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Stories related to मृत्यु शय्या का अर्थ

_itni _si _baat _hai _vandana Upadhyay

मृत्यु शय्या वंदना उपाध्याय _v #WorldAsteroidDay

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जीवन 
बस मृत्यु शय्या है 
हम भम्र मे होते हैं 
 कि जी रहे हैं 
ब्लकि 
हम बढ़ते रहते हैं 
मृत्यु कि ओर 
हर क्षण 
मृत्यु सत्य है 
अटल सत्य

©वंदना उपाध्याय मृत्यु शय्या 
वंदना उपाध्याय _v

#WorldAsteroidDay

BANDHETIYA OFFICIAL

#मृत्यु -शय्या पर खुद को समझने की कोशिश।

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हर रिश्ते को दरकिनार करते हुए,
मन जो करता है कभी मुकरते हुए-
किसी से या खुद से ही किये वादे से,
देखें हम खुद को दिली बुलंदी से झरते हुए,
वो भी मंजर क्या हो, कहते हैं आखिर में,
आखिरी याद हर पाप-पुण्य मृत्यु-शय्या पे,
देखें वो सेज और अंतिम यात्रा पाते हुए मरते हुए।
कोई क्यूं और हमपे छींटाकशी-
करे,इतने तो तजुर्बेकार,
बुजुर्ग न सही,हम कवि सच जानें,
चीढ़ें न किसी से ,
कौन फिर कहे उम्र के मद्देनजर भी,
चीढ़ भी न,
चीर दिल को जियें,
जान जानी ही,
कुबूल है,
फिर तसव्वुर वो भी,हम कैसे लगें, मरते हुए।

©BANDHETIYA OFFICIAL #मृत्यु -शय्या पर खुद को समझने की कोशिश।

dil.k.alfaz

छोटी सी ज़िन्दगी में, सवाल बहुत है..!
एहसासों का पता नहीं..
मगर आज भी, मलाल बहुत है..!!




।

©dil.k.alfaz #शय्या

Arora PR

मृत्यु का सौन्दर्य

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Ravi Sharma

मृत्यु का सार

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Arjun Rao

मृत्यु का सफर

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Manoj Bhatt

मृत्यु का सौंदर्य

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(मृत्यु)

वो मौत भी कितनी सुन्दर होगी
जो भी मिलता है,
बस उसी  का हो जाता।
वर्षों से कमाई दौलत
एक छड़ में लूटा जाता है,
आशिक सभी है उसके
तभी तो हर कोई मिलने जाता है।
ना जाने क्या रूप है उसका,
ये कोई नहीं बतलाता 
जो मिलता है उससे 
फिर वो उसी का हो जाता है ।
लाख मिन्नतें करते है अपने
पर वो बोल नहीं पाता,
कुछ तो बात है उसमे 
तभी तो हर कोई उसका हो जाता है,
नहीं तो अपनों को छोड़ कोई
इतने दूर थोड़ी चला जाता है।।
                            (m.bhatt) मृत्यु का सौंदर्य

ANIL KUMAR

मृत्यु का भय

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Arora PR

मृत्यु का टाइमर

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Saumitra Joshi

#ती शय्या मखमालीची #DearKanha

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ती शय्या मखमालीची
राधेस टोचते आता,
का कान्हा वळला नाही 
यावेळी जाता जाता!

माझ्याहुन काय असावे
कान्हासी इतके प्रिय?
पाव्याला जागच नाही
सुर निजून गेले काय?

धूसरशी काळी छाया
मग पडली अंगावरती
ते कुरुक्षेत्र का नाचे
त्याच्या अन माझ्याभवती

तो तिथेच अडकुन पडला
पार्थाच्या मोहापायी
गीतेच्या जन्मापुढती
राधेची यादच नाही.

ती येते सौधावरती
मग थेट गवाक्षी जाते
ती भिरभिरते एकाकी
कान्ह्याची वाट पहाते.

@गुढ

©Saumitra Joshi #ती शय्या मखमालीची 
#DearKanha
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