Find the Latest Status about तरंगिणी के लेखक from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तरंगिणी के लेखक.
Aaradhana Anand
"कीमती है सिक्के, ईमान सस्ता है.. यहां रिश्तों का मतलब ही मतलब का रिश्ता है...!!! चित् तरंगिणी पत्रिका
चित् तरंगिणी पत्रिका
read moreAaradhana Anand
“भारतस्य प्रतिष्ठे द्वे संस्कृतं संस्कृतिस्तथा” यानी भारत की दो प्रतिष्ठायें हैं पहली संस्कृत व दूसरी संस्कृति..... “संस्कृताश्रिता संस्कृति:” यानि भारत की संस्कृति संस्कृतभाषा पर ही आश्रित है। चित् तरंगिणी पत्रिका
चित् तरंगिणी पत्रिका
read moreAaradhana Anand
करके साधु की हत्या , मिला कौन सा मान । कुकर्मो से मानव न सुधरे , कैसे बसा ये अभिमान ।। नमन करो तो ज्ञान मिले , मिले धर्म का ध्यान । साधु की हत्या करे जो, न हो कभी कल्याण ।। मानव की बुद्धि भ्रष्ट हुई , यहां पापी बने महान । दुनिया मे हाहाकार मचा , ये ही कर्मो का परिणाम ।। चित् तरंगिणी पत्रिका
चित् तरंगिणी पत्रिका
read moreAaradhana Anand
हे मेरे हृदय इतना भी न दोष दो। दे सको तो दिल का अपने आगोश दो।। #love_at_first_sight चित् तरंगिणी
#love_at_first_sight चित् तरंगिणी
read moreAaradhana Anand
चित् तरंगिणी पत्रिका दिव्य शब्द संग्रह खाली है सडक लेकिन ,मोड बहुत है । दिखती है साफ सुथरी लेकिन , जोड बहुत है ।। चित् तरंगिणी पत्रिका
चित् तरंगिणी पत्रिका
read moreAaradhana Anand
प्रेम को शब्दो की जरूरत नही होठो से ना कहना तुम आँखे कहकर बोलेंगे पत्थर का ही हृदय भले हो आखिर कुछ तो समझेगा ।। चित् तरंगिणी पत्रिका (दिव्य शब्द संग्रह ) Aaradhana anand
चित् तरंगिणी पत्रिका (दिव्य शब्द संग्रह ) Aaradhana anand
read moreGyanu Sagar
मुकद्दर में हर चीज भगवान नहीं लिखता कभी-कभी हम इंसान भी लिखते हैं ©Gyanu Sagar मुकद्दर के लेखक
मुकद्दर के लेखक
read moreRAKESH NAYAK
बहोत से गहरे लफ्ज़ कलम से पंनो तक तो ठीक पर वही लफ्ज़ पंनो से आपके आंखों तक मे ही कुछ अक्षर उन्हे बेजुबां कर देते है " लेखक के भाव " #writers #feelings #nojoto
Writer Abhishek Anand 96
जब अगले साल यही वक़्त आ रहा होगा, ये कौन जानता है कौन किस जगह होगा। तू मेरे सामने बैठा है, और मैं सोचता हूँ की आते लम्हों में जीना भी इक सजा होगा। यही जगह जहाँ हम आज मिल के बैठे है। इसी जगह पे राम जाने कल को क्या होगा बिछड़ने वाले तुझे देख - देख सोचता हूँ तू फिर मिलेगा तो कितना बदल गया होगा हम अपने-अपने बखेड़ों में फस चुके होंगे यह चमकते हुए पल धुआँ होगा यह चमकता हुआ दिल बुझा - बुझा सा होगा लहू रुलाऐगा वो धूप छाँव का मंज़र की नजर उठेगा जिस दिन उस दिन हर तरफ अंधेरा होगा मिलने वाले ना जाने कल तेरा कहाँ ठिकाना होगा ना जाने कल मेरा कहाँ बसेरा होगा मिलने वाले इक दिन तू बहुत रुलाऐगा जब याद तुम्हारी अंतर्मन की गहराई को छु जाएगा ©wrïtêr ãbhïßhêk æñæñd #desert लेखक के लेखनी को सलाम ❣️
#desert लेखक के लेखनी को सलाम ❣️
read moreMukesh Kumarhttps:/
जन्मदिन के खास लम्हें मुबारक, आंखों में बसे नए ख्वाब मुबारक , जिंदगी जो लेकर आई हैं आपके लिए आज... वो तमाम खुशियों की हसीं सौगात मुबारक ??? दोस्तों के लिए न्यू शायरीयरी #Dosti मुकेश कुमार लेखक
दोस्तों के लिए न्यू शायरीयरी #Dosti मुकेश कुमार लेखक
read more