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Laddu ki lekhani Er.S.P Yadav
बेसक मेरे गाँव के महले छोटे बनें है, पर गाँववालों के दिल बहुते बड़े है... बेसक सोना के बगेर सुना गाँववालों के गले है, पर गाँववालों के पसीना से सीचा सोना खेत में खड़े है.. ©Laddu ki lekhani Er.S.P Yadav farmer village
farmer village
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ਬਾਪੂ ਦਾ SWARAJ ਨੀ ਰੁੱਕਦਾ ਤੇ ਸਾਡੀਆਂ ਕਹੀਆਂ ਨੀ ਰੁੱਕਦੀਆਂ ਇੱਕ ਤੇਰੀ ਯਾਦ ਨੀ ਮੁੱਕਦੀ ਉੱਤੋਂ ਕੱਦੂ ਦੀਆਂ ਵੱਟਾ ਨੀ ਮੁੱਕਦੀਆਂ ©Pargat Grewal #Swaraj #village #jattlife #farmer
Raj Solanki
Rain छत टपकती हैं उसके कच्चे मकान की, फिर भी “बारिश” हो जाये, तमन्ना हैं किसान की.... राष्ट्रीय किसान दिवस की सभी को शुभकामनाएं !! ©Amrit solanki ( Raj ) #farmer #India #village #rain
keshav
खुद्दारी ,मेहनत, पसीने का निशान ना रहा। मेरे हिंदुस्तान में अब कोई किसान ना रहा। ज़मीन तो यही धरी की धरी रह गई केशव, उसे चाहने वाला अब वो आसमान ना रहा। खेत बंजर पड़े हैै देश के,अब अनाज ना रहा, क्यों लोगो को यहां, किसान पर नाज ना रहा, खाते हैं जिस अन्नदाता की दी हुई रोटी को वो, उस देश के राजा के सर पर क्यों ताज ना रहा। इंसान अगर तरक्की में इतना मगरूर हो जाएगा, दौलत के पास,खेत खलिहानों से दूर हो जाएगा, सोने की थाली होगी रोज आंगन में सबके लेकिन, रोटी की जगह पत्थर खाने को मजबूर हो जाएगा। आसमान में उडो, लेकिन ज़मीन को भी देखते रहो, सिर्फ रोटी की नहीं, रोटी वाले की भी सोचते रहो, कामयाबी के पीछे तो बहुत भाग चुके तुम दोस्तो, थोड़ा हाल इन खेत खलिहानों का भी पूछते रहो। -Keshav #village #farmer #india🇮🇳
inamdar pashaصادقwriter
White kheti karna aasaan nahi hota saheb barish kitna bhi barse oo apne maalik ke paseene ki bund ko mangti hai ©inamdar pashaصادقwriter #wallpaper farmer life
#wallpaper farmer life
read moreSuryansh gupta
जगमगाते शहर कभी भी भारत के गाँव की जगह नही ले सकते #गाँव, भारत का बीते कल, आज और आने वाला कल का भविष्य होगा।। #जरूरत है, स्मार्ट सिटी के साथ, स्मार्ट विलेज को विकसित करना।। ©Suryansh gupta #city#village
Vishal Chavan
शहर/ गाव... मला शहरात आल्यावर, माझा गाव आठवतो.. मी इथं ठीक असल्याची, हसरी भूमिका वठवतो... इथे शहरात आल्यावर, गर्दी वाढते कालवा वाढतो.. गावातून मायेची ऊब, प्रेमाचा ओलावा निमंत्रण धाडतो... शहरात भेटेल नोकरी, शहरात मुबलक पैसा खेळतो.. तिथं खेड्यात माझा बाप, शेतात राबत घाम गाळतो... मुंग्यांसारखी धावतात माणसं, थांबायला फुरसत नाही.. पैश्यांसाठी माणुसकी विसरावी, हे आपल्या तत्त्वात बसत नाही... मग मन मारुन राहतो, मी जगाच्या आरश्यात स्वतःला पाहतो.. मी माझं वेगळेपण लपवून ठेऊन, तसाच त्या प्रवाहात वाहतो... 16-12-2021 Vishaal/Aadinaath . ©Vishal Chavan #City #Village
Karan Singh Rajput
गांव की प्यारी यादों को दिल में सजाया करो ,।। शहर की तरक्की कितनी भी कर लो,,।। पर अपने गांव से मिलने आया करो,,,।।। ©Karan Singh Rajput village and city #City
village and city #City
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