Find the Latest Status about बसंतगढ़ शिलालेख from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बसंतगढ़ शिलालेख.
VED PRAKASH 73
भाई एक लहर बन आया बहन नदी की धारा है संगम है गंगा उमड़ी है डूबा कूल किनारा है यह उन्माद बहन को अपना भाई एक सहारा है यह अलमस्ती एक बहन ही भाई का ध्रुवतारा है... ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख
VED PRAKASH 73
गरीबी एक खुली हुई किताब जो हर समझदार और मूर्ख के हाथ में दी गई है कुछ उसे पढ़ते हैं कुछ उसके चित्र देख उलट-पुलट कर नीचे शो केस में रख देते हैं... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख
VED PRAKASH 73
अग्निबीज तुमने बोए थे रमे जूझते युग के बहुआयामी सपनों में प्रिय खोए थे अग्निबीज तुमने बोए थे... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख
VED PRAKASH 73
सुख पाया तो इतरा जाना दुख पाया तो कुम्हला जाना यह भी क्या कोई जीवन है पैदा होना फिर मर जाना पैदा हो तो फिर ऐसे हो जैसे तांतया बलवान हुआ मरना हो तो फिर ऐसे मर जयों भगत सिंह क़ुर्बान हुआ... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख
VED PRAKASH 73
कैद है आदमी का सूरज आदमी की कोठरी में आदमी के साथ न देश बोध होता है जहां न काल बोध न कर्म बोध होता है जहां न सृष्टि बोध... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख
VED PRAKASH 73
बेचता यूं ही नहीं है आदमी ईमान को भूख ले जाती है ऐसे मोड़ पर इंसान को सब्र की एक हद भी होती है तवजजो दीजीए गर्म रक्खें कब तलक नारों से दस्तरखवान को... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख
VED PRAKASH 73
जाने क्या-क्या बोल रहा था सरहद प्यार किताबें खून कल मेरी नींदों को छुपकर जाग रहा था जाने कौन मैं उसकी परछाई हूं या वो मेरा आईना है मेरे ही घर में रहता है मेरे जैसा जाने कौन... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख
VED PRAKASH 73
प्यारे समुद्र मैदान जिन्हें नित रहे उन्हे वही प्यारे मुझको तो हिम से भरे हुए अपने पहाड़ ही प्यारे हैं पांवो में बहती है नदिया करती सुतीक्षण गर्जन ध्वनियां माथे के ऊपर चमक रहे नभ के चमकीले तारे हैं... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख
VED PRAKASH 73
यह जीवन क्या है निर्झर है मस्ती ही इसका पानी है सुख-दुख के दोनों तीरों से चल रहा राह मनमानी है निर्झर में गति है जीवन है वह आगे बढ़ता जाता है धुन एक सिर्फ है चलने की अपनी मस्ती में गाता है... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख
VED PRAKASH 73
पानी में घिरे हुए लोग प्रार्थना नहीं करते वे पूरे विश्वास से देखते हैं पानी को और एक दिन बिना किसी सुचना के खच्चर बैल या भैंस की पीठ पर घर असाब लादकर चल देते हैं कही और... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #शिलालेख