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writer Ramu kumar
White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 47) में आपका स्वागत है! सुबह आंख खुलती है, ड्यूटी के लिए लेट हो रहा था! बगैर चाय नाश्ता के ही, ड्यूटी पर निकल जाता है! कंपनी में जान पहचान होने के कारण खाना मिल जाता है!शाम को ड्यूटी खत्म होते ही ,वो सीधे अपने क्वार्टर पर पहुंचता है, जैसे ही खाना बनाने का सोचता है, तैसे उसका हाथ जवाब दे देता है! शायद उसके हाथो को वेगैर खाना बनाये खाने का लत् लग चुका था , और वह सोचते ही सोचते सो जाता है! शिखा अपने बापू से बोलती है ,बापू नंदू का तबीयत ठीक नहीं लग रहा था! मालूम नहीं खाना खाया होगा या नहीं , एक बार जाकर देख लेते! कर्मचारी--ठीक है! ©writer Ramu kumar #sad_quotes #writerRamukumar Urmeela Raikwar (parihar) Anshu writer arvind bhanwra ambala. India Sadanand Kumar pramodini Mohapatra हि
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White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 18) में आपका स्वागत है! कर्मचारी उसे स्टेशन से बाहर ले जाकर खाना खिलाता हैं! तब तक कर्मचारी का छुट्टी होने का समय हो जाता है! छुट्टी होते ही कर्मचारी अपने साथ नंदू को लेकर अपने क्वार्टर के तरफ चल देता है!रास्ते में बारिश आ जाती है! कर्मचारी मुंह से कठोर लेकिन आत्मा से बहुत ही दयालुवान था!अपना छाता खोलते हुए,नंदू से बोलता है बारिश आ गई है, छाते में आ जाओ! कुछ देर चलने के बाद कर्मचारी का क्वार्टर आता है ! कर्मचारी अपने दरबाजे पे पहुंचकर ऊंचे स्वर में बोलता है,शिखा.... ओ शिखा.......! अंदर से आवाज आती है, जी.. बाबू जी...,आई.., नंदू तब तक बाहर लगे दरवाजे को बड़े ध्यान से देख रहा था ! जो की, बरसाती पानी पी.. पी.. कर जगह- जगह टूट चुका था! ©writer Ramu kumar #Thinking #writerRamukumar #Nojoto #Life #Hindi Sadanand Kumar Urmeela Raikwar (parihar) arvind bhanwra ambala. India Rakesh Kumar Das
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White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 16) में आपका स्वागत है! शाम का समय'' बारिश अपने आने की सूचना बिजली के हाथ इस धरातल पर भेजती है! और देखते ही देखते कुछ ही क्षणों में, आ धमकती है! कर्मचारी नंदू को देखता है, वह कब से वहीं बैठा रहता है! लगता है नसा में ये अपना स्टेशन काफी पीछे छोड़ आया है! नंदू के पास आकर पूछता है-- ऐ लड़के तुम्हें कहां जाना है, कब से देख रहा हूं तुम यहीं पर बैठे हो! नंदू उठ कर खड़ा हो जाता है! और आंखों से आंसू का सहारा लेकर, बड़े ही निर्मोही भाव से बोलता है, अंकल मुझे खुद नहीं पता मुझे कहां जाना है! कर्मचारी अचंभित होकर बोलता है--तुम पागल हो क्या? नंदू बगैर बोले अपना मुंह नीचे कर लेता है! कर्मचारी को कुछ समझ मे नहीं आता है, असली माजरा क्या है? कर्मचारी मन ही मन सोचता है, क्यों न इसे पुलिस को दे दूं वही पूछताछ करेगा, ऐसे यह बताने वाला नहीं है! कर्मचारी जैसे ही कदम उठाता है, नंदू वैसे ही लपक कर कर्मचारी का पैर पकड़ लेता है !, कर्मचारी सक पका जाता है, और मन ही मन सोचता है, इसे कैसे पता कि मैं पुलिस के पास जा रहा हूं! लगता है यह जादूगर है! नंदू रोते हुए बोलता हैं,अंकल मुझे कोई काम दे दो! ©writer Ramu kumar #GoodMorning #writerRamukumar #Hindi #Nojoto #Life Sadanand Kumar Anshu writer Urmeela Raikwar (parihar) arvind bhanwra ambala. India K
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White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 13) में आपका स्वागत है! नंदू महिला से पूछता है ,,आंटी आपको कहां तक जाना है! महिला-बस एक स्टेशन बाद हमें उतर जाना है!क्या तुम मेरे साथ मेरे घर चलोगे, मैं तुम्हें अपने घर वापस भेज दूंगी! नंदू- नहीं आंटी मुझे फिर से कैद नहीं होना है ! बस कृपा करके मुझे छोड़ दीजिए मैं आपके घर नहीं चल सकता, महिला को, नंदू का भोलापन अंदर ही अंदर झकझोर दिया था! वह ममता की चारदीवारी में अपने आप को, कैद कर चुकी थी! महिला अपनी घड़ी की तरफ देखती हुई, उठ कर खड़ी हो जाती है!और अपने बैग से कुछ बिस्कुट का पैकेट निकालकर, नंदू के हथेली पर रखती हुई, निकास द्वार की तरफ बढ़ने लगती हैं! शायद उनका स्टेशन आने वाला था!कुछ ही क्षणों में स्टेशन पे गाड़ी रुकीऔर वो वहां से उतर गई,खिड़की से नंदू के तरफ देखती हुई धीरे-धीरे आगे बढ़ रही थी, लेकिन आंखें नंदू वाले डब्वे की योर टिकी थी!कुछ ही क्षणों में गाड़ी भोपू देकर सरकने लगती हैं!और धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ लेती है, ©writer Ramu kumar #Sad_Status #writerRamukumar #Nojoto #Life #story Urmeela Raikwar (parihar) arvind bhanwra ambala. India परिंदा Sadanand Kumar Anshu wr
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White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 12) में आपका स्वागत है! कुछ समय गुजरने के बाद,नंदू को जगाती है और पूछती हैं, बेटा, कहां जाना है!नंदू कोई उत्तर नहीं देता है! फिर महिला पूछती है,तुम्हारे पास कुछ खाने पीने का चीज है? नंदू अपना गर्दन हीलाते हुए-नहीं आंटी कुछ भी नहीं है ! महिला-तो फिर कहां जा रहे हो, घर से भाग कर आए हो क्या? नंदू,, जैसे इतना शब्द सुनता है, वैसे उसके आंखों से आंसू, गाल पर बक्र रेखा खींचते हुए नीचे टपक जाता है! महिला-अब बगैर सवाल जबाब के अपने बैग से कुछ नमकीन और एक बिस्कुट का पैकेट निकाल कर, उसके तरफ बढ़ा देती है! नंदू खाने के चीज को ऐसे लपकता है, जैसे कोई भूखा बंदर हो! बिस्कुट नमकीन खत्म करने के बाद , शर्ट में अपना मुंह पोछते हुए -आंटी जी ,यह गाड़ी कहां तक जाएगी,महिला अपनी आंचल में आंसू पोछती हुई बोलती हैं, दार्जिलिंग तक ,वहीं इसका लास्ट स्टॉपेज है! ©writer Ramu kumar #Sad_Status #writerRamukumar #Nojoto #Life #Hindi #story Anshu writer Sadanand Kumar Urmeela Raikwar (parihar) arvind bhanwra ambala. In
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White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 7) मे आपका स्वागत है! अचानक प्रभा की आवाज - नंदू के मरुस्थलीय सपनों का दीवार चूर चूर कर देती है! प्रभा- नंदू तुम्हें उसी वक्त बोली थी एक सलाई लेकर आओ लेकिन तुम तो तारे गिनने में व्यस्त हो! जल्दी जाओ दुकान बंद हो जाएगा! नंदू- ना चाहते हुए भी अपने बोझील शरीर को धरती से सहारा लेकर उठता है, जैसे कोई वृद्ध व्यक्ति हो, नंदू- अपने मां से जो जला कटा शब्द सुना था,वही सब दुकान में जाकर उतारता है! नंदू दुकानदार से-सलीम भाई ,ओ सलीम भाई, सलीम खिड़की पे आकर - क्या हुआ नंदू क्यों चींख रहे हो, नंदू- यैसे क्योंअकड़ रहे हो ये लो पैसा एक सलाई दो और इतना आंकड़ा मत करो कोई फ्री में समान नहीं दे रहे हो (इसी तरह दोनों में बहस छिड़ जाती है) ©writer Ramu kumar #good_night #writerRamukumar Anshu writer Sadanand Kumar Urmeela Raikwar (parihar) arvind bhanwra ambala. India Praveen Storyteller हि
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White सपनों की उड़ान-हिंदी कहानी (भाग 6) मे आपका स्वागत है! शाम का समय, बादलों के बीच से चांद झांक रहा था! खगोलीय पिंड आतिशबाजी के सामान चमचमा रहे थे! नंदू- आंगन में बिछी चटाई पर लेट कर आकाशीय सौंदर्य निहार रहा था!वह अपने आप को बादलों में सम्मिलित करना चाहता था!अपने आप को खुला विचरण करने की कल्पना में डुबो दिया था!उसके मन में नए-नए विचार उत्पन्न हो रहे थे! मन ही मन सोच रहा था!काश मैं भी औरों की तरह घूमता फिरता दोस्त बनाता खुली वादियों मे गुनगुनाता ! मालूम नहीं मेरे जीवन में ये तमाम खुशियां कब आएगा! ©writer Ramu kumar #love_shayari #writerRamukumar #nojohindi #Life #Hindi Sadanand Kumar Urmeela Raikwar (parihar) udass Afzal khan arvind bhanwra ambala.
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