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Arora PR
जून क़ी तपी हुई दोपहरी थीं बाहर सन्नाटो कि बरादारी बिछी थीं... तभी अचानक हवा के थपेड़ो से बंद खिड़की खुल गई और वाता नुकूलित कमरे को गरम कर कमरे के तापमान को बड़ा गई ©Arora PR तापमान
तापमान
read moreRameshkumar Mehra Mehra
शब्दो का भी तापमान होता है...! कभी सुकून दे जाते है....!! तो कभी जला जाते है...... ©Rameshkumar Mehra Mehra # शब्दो का भी तापमान होता है....
# शब्दो का भी तापमान होता है....
read moreparitosh@run
बचपन में नाप लेते थे हम, भरी दोपहरी में भी गाँव की सारी गालियां... जब से तापमान समझ में आया है, पाँव जलने लगे हैं... तापमान
तापमान
read moreMubarak Creation
शब्दों का भी तापमान होता है साहब.. #Mubarakcreation
शब्दों का भी तापमान होता है साहब.. #Mubarakcreation
read morePraveen Jain "पल्लव"
Black पल्लव की डायरी सहते तापमान अधिकतम बहकने का अंजाम है छाव का आधार खत्म कर चुके चमकते हाइवे रोड वाहनों से निकलता धुंआ और गैसों से शरीर का होता नुकसान है कितने पेड़ो का समापन कर बहुमंजिला इमारतों का बना आकार है सूरज की रश्मियों से चुनौती ले बैठे कालकवलित होता इंसान है परम्पराओ को धत्ता और पाखंड बताने का ये ही होता अंजाम है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Morning अधिकतम तापमान सहने का भुगतो अब अंजाम है #nojotohindi
#Morning अधिकतम तापमान सहने का भुगतो अब अंजाम है #nojotohindi
read moreReeman Nain Anchor
तापमान तो AC कूलर वालो के लिए बढा है जनाब खेत का किसान और सीमा का जवान तो आज भी वही है
तापमान तो AC कूलर वालो के लिए बढा है जनाब खेत का किसान और सीमा का जवान तो आज भी वही है
read morekrishna sharma
#5LinePoetry कविता का शीर्षक: आज का मानव लेखक: कृष्ण गोपाल शर्मा स्वरचित क्या हुआ आज के इंसा को जो सत्य ना बोला करते हैं है तिमिर अंधेरा जीवन पर इत उत डोला करते हैं हाथों पर बनी लकीरों में तकदीरे ढूंढा करते हैं लालच ही लालच भरा हुआ ना कर्म कोई वह करते हैं ना मानवता है इनमें अब ना कोई भाईचारा है छल कपट झूठ है भरा हुआ इनका बस यही सहारा है ऐसे तो जीवन ना चलता कोई तो इनको समझाए इस अंधकारमय जीवन में कोई तो दीप जला जाए तिनके का मात्र सहारा ही इनमें आशा भर सकता है कोई एक दीप ही इन सब का अंधकार हर सकता है मैं कब कहता हूं इंशां को कि तुम कोई भगवान बनो कुछ ना बन सकते हो गर तो एक अच्छे इंसान बनो कृष्णा हर इंसान को नजरों से तोला करते हैं क्या हुआ आज के इंसान को जो सत्य ना बोला करते हैं है तिमिर अंधेरा जीवन पर इत उत डोला करते हैं ©Krishan Gopal sharma आज का मानव #आज का मानव
आज का मानव #आज का मानव
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