Find the Latest Status about roya institute for global justice from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, roya institute for global justice.
blogwriternisha
White हजारों सपनो की कतार मैं, सपनों की लेकर पतवार वो बह जाना चाहती थीं, बेटी बनकर आईं थीं, पिजरे से आज़ाद हों उड़ जाना चाहती थी...!! .................. पड़ लिख कर , अपनी सपनों की दुनियां मैं वो नादान सी लड़की डॉक्टर बनना चाहती थी school किया college कर ug pg करके वो अपनी पहचान बनाना चाहती थी .................. पड़ भी गईं वो लिख भी गईं, अपने इरादों की वो पक्की थीं, फिर हर रोज़ अपने सफ़र की उड़ान भरने को हॉस्पिटल मैं दिन मैं ड्यूटी रात मैं ड्यूटी करती थी... .................. कहा सोचा था उस नादान ने ,की लग जायेगी उसे हैवानियत की नज़र, कुछ जिस्म के भुखे लोग रख रहें थे उस पर नज़र लोगों की ज़िन्दगी बचाने, के लिए जो खुद अपने दिन रात से लड़ रही थी... .................. जिस्म का भूखा ये इंसान इस हद तक दरिंदगी फेलाएगा, शरीर, का कतरा कतरा तो क्या आंख भी नोच कर खाएगा हवस ने इंसान की, बेटियां की ज़िन्दगी को , बस अपनी भूख मिटाने का जरिया बना डाला हैं.... ..................... अपनी मौत का इंतज़ार कर रही थी वो बेटी इंसान तो जिंदा हैं ... और हैवानियत जिस्म की भी भूख की इस क़दर बड़ चुकी है की इंसान ने इंसानियत को ही मार डाला हैं... ..….............. ©blogwriternisha justice for doctor moumita
justice for doctor moumita
read moreRahul Rajbhar
आज हर गली मोहल्ले में बैठे कुछ दरिंदे इस तक में | मौका मिलते ही लूट ले इज्जत भारी बाजार में || ना डर है ना भय इनको बेख़ौफ़ घुमते दिख जाएंगे इस कलयुगी संसार में | बेखौफ दरिंदे घूम रहे हैं | हम और आप बने मुख दर्शक हैं || चलो अपनी बेटियों को मां काली का पाठ सिखाएं आए इज्जत पर आंच अगर तो धड़ से शीश काट कर लाए|| ©Rahul Rajbhar Justice for Kolkata Doctor
Justice for Kolkata Doctor
read moreAmit Santra
Justice for R.G.Kar ©Amit Santra #DiyaSalaai justice for R.G.Kar
#DiyaSalaai justice for R.G.Kar
read morejiyaa
White जहां दिन रात सुनती थी किसी नए मेहमान के आने की किलकारियां वहां मेरी चीखे दब कर आखिर क्यूं रह गई ? मम्मा !! आप ही तो कहते थे न की हमेशा सच के लिए लड़ना तो क्या गुनाह हुआ मुझसे जो मैं जीत न सकी ? नही .. न थी मैं गलत कपड़ो में न ही देर रात निकली थी लोगो की जान बचाने की कसमें थी मेरे पर , सफेद कोर्ट ही मेरी वर्दी थी सपने पूरे कर.. आज मैं उस सपने की मंजिल पर ही थी मूंदकर भरोसा था जिस दहलीज पर मुझे वो ही क्यों मेरे खून से लाल हो चली थी मम्मा !! पापा !! हां बेहद दर्द हुआ ... आंखो से आसू भी बह चले थे लेकिन बंद होती उन आंखो ने सिर्फ उस वक्त एक ही दुआ फिर से मांगी थी इस जन्म में जो अधूरी रह गई है ख्वाइश आपकी उन्हे अगली बार पूरा करने आऊंगी बेटा नही, मैं आपकी फिर से बेटी ही कहलाऊंगी मैं आपकी बेटी ही कहलाऊंगी ©jiyaa @justice for Moumita Debnath 🙏🙏
@justice for Moumita Debnath 🙏🙏
read morekanel
मर गई इंसानियत लेकिन इंसान जिंदा है जिस्म को नोचने वाला शैतान जिंदा है हर साल दशहरे पर रावण का पुतला जलाते हो लेकिन लोगो के अंदर आज भी रावण जिंदा है दीपावली पर अपने घर में मां बेटी को पुजा जाता है लेकिन किसी के घर की बेटी को नोच लिया जाता है नवरात्रि में नौ दिन लड़कियों को देवी मानते हो लेकिन उसके बाद उन्ही के साथ कभी दहेज के लिए मार दिया जाता है तो कभी उन्ही को हेवानियत से मार दिया जाता है इस आज़ाद देश में खूब लगाए जाते है आजादी के नारे लेकिन जहा गली नुक्कड़ तो छोड़ो हॉस्पिटल में patient की जान बचाने वाली डॉ. लड़किया भी सुरक्षित नहीं हैं वहा आजादी का जशन मनाना सही है जिस देश में रातों रात सरकार बदल दी जाती हैं जिस देश में रातों रात नोट बन्द कर दिए जाते है उस देश में सरकार इन बलात्कारीयो को फासी देने में किस बात के लिए रुक जाती हैं होता है इंसाफ सालो के इंतजार के बाद तब तक वो हेवन किसी ओर बेटी को खा जाता है.....✍️ सहम जाते हैं माता पिता जब बेटी को जरा सी चोट लग जाती हैं लेकिन जिनकी बेटी के साथ हैवानियत हुए है उनका क्या हाल हो रहा होगा ......✍️ ©kanel justice for victims
justice for victims
read moreniranjana dange,Neel.
"justice for Dr mounita debnath" हर एक पल के साथ वो मंजर याद आता है कॉप जाति है रूह मेरी जब वो खौफनाक मंजर याद आता है कुछ वहसी दरिंदो हैवानों की हैवानियत की खौफनाक रात याद आती है क्या गुजरी होगी उस मासूम पर कितना वो तड़पी होगी छटपटाई होगी चिल्लाई होगी तड़प तड़प कर रोई होंगी खुद को बचाने की अंत तक कोसीस तो उसने की होंगी क्या खता थी उस मासूम की वो तो फर्ज अपना निभा रही थी खुद की नीद चैन गवा कर दूसरो को सेवा में लगी थी क्यू दरिंदो की रूह ना कापी क्यू वहसी पन कर गए क्यू एक मासूम कू तड़पा तड़पा के, मौत की नींद सुला गए चाहिए हमे तो इंसाफ अब ,उस कोमल सी जान का उसके हर दर्द का उसकी हर चोट का कत्ल करो सरेआम उन वहसी दरिंदो का 😢😢😢 ©Neel. justice for Dr moumita debnath #real_story #justice #Real_Feelings
justice for Dr moumita debnath #real_story #justice #Real_Feelings
read more