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Radhe Radhe
White सिंह, सिंह होता है जहाँ बैठ जाए सिंहासन वही ठीक उसी तरह राजा खुद से राजा होता है जहां भी खड़े हो हर रूप में पहचान आ जाएगा जय श्री राम ©Radhe Radhe सिंह सिंह होता है
सिंह सिंह होता है
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी ठेस ना लगे किसी को लोग दिखावा पसन्द नही करते थे बराबरी से बैठने में ना शर्मिंदा हो गरीब इसलिये भेष भूषा और पोशाको से उसे आहत नही करते थे ईर्ष्या बैमनस्य से ना जले समाज परिवार इसलिये होड़ बढ़ाकर किसी के अंदर असन्तोष नही पनपने देते थे मगर आज दिखावे की बीमारी लोगो को हिंसक और प्रतिशोधी बना रही है बराबरी की होड़ में जिंदगी सबकी दाँव पर और तबाही की ओर जा रही है धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_Status धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है #nojotohindipoetry
#Sad_Status धन दौलत ही आज माई बाप बनती जा रही है #nojotohindipoetry
read moreSurjeet kumar
White जिंदगी कुछ तो बता। ©Surjeet kumar #Aap #जी #काम बादल सिंह 'कलमगार'
Veer Tiwari
नोट: रामधारी सिंह दिनकर की कविता "कुरुक्षेत्र" आज मैंने रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता "कुरुक्षेत्र" पढ़ी, और इसने मेरे मन में अनगिनत विचारों का जन्म दिया। यह कविता न केवल युद्ध की विभीषिका को उजागर करती है, बल्कि मानवता, नैतिकता, और धर्म के गहरे सवालों को भी सामने लाती है। जब मैं इस कविता को पढ़ रहा था, तो मुझे लगा कि यह केवल एक ऐतिहासिक कथा नहीं है, बल्कि आज के समय में भी इसका महत्व है। आज जब हम अपने समाज में विभिन्न प्रकार के संघर्ष और असमानताओं का सामना कर रहे हैं, दिनकर जी की यह कृति हमें एक नई दृष्टि प्रदान करती है। कविता में कौरवों और पांडवों के बीच का संघर्ष, केवल भौतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक मानसिक और आध्यात्मिक लड़ाई भी है। यह हमें सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हमें ऐसी लड़ाइयों की आवश्यकता है? क्या हम अपने धर्म और नैतिकता के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर किसी भी प्रकार की हिंसा को सही ठहरा सकते हैं? कविता में दिनकर जी ने जिस तरह से लाशों की महक और घायल सैनिकों की पुकार का चित्रण किया है, वह अत्यंत संवेदनशील है। यह हमें याद दिलाता है कि युद्ध केवल एक शारीरिक संघर्ष नहीं है, बल्कि इसके साथ जुड़ी होती हैं अनगिनत मानसिक और सामाजिक पीड़ाएँ। आज के समय में, जब हमारे समाज में हिंसा, धार्मिक असहमति, और राजनीतिक संघर्षों की बातें बढ़ रही हैं, तब यह कविता और भी अधिक प्रासंगिक हो जाती है। कविता ने मुझे यह सिखाया कि हमें संवाद और समझदारी के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए। आज के संदर्भ में, हमें यह समझने की आवश्यकता है कि शांति केवल युद्ध के बिना नहीं है, बल्कि यह आपसी सहयोग और समझदारी से ही संभव है। हमें दिनकर जी के इस महत्वपूर्ण संदेश को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इसलिए, मैंने निश्चय किया है कि मैं अपने आसपास के लोगों के साथ संवाद स्थापित करूंगा। मैं समझता हूँ कि बातें करने से misunderstandings कम होती हैं और सामंजस्य बढ़ता है। हमें हर किसी के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और असमानताओं के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए। इस कविता को पढ़ने के बाद, मैंने यह महसूस किया कि रामधारी सिंह दिनकर केवल एक कवि नहीं, बल्कि एक विचारक भी थे। "कुरुक्षेत्र" में दिए गए विचार और संदेश आज भी हमारे समाज के लिए प्रासंगिक हैं। मुझे लगता है कि हम न केवल अपने व्यक्तिगत जीवन में सुधार कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जा सकते हैं। आज का यह अनुभव मुझे हमेशा याद रहेगा, और मैं इसे अपनी जीवन यात्रा में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखता हूँ। ©Veer Tiwari रामधारी सिंह दिनकर "कुरुक्षेत्र"
रामधारी सिंह दिनकर "कुरुक्षेत्र"
read moreसूर्यप्रताप स्वतंत्र
White हमने ख़ुद को झोंक दिया है, गाँव गली गुलकारी में। इसीलिए बन नील कुरिंजी, उपजी हो फुलवारी में। ©सूर्यप्रताप स्वतंत्र करन सिंह परिहार kavita ranjan #कविता_संगम
करन सिंह परिहार kavita ranjan #कविता_संगम
read moreANSARI ANSARI
White जवानी मे खुन पसीना बहा था परिवार के हर खुशी के लिए। जीवन भर की कमाई लुटा देता है इन्सान बुढ़ापे मे दो वक़्त रोटी के लिए। नासमझ है ओ बुढ़ापे मे ठुकरा देते है मा बाप को दौलत के लिए। ©ANSARI ANSARI दौलत के लिए।
दौलत के लिए।
read morekavitri vibha prabhuraj singh
White राम जी के नाम की हर ओर चर्चा आम है, विश्व देखो राम मय है,राम का उर धाम है। राम के आदर्श अब हर,व्यक्ति के मन में बसें, राम जी की जब कृपा हो, पूर्ण तब हर काम है। _विभा सिंह ©kavitri vibha prabhuraj singh #मन के भाव #विभा सिंह
Dia
खत अच्छा लिखा था तुमने, हाल-चाल छोड़ के, सब कुछ लिखा था तुमने, चलो शुक्र है, याद तो हैं हम तुम्हें, वरना हमें तो लगा था, तुम भूल जाओगे हमें ©Dia #kitaab Niaz (Harf) शिवम् सिंह भूमि
#kitaab Niaz (Harf) शिवम् सिंह भूमि
read moreVikram vicky 3.0
White वो शख़्स कहता है कि मुझे मिलना हैं तुमसे वो जानता नहीं की खुद के लिए भी अजनबी हूं मैं Vr... ©Vikram vicky 3.0 #atit महेन्द्र सिंह (माही) Alka Pandey ("MohiTRoCK f44 ") बादल सिंह 'कलमगार' Umme Habiba
#atit महेन्द्र सिंह (माही) Alka Pandey ("MohiTRoCK f44 ") बादल सिंह 'कलमगार' Umme Habiba
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