Find the Latest Status about मेन गेट from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मेन गेट.
Parul Sharma
#कुछ_लोग_ऐसे_भी @mukesh jangid की एक quote से प्रेरित कुछ लोग इतने बुरे,काले,और,कड़वे होते हैं कि उनका अचार भी नहीं डाला जा सकता तो क्या कर
#कुछ_लोग_ऐसे_भी @mukesh jangid की एक quote से प्रेरित कुछ लोग इतने बुरे,काले,और,कड़वे होते हैं कि उनका अचार भी नहीं डाला जा सकता तो क्या कर
read moreSarkaar
Good old days उसके आने के बाद ही पता लगा था की दिल मे रेल गाड़ी भी होती है वरना उस से पहले तो दिल को बस खून ही पम्प करना आता था। सुबह सुबह जब वो अपने छोटे भाई की उंगली पकड़ के उसे झूलाते हुए आती थी ना... Read in Caption #उंगलियां #Short_story उसके आने के बाद ही पता लगा था की दिल मे रेल गाड़ी भी होती है वरना उस से पहले तो दिल को बस खून ही पम्प करना आता था। सु
#उंगलियां #short_Story उसके आने के बाद ही पता लगा था की दिल मे रेल गाड़ी भी होती है वरना उस से पहले तो दिल को बस खून ही पम्प करना आता था। सु
read moreअज्ञात
पेज-81. बारात घर से निकलने को तैयार... घोड़ा, बैंड, डी जे, डिस्को लाइट सभी अलर्ट हो चुके हैं....बारातियों की संख्या बढ़ती जा रही है..अपने दायित्वों में कतई कोताही ना बरतने वाली रीति रिवाजों के प्रति सजग व आस्थावान साधना और चंद्रवती बहनें भी सीधे मानक के घर पहुंच रही हैं...! प्रिया दोनों सिया जी के साथ...मनीषा जी दोनों एक साथ... चंद्रमुखी-शालिनी बहन के साथ..आते हुये... वहीं सुधा पुष्पा जी राखी जी और दिव्या साथ में आते दिख रहे हैं... नवटीम में आयशा, पारिजात, शिल्पा, तान्या, प्राजक्ता सभी खुशी से झूमते हुये बारात का हिस्सा बन रहे हैं... तभी M-आचार्या जी भी आ पहुंचे..उनके बाद हमारी heartlessrjउर्फ़ रुचिका बहन.. आ रहे हैं...! आगे कैप्शन में. 🙏 ©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी पेज-81 आगे सभी एकत्र होकर बारात में कौन किस गाने में परफॉर्म करेगा ये तय हो रहा है...जब सुधा से पूछा गया तो उनका जबाब ही न
#रत्नाकर कालोनी पेज-81 आगे सभी एकत्र होकर बारात में कौन किस गाने में परफॉर्म करेगा ये तय हो रहा है...जब सुधा से पूछा गया तो उनका जबाब ही न
read moreVikas Sharma Shivaaya'
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 आरती अपने पति की फैक्ट्री के निकट बने एक कैफे में बैठी हुई थी। उसकी निगाहें बार-बार फैक्ट्री के मेन गेट की ओर उठ जातीं थीं । उसे अपने पति के फैक्ट्री से बाहर निकलने का इन्तजार था..., कल उसे उसकी घनिष्ठ सहेली रेनू ने बताया था कि तुम्हारे पति हर महीने की पहली तारीख को किसी के घर रुपये देने जाते हैं। रेनू ने पहले भी कई बार इस बारे में आरती से बात करनी चाही थी मगर आरती को अपने पति देवेश पर इतना अधिक विश्वास था कि उसने रेनू की बातों पर कोई ध्यान नहीं दिया था। मगर कल जब रेनू ने आरती को बताया कि उसने पिछले महीने की पहली तारीख को देवेश को एक महिला के घर जाते स्वयं अपनी आँखों से देखा था तो यह सुनकर आरती बहुत परेशान हो उठी थी..., आज महीने की पहली तारीख थी। रेनू के अनुसार आज देवेश उस स्त्री के घर जाएगा। आरती के मन में तरह-तरह के सवाल उठ रहे थे। देवेश उस स्त्री के यहां क्यों जाता है ? उसका उस स्त्री से क्या सम्बन्ध है? देवेश ने उसे इस राज के बारे में पहले बताया क्यों नहीं ? वह जितना सोच रही थी उसकी बेचैनी बढ़ती ही जा रही थी। मानव मन की स्थित बड़ी विचित्र होती है । यदि किसी के बारे में मन में एक बार शंका उत्पन्न हो जाए तो फिर हमें उस ब्यक्ति की हर गतिविधि संदिग्ध लगने लगती है । यही हाल इस समय आरती के मन का था ।इस समय उसे अपने पति की बीती कई बातें बड़ी विचित्र लग रही थीं..., तभी फैक्ट्री का साइरन बज उठा था। फैक्ट्री की छुट्टी हो गई थी। अब कुछ ही देर में देवेश फैक्ट्री से बाहर निकलने वाला ही था इसलिए आरती कैफे से निकलकर टैक्सी में आकर बैठ गई। कुछ ही देर बाद उसके पति देवेश की कार फैक्ट्री के गेट से बाहर निकली। कार देवेश खुद ड्राइव कर रहा था। आरती ने टैक्सी ड्राइवर से कार का पीछा करने को कहा। आज वह इस रहस्य से पर्दा उठा देना चाहती थी।दो-तीन किलोमीटर तक कई गलियों से गुजरने के बाद देवेश की कार एक मकान के सामने जाकर रुक गई।यह एक पुराना मोहल्ला लग रहा था । यहां मध्यम बर्गीय लोग रहते थे । आरती को बड़ी हैरानी हो रही थी कि देवेश यहां क्यों आता है । तभी देवेश ने डोर बेल बजाई । एक युवा स्त्री ने आकर दरवाजा खोला। देवेश सूटकेश लेकर उसके पीछे-पीछे चल दिया। इससे पहले कि दरवाजा बन्द हो आरती भी अन्दर आ गई। उस स्त्री ने आरती को प्रश्नवाचक निगाहों से देखा। तभी देवेश की नजर आरती पर पड़ी। आरती को वहां देख देवेश को बड़ी हैरानी हुई। उसने पूछा आरती तुम और यहां ?"हाँ मैं जानना चाहती थी कि आप हर महीने इस स्त्री को रूपए देने क्यों आते हैं। आखिर आपका इससे क्या सम्बन्ध है ?“ आरती देवेश की ओर देखते हुए बोली.. , देवेश ने आरती की ओर क्रोध भरी नजरों से देखा। वह बोला-‘तुम लोगों की नजरों में स्त्री और पुरुष के बीच बस एक ही सम्बन्ध होता है प्यार का। आरती तुम्हारी सोच इतनी घटिया होगी मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।’ फिर वह आरती की बांह पकड़कर उसे अन्दर की ओर घसीटते हुए बोला-’तुम जनाना चाहती हो कि मेरे और इस स्त्री के बीच क्या सम्बन्ध हैं तो अन्दर आओ और खुद अपनी आँखों से देख लो..., वह घसीटता हुआ आरती को अन्दर ले गया। अन्दर एक आदमी बेड पर तकिया लगाए लेटा था। आरती यह देखकर हैरान रह गई कि उसके दोनों पैर कटे हुए थे।बरामदे में बिछी दरी पर कुछ बच्चे बैठे थे । उनके हाथों में कापी किताबें थीं..., देवेश आरती की ओर देखकर ऊँचे स्वर में बोला-‘यह दिलीप है मेरी फैक्ट्री का सबसे होनहार टैक्निशियन ।आज हमारी फैक्ट्री जिस ऊँचाई पर पहुँची है उसके पीछे सबसे बड़ा हाथ दिलीप का है। दिलीप की योग्यता से प्रभावित होकर कई फैक्ट्री के मालिकों ने उसे यहां से दोगुने वेतन का लालच दिया मगर दिलीप मेरा बहुत बफादार था इसलिए वह मेरी फैक्ट्री को छोड़कर कहीं नहीं गया..., आज से सात साल पहले दिलीप एक मशीन की चपेट में आ गया। उसके दोनों पैर मशीन में फंसकर घायल हो गये थे। बड़ी मुश्किल से दिलीप को मशीन से बाहर निकाला जा सका। मैंने दिलीप को तत्काल एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। डाक्टरों ने हर सम्भव कोशिश की थी मगर टांगों में सेप्टिक हो जाने के कारण उन्हें दिलीप की दोनों टांगें काटनी पड़ीं थीं। मजदूर यूनियन के नेताओं ने दिलीप और उसकी पत्नी को फैक्ट्री मालिक के खिलाफ केस दर्ज करने और उनसे हरजाने की भारी भरकम धनराशि मांगने के लिए खूब उकसाया था। मगर दिलीप इसके लिए तैयार नहीं हुआ था। उसने कहा कि दुर्घटना मेरी लापरवाही से हुई थी मालिक का इसमें कोई दोष नहीं है ..., तब से दिलीप बिस्तर पर है। वह कुछ कर नहीं सकता। उसकी पत्नी सविता ग्रेजुएट है वह घर पर बच्चों को पढ़ाती है मगर इससे घर का खर्च थोड़े ही चल सकता है। इसलिए मैं हर महीने की पहली तारीख को दिलीप का वेतन देने आता हूँ।“और कुछ जानना है तुम्हें ?“ उसने आरती की ओर घूरते हुए पूछा..., आरती का सिर शर्म से नीचे झुक गया था। उसे अहसास हो रहा था कि उसने अपने पति पर अविश्वास करके अक्षम्य अपराध कर दिया है ।अब वह अपने पति का सामना कैसे कर पाएगी यह सवाल बार-बार उसके जेहन में कौंध रहा था। उसे अपने ऊपर बड़ी ग्लानि महसूस हो रही थी..., तब तक सविता चाय बना लाई थी। उसने देवेश और दिलीप को चाय देने के बाद एक कप आरती की ओर बढ़ाया..., आरती ने उससे चाय का कप लेकर मेज पर रख दिया और सविता की ओर दोनों हाथ जोड़कर कहा-‘मैं तुम्हारे साहब की पत्नी हूँ। मैंने अचानक इस प्रकार यहां आकर बहुत बड़ी गलती कर दी। यदि हो सके तो मुझे माफ कर देना...," “यह आप क्या कह रही हैं मालकिन ? मैं एक स्त्री हूँ आपके मन की स्थिति को समझ सकती हूँ। मैं और दिलीप तो हर बार मालिक से कहते हैं कि अब किसी तरह कोचिंग से घर का खर्चा चल निकला है इसलिए अब आप वेतन लेकर नहीं आया करें। मगर मालिक इतने दयालु हैं कि वे मानते ही नहीं हैं...," ऐसा मत कहो सविता बहिन। अगर तुम और दिलीप भइया वेतन लेने से मना करोगे तो मैं समझूंगी कि आप लोगों ने मुझे दिल से माफ नहीं किया। आरती बहुत ही भावुक स्वर में बोली..., आरती की बातों से देवेश के दिल को बड़ी राहत मिली थी। अब माहौल काफी हद तक सामान्य हो गया था। और सब लोग साथ मिलकर चाय पीने लगे थे। अब आरती भी अपने को तनाव रहित अनुभव कर रही थी।उसने याचना भरी नजरों से अपने पति की ओर देखा था।उसकी आंखों में पश्चाताप की भावना साफ झलक रही थी ! *बच्चों की पढाई में मन लगाने का* *उपाय* 💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐 *बच्चे का पढाई मे मन न लगता हो बार बार फेल हो जाता हो तो यह सरल टोटका करें- शुक्ल पक्ष के गुरुवार को सूर्यास्त से ठीक आधा घण्टा पहले बड के पत्ते पर पांच अलग अलग प्रकार की मिठाइयाँ दो छोटी इलायची पीपल के वृक्ष के नीचे श्रद्धा भाव से रखें और अपनी शिक्षा के प्रति कामना करें। यदि उपाय माता पिता करें तो बच्चे के लिए मन से प्रार्थना करें। पीछे मुड़कर न देखें, सीधे घर आ जाएँ। इस प्रकार लगातार तीन गुरुवार करें। बच्चे का पढाई मे मन लगने लगेगा और अच्छे अंक भी आने लगेंगे।* अपनी दुआओं में हमें याद रखें बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ....सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ....! 🙏सुप्रभात 🌹 आपका दिन शुभ हो विकास शर्मा'"शिवाया" "सर्वधर्म समाधान" ©Vikas Sharma Shivaaya' ✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 आरती अपने पति की फैक्ट्री के निकट बने एक कैफे में बैठी हुई थी।
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️ 🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 आरती अपने पति की फैक्ट्री के निकट बने एक कैफे में बैठी हुई थी।
read moreAmit Mishra
बेचैनी पढ़ें अनुशीर्षक में आधी रात का समय था अचानक रवि की आँख खुल गयी, पास में पड़े मोबाइल को उठाया और देखा तो रात के 12.30 हो रहे थे. वो क्या था आज रवि दफ़्तर से घर ज
आधी रात का समय था अचानक रवि की आँख खुल गयी, पास में पड़े मोबाइल को उठाया और देखा तो रात के 12.30 हो रहे थे. वो क्या था आज रवि दफ़्तर से घर ज
read moreSunil itawadiya
भूत पंडित और मैनेजर 🎃 😳 😱 💀☠☠☠ कैप्शन जरूर पढ़ें 👉नोट जिन्हें भूतों से डर लगता हो वह इसे ना पड़े 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣 एक पंडित एक होटल में गया और मैनेजर के पास जाकर बोला :- क्या रूम नंबर 39 खा
👉नोट जिन्हें भूतों से डर लगता हो वह इसे ना पड़े 🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣🤣 एक पंडित एक होटल में गया और मैनेजर के पास जाकर बोला :- क्या रूम नंबर 39 खा
read moreTarun Vij भारतीय
-एक मां- कहानी एक मां के परिश्रम की, उसकी सहनशीलता की... ⬇️Please read the caption below⬇️ #yqbaba #yqstory #stories #myfirststory #like #follow #tarunvijभारतीय ⬇️ "एक मां"⬇️ वो मां आज बहुत खुश थी, पिछले 4-5 वर्ष
#yqbaba #yqstory #Stories #myfirststory #Like #follow #tarunvijभारतीय ⬇️ "एक मां"⬇️ वो मां आज बहुत खुश थी, पिछले 4-5 वर्ष
read moresandy
सुशांतला कॉलेजला पाठवण्याच्या तयारीनंतर निरजचे ऑफिसला जाण्याआधीचे शोधाशोधीचे सत्र संपवून दोघांना अनुराधाने गाडीत बसवून 'टाटा' केला आणि मग नि
सुशांतला कॉलेजला पाठवण्याच्या तयारीनंतर निरजचे ऑफिसला जाण्याआधीचे शोधाशोधीचे सत्र संपवून दोघांना अनुराधाने गाडीत बसवून 'टाटा' केला आणि मग नि
read moreप्रदीप
महत्वकांक्षा,आशा,अभिलाषा की परत हटाकर, जब मनुष्य ने अपना वजूद देखा। दूसरों के हिसाब से जीने वाले इस प्राणी ने, खुद से खुद को बहुत दूर देखा। "प्रदीप" #एंबीशन#होप#मेन#सेटिस्फेक्शन