Find the Latest Status about डरावनी आवाज from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, डरावनी आवाज.
Sudha Tripathi
मुझे नहीं पता मुझे अंधेरे से इतना डर क्यों लगता है शहर में नाइट कर्फ्यू था 3:00 बजे रात को स्टेशन छोड़ने जाना था कोई और वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी ट्रेन दूसरे दूरवाले नए स्टेशन पे आने वाली थी पहली बार वो स्टेशन जाना हुआ बड़ी हिम्मत करके तैयार तो हो गई लेकिन आते समय अपने याददाश्त शक्ति के क्षमता अनुसार रास्ता भूल गई एक तो इतने सारे निर्माणाधीन फ्लाईओवर की वजह से सारे रास्ते को ब्लॉक किया हुआ था सब कुछ बंद होने की वजह से मुझे समझ नहीं आ रहा था किस एरिया में हूँ केवल कुत्ते की भौंकने की डरावनी आवाज हर ओर से आ रही थी मोबाइल में नेट नहीं पेट्रोल देखा तो वह भी रिजर्व..... नाइट कर्फ्यू की वजह से एक इंसान कहीं नहीं अब पूँछू भी तो किससे परिस्थितियां कुछ ऐसी थी आगे जाँऊ या पीछे जाँऊ कुछ समझ नहीं आ रहा था मैं रुक कर हर पोस्टर पर एरिया का नाम ढूंढने का प्रयास करने लगी तभी पीछे से आवाज आई क्या मैं आपकी कुछ मदद कर सकता हूं मेरी स्थिति क्या थी वो मैं बता नहीं सकती बहुत हिम्मत करके पीछे देखा पूरी तरह से कवर केवल आँखे दिख रही थी दोनों स्थितियां चल रही थी एक ओर आशा की किरण तो दूसरी ओर........ मैंने कहा भाई साहब रेस कोर्स अभी कितनी दूर है यहां से उन्होंने कहा बेन बहुत आगे आ गए हो आप उन्होंने मुझे समझाया मुझे नहीं पता नाईट कर्फ्यू में वो कहां से आये मैं इतनी अधिक डरी हुई थी कि जल्दी जल्दी मैंने उन्हें धन्यवाद दिया और उनके बताए गए रास्ते से जब रेसकोर्स के आसपास आई तो मेरी जान में जान आई घर पहुंच कर आधे घंटे लगे होंगे मेरी धड़कनों को सामान्य होने में और उस दिन समझ में आया अंधेरा क्या होता है? सन्नाटा क्या होता हैं?कुत्तों का भौंकना कितना भयानक होता है? अनजान रास्ते पर अकेले इंसान का मिलना क्या होता है? रास्ता भूल जाना क्या होता है? और भी बहुत सारी बातें.... ©Sudha Tripathi मुझे नहीं पता मुझे अंधेरे से इतना डर क्यों लगता है शहर में नाइट कर्फ्यू था 3:00 बजे रात को स्टेशन छोड़ने जाना था कोई और वैकल्पिक व्यवस्था नह
मुझे नहीं पता मुझे अंधेरे से इतना डर क्यों लगता है शहर में नाइट कर्फ्यू था 3:00 बजे रात को स्टेशन छोड़ने जाना था कोई और वैकल्पिक व्यवस्था नह
read morePushpendra Pankaj
पहाङी के पीछे की तबाही का मंजर, देखा नहीं जाता। बादल का फटना,मकानों का धंसना, सङकों का टूटना ,जल सैलाब फूटना , दर्दनाक जन हानि,फिर लंबी वीरानी, प्रकृति का प्रकोप, विपक्षियों के आरोप, फिर लोगों का बातों का बतंगङ, देखा नहीं जाता ।। ©Pushpendra Pankaj #WoRaat डरावनी
#WoRaat डरावनी
read moreLove Boy 101
रात का 12:00 मैं तब घर में लेटा था तभी मुझे एक बाहर से आवाज आया टॉक टॉक टॉक डॉग मैं अभी तक घर पर सिर्फ मैं ही था मैं भी सोच रहा हूं इतना रात को बाहर कौन दरवाजा दस्तक दे रहा है मैं थोड़ा सा घबरा गया लेकिन थोड़ा सा हिम्मत लेकर मैं धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया जब भी दरवाजा पर हाथ लगाया तब भी दस्तक देना बांध हुआ अभी दरवाजा खुला मैंने देखा देखा कोई बाहर नहीं है मैं फिर दरवाजा बंद कर दिया फिर दरवाजा पर दस्तक देना शुरू हुआ मैं और भी घबरा गया फिर मैंने दरवाजा चाबी कोला तब देखा बाहर नीचे का सिक्योरिटी दरवाजा पर दस्तक दे रहा है,आज के लिए इतना ही कहानी आप लोगों कहानी अच्छा लगा फॉलो जरूर करिएगा मैं फिर से लौट आऊंगा नया कहानी के साथ ©Love Boy डरावनी कहानी
डरावनी कहानी
read morean innocent
रोजाना हुआ मिलन इस सुबह से, मगर वो सुबह इतनी डरावनी रही नही, जितनी आज है। ©an innocent #andhere एक डरावनी सुबह
#andhere एक डरावनी सुबह
read more