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Vs Nagerkoti

#good_night parent,s का हद से ज्यादा सनेह भी कभी आपके लिए किस प्रकार अचानक अभिशाप मैं परवर्तित हो जाता है ।

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White कही आपके मां बाप का अपार स्नेह आपको 
अपाहिज तो नही बना रहा । क्या आप जानते 
है । आपके parent किस प्रकार अंजाने में 
आपका  जीवन नष्ट कर देते है । बेपनाह प्रेम हर 
वक्त फिक्र करना । बेमतलब हमेशा कीमती 
gift और हर रोज अनावश्यक पैसा देना ।
जो आपके कल को बुरी तरह से प्रभावित 
कर सकता है । जो कल आपको बेहद कमजोर 
और अकेला कर सकता है । जो कल आपको 
अपने पैरों में खड़ा भी नहीं होने देगा ।
इसलिए खुद संभलने की कोशिश करें ।
जरूरी नहीं कि सभी के parent,s इतने 
समझदार हो । ये चीजें कल आपके लिए 
मीठा जहर भी साबित हो सकती हैं ।










ये लेख सिर्फ उन नवयुवकों के लिए है 
जो Midlle Class family से belong 
करते है ।

©Vs Nagerkoti #good_night parent,s का हद से ज्यादा सनेह भी कभी आपके लिए किस प्रकार अचानक 
अभिशाप मैं परवर्तित हो जाता है ।

Ekta Singh

एक सदा

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White मन पे दस्तक बार बार हो रही 
मानो दूर से कोई सदा आ रही

©Ekta Singh एक सदा

Shashi Bhushan Mishra

#एक-एक कर चले गए#

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एक-एक  कर  चले गए,
बारी  बारी    छले   गए,

दो पाटन के बीचों-बीच,
जितने थे  सब दले गये,

गर्म तेल से भरी कराही,
गिरे तो समझो तले गये,

शोक और दुःख से यारों,
फ़ुरसत  लेकर भले गये,

वक्त रेत सा फिसल गया,
हाथ  अंत  में  मले   गये,

अपनी  आंखों  के  आगे,
टूटा  भ्रम  दिलजले  गये,

संभल नहीं पाया 'गुंजन',
दल-दल में  मनचले गये,
-शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #एक-एक कर चले गए#

gaTTubaba

एक उम्र

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Madhusudan Shrivastava

एक खयाल

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Ekta Singh

एक प्रसंसा

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White कहानी पर आपकी पकड़ बहुत मज़बूत है।
इस बात को मैं शुरू से ही मानता हूं, आपकी कहानी पूर्णतया अर्थपूर्ण होती है।
क्योंकि, इसमें आपको कुदरती महारत हासिल है।
मैंने महसूस किया है कि अगर कहानी में कहीं कुछ कमी रह भी जाती है तो आपका दमदार प्रस्तुतीकरण उस कमी को दबा देता है। सुनने वाले का ध्यान न सिर्फ़ आपकी कहानी पर केंद्रित होता है। बल्कि उसका 50% आपके प्रस्तुतीकरण पर भी स्वत: ही केंद्रित हो जाता है।
भावनाओं से परिपूर्ण कहानी हमेशा हृदय तल को छू जाती है। और हमें हमेशा के लिए याद रह जाती है, कि कहीं कभी हमने कोई कहानी सुनी या पढ़ी थी। जिस से उस व्यक्ति के हृदय में अमर हो जाती है लेखक की याद,, जो कि हमेशा, जीवन भर पढ़ने वाले या सुनने वाले के हृदय में अपना स्थान बनाए रखती है।
मेरा मानना है की कहानी का विषय या प्लाट कुछ भी हो, कैसा भी हो। किंतु, उसमें कोई संदेश अवश्य हो। भावनाओं का हिलोरे लेता एक ऐसा असीम सागर भी महसूस हो, जो श्रोता या पाठक के ह्रदय को तृप्ति प्रदान करता हो। 
कविता रूप में लिखी गई आपकी ये कहानी भी हृदय स्पर्शी है। भावनात्मक है।आप हमेशा अच्छा लिखें, लिखती रहें। ईश्वर से यही प्रार्थना है।

©Ekta Singh एक प्रसंसा

हिमांशु Kulshreshtha

एक दिन..

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White एक दिन
जो कभी गुजार पाऊँ
तुम्हारे साथ..
किसी झील के करीब
दूर से आता देख तुम्हें
इंतजार की पीढ़ा भूल
हाथ उठा कर बुला लूँ
तुम्हें नज़दीक
तुम्हारे हाथ बढाने
और मेरा हाथ थाम
देखते रहें एक दूसरे की आँखों में
ख़ामोश रहें होंठ
बातें आँखों से कर लें हम
जी लें उन चंद पलों में
एक पूरा जीवन
इस क़दर ख़ामोशी दिल की
धड़कन सुन पाएं एक दूजे की हम
ख्वाहिश छू लेने की
एक भीगे से चुम्बन की
महज ख्वाहिश, अधूरी, अनुत्तरित

©हिमांशु Kulshreshtha एक दिन..

mehar

#एक मुलाकात

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आज की ख्वाहिश की बस तुमसे मुलाकात हो जाए।
बस एक नजर का दीदार नसीब हो जाए
बस देख लू ,मै तेरी आंखों में वो सब जो, तुम लबों से कह न पाए।
बस तुम से एक मुलाकात हो जाए
चाहे तुम कुछ कहो न  कहो ,
खामोश ही सही बस नजरो से नजरो 
की बात हो जाए ।
आज बस तुम से एक मुलाकात हो जाए।।

©mehar #एक मुलाकात

Anju Dubey

एक यात्रा

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कुछ ही देर में प्रयागराज के पुल के ऊपर ट्रेन  गुजरने वाली थी
मैं भी खिड़की पर नज़रें टिकाए नीचे संगम नदी का इंतजार कर रही थी मेरे बगल में एक दस साल की लड़की बैठी हुई थी वो भी खिड़की की तरफ ही देखती जा रही थी
इतनी देर में उसके पापा एक पांच का सिक्का निकालते हैं उसे देते हुए कहते हैं बेटा नदी आएगी उसमें डाल देना अब नदी आने वाली होती  ही  है 
हमारी बोगी एक में महिला आती है उसके बाद छोटा बच्चा होता है और वह कहती है मां कुछ दे दो बाबा दे दो यह नजारा बहुत ही अद्भुत था मैं इसका इसका शब्दों में बयां नहीं कर सकती  ऊपर ट्रेन गुजर रही है नीचे हमारी संगम नदी बह रही है और एक महिला  छोटे से बच्चे के साथ कुछ जो चलने में असमर्थ थी दस साल की बच्ची के हाथों में पांच का सिक्का
जैसे ही उसने फेंकने के लिए हाथ बढ़ाया  उस महीला ने बोला कुछ दे दो बेटा दुआ लगेगी
  उस बच्ची ने  सिक्का उस महिला को दे दिया और चुपचाप बैठ गई वह महिला खुश होकर इतनी सारी दुआएं देकर चली गई उसे बोगी में बैठे लोग उस लड़की को गर्व की नजरों से देखने लगे और उनसे मैं भी एक थी

©Anju Dubey एक यात्रा

हिमांशु Kulshreshtha

एक दिन...

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White एक दिन
शायद …
खत्म होगा इंतजार…
बहु प्रतीक्षित इंतजार.!!!!

©हिमांशु Kulshreshtha एक दिन...
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