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Stories related to उधेड़बुन का वाक्य प्रयोग

Jupiter and its moon

Poonam

S ANSHUL'यायावर'

लगता है अभी तो कुछ लिखा नहीं,
लगता है अभी तो कुछ कहा नहीं,
किसी बात को दिल से लगा बैठा,
कोई बात दिल से जा लगी।

देखना फ़िज़ूल था सपना,
ये हकीकत मैं जान चुका।
हाल ए दिल के बाजार में,
बैठा हूं ठगा हुआ।

अब रंग,न तरंग ही शेष बची,
कुछ इस कदर दुनिया से मै जुदा हुआ।

अब खुशी ना गम महसूस होता है,
ना आतिश,ना बारिश ही।
खोया रहता हूं कल्पनाओं के जाल में,
किसी उधेड़बुन में फंसा हुआ। #उधेड़बुन
#reading

Manju Gupta

#जिंदगी की उधेड़बुन #SantaNojoto

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Mohan Sardarshahari

परेशानी का प्रयोग

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प्रीति प्रभा

ज़िन्दगी की कैसी ये उधेड़बुन है
हर लम्हा को बुनते है
सदियों की आस में
ज़िन्दगी में ये कैसी कश्मकश है
लोग खो दिए अपने कमाने में
कब हो गए तन्हा ये कोई ना जाने
ढूंढ़ने से भी अब नज़र नहीं आते 
कोई अपने इस ज़माने में
ज़िन्दगी की कैसी ये उधेड़बुन है
मन में उठी कैसी ये धुन है
ग़म को उधेड़ते है
खुशियों की प्यास में
एक नई उम्मीद बांधते है
मंज़िल की राह में
अपने कुछ ख़्वाबों को दफ़नाते है
कुछ बेहतर पाने की चाह में....

- प्रीति प्रभा

©Preeti Prabha उधेड़बुन
#प्रीतिप्रभा #ankahibaatein__ #हिंदी_कविता  #WorldPoetryDay #positive_vibes #writer

Ek villain

#मानवता का प्रयोग #govardhanpuja

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मानवता ज्ञानी मनुष्य के अंत करण में दया एवं संवेदना भाव का होना यह भाव मनुष्य का अन्य मनुष्यों और दूसरे तमाम अन्य जीवो के लिए होता है मानवता की भावना रखने वाले मनुष्य सदैव दूसरे की भलाई के लिए प्रस्तुत रहते हैं मनुष्य ही संसार में ऐसे प्राणी है जो सभी भावनाओं को समझ सकते हैं मनुष्य में असाधारण मानवता के सबसे उत्कृष्ट उदाहरण में से एक इस प्रकार चरित्र किया गया है मानवता का अर्थ जब भी और जहां भी संभव हो दूसरे की देखभाल करना और उनकी मदद करना है भारतीय दार्शनिक परंपरा के सशक्त प्रतिनिधि जो कृष्णमूर्ति का कहना था कि अपने जो कुछ भी परंपरा देश और काल से जाना है उसे मुक्त होकर ही अपने सच्चे अर्थ में मानव बन पाएंगे मनुष्य की सर्वप्रथम मनुष्य होने से ही मुक्ति की शुरुआत होती है किंतु आज का मानव हिंदू बौद्ध ईसाई मुस्लिम अमेरिका अरबिया चीनी होने जैसे पहचान के भरम में फस गया है सामाजिक सहचारी में ही मानव में करुणा से सुनता और प्रेम जैसे गुणों का विकास होता है मानवता का विकास इन गुणों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है इस संदर्भ में खलील जिब्रान ने कहा है कि मानवता का वास्तविक स्वरूप शांतिपूर्ण हृदय में है वाचन मन में नहीं धरती पर प्रेम आत्मीयता एवं दूसरों के हित में लगे रहने ही पूर्ण है इसलिए लोगों को मानवता का भाव प्रसिद्ध कराते हुए प्रेम संदेश का प्रसार करना चाहिए किसी व्यक्ति से देख भेदभाव नहीं करना चाहिए समाज को मानवता से खींचने की आवश्यकता है मानवता से खींचा हुआ समाज ही एक आदर्श समाज की आधारशिला बन सकता है इससे हमारे समाज को विभाजन करने का शिकार बना दिया है यदि मानवता भाव के माध्यम से समाज में समरसता का सूत पात्र होती है तो इससे सामाजिक शांति सुनिश्चित होगी यही शांति समृद्धि की पहली शिर्डी बनती है

©Ek villain #मानवता का प्रयोग

#govardhanpuja

Shayar Samar S M

शब्दों का प्रयोग #Music

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शब्दों का प्रयोग बड़ा सोच समझ कर किया जाता है
क्योंकि एक शब्द से कोई अपना
तो एक शब्द से कोई बेगाना हो जाता है

©Shayar Samar S M शब्दों का प्रयोग

#Music

dharmendra rai

शब्दों का प्रयोग #Allegations

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writer abhay

खार का प्रयोग - राख़

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जंग  में लड़ने  वाले  सब  खार गये,
दुश्मन  जीत आये,  दोस्त  हार गये.

कल तक मिलते थे मेरा हाल पूछने,
मरते ही मेरे घर बनके कर्ज़दार गये. खार का प्रयोग - राख़
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