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Stories related to तैने का ठानी मन में

Parasram Arora

मन का सैयाद

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White रात भर  वो नींद 
से  आँख मिचोनी 
का खेल खेलता रहा 


लगता है कहीं 
उसने वही उबाउ 
ख्वाब फिर से न देख लिया हो

जिंदगी को जीनेके
 लिए वो नए बहाने ढूंढ रहा है 
हो सकता  है मन 
के सैयाद ने जिंदगी
 के सामने  फिर  
नए दाने  न फेंक दिए  हो

©Parasram Arora मन का सैयाद

रघुराम

#Sad_Status मन का गुलाब

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White मेरे मन का लाल गुलाब
गगन जा खिला।
प्यार का गंध भी उस पुष्प जा मिला
नयन वावरा बहका बहका उसके नैनो से जा मिला।।।

©रघुराम #Sad_Status मन का गुलाब

Vinod Mishra

"गांठ मन में नहीं, मन में गांठ बांध लीजिए तो मन की मनौती पूरी हो जाएगी." #विनोद #मिश्र #मोटिवेशन ✍️

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s गोल्डी

आकाश का सूनापन, मेरे तनहा मन में" पायल छनकाती तुम "आ जाओ ना दिवाली में.

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आकाश का सूनापन, मेरे तनहा मन में"

पायल छनकाती तुम "आ जाओ ना दिवाली में.

©s गोल्डी आकाश का सूनापन, मेरे तनहा मन में"
पायल छनकाती तुम "आ जाओ ना दिवाली में.

Bachan Manikpuri

मन को काबू में करना

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katha Darshan

मन का रावन मरता नहीं

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Nirankar Trivedi

मन में भर कर जीना और मन भर कर जीने में बहुत फर्क है

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मन में भर कर जीना, 
और मन भर कर जीने में बहुत फर्क है

©Nirankar Trivedi मन में भर कर जीना और मन भर कर जीने में बहुत फर्क है

Anita Agarwal

मन का आँगन

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heart  

कितना अनोखा है ना ये मन का आँगन! 

पल मे खिल जाता
तो पल मे मुरझाता है। 
खुशी और गम का झोंका 
हर क्षण आता जाता है।। 

कभी फूलोँ सा संवर उठता है
 बादलों की गड़गड़ाहट से भी। 
कभी कुम्हला जाता है
 किंचित धूप की आहट से भी ।। 

कोई बरसों से संजोया ख्वाब
सच होकर बरस जाता है 
और कभी हकीकत की जमीन पर 
 अनायास डर जाता है।। 

इस आँगन को चाहिए
विश्वास और दृढ़ता की खाद।
हर बाधा को पार कर तब,
रहेगा सालों साल आबाद

©Anita Agarwal मन का आँगन

Shashi Bhushan Mishra

#मन है एक हवा का झोंका#

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मन है एक हवा का झोंका, 
उड़ने  से  किसने है  रोका,

आसमान है ख़ुद के भीतर, 
दुनिया तो  केवल है धोखा,

होती है जब प्रिय कल्पना,
बिना खर्च  रंग हो  चोखा,

हुई आज हैरत अपनो पर,
जबसे छुरी पीठ में भोंका,

करते फिरते सब मनमानी,
बोलो किसने किस्को टोका,

बढ़ी आज रफ़्तार सड़क पे, 
दुर्घटना में   ठोकम   ठोंका,

हुआ उजाला जब तो देखा, 
पाँव पड़ा है जख़्मी फोंका, 

शांति नहीं है मन में 'गुंजन',
फिर समझो  सारे हैं बोका,
--शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
        प्रयागराज उ॰प्र॰

©Shashi Bhushan Mishra #मन है एक हवा का झोंका#

Diwani Divya

#आइना मन का💖🙏🌹

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