दिया मैंने दिये को आँधी की मर्ज़ी पे रख दिया आओ तुम्हें दिखाते हैं अंजामे-ज़िंदगी सिक्का ये कह के
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