Nojoto: Largest Storytelling Platform

New घड़ियाल Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about घड़ियाल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, घड़ियाल.

PRAKHAR SHARMA

घड़ियाली अश्क

read more
 घड़ियाली अश्क

Vijay Vidrohi

#घड़ियालीआंसू# kittu❤ FᎪᎡᎻᎪN ∶ ᏚᎻᎪᏆKᎻ ✔️ samraat satyawan Khushboo Kumari lafzo ki duniya bipin gusain

read more
पिछले लॉकडाउन में सबसे,
खूब बजवाई ताली जी।
करोना फिर भी नहीं भागा,
फुड़वादी घर की थाली जी।।


किसी भक्तों को बुरा लगे तो माफ करना
😅😅😅😅🙏🙏🙏

©Vijay Vidrohi #घड़ियालीआंसू# kittu❤ FᎪᎡᎻᎪN ∶ ᏚᎻᎪᏆKᎻ ✔️ samraat satyawan Khushboo Kumari  lafzo ki duniya  bipin gusain

Vijay Vidrohi

घड़ियालीआंसू# samraat satyawan FᎪᎡᎻᎪN ∶ ᏚᎻᎪᏆKᎻ ✔️ Khushboo Kumari lafzo ki duniya kittu❤ Princ ki silsila e mohobbat7 GanjaBoy lekhak san

read more
डॉक्टरों से कोरोना पर‌ बात करते हुए फिर भावुक हुए साहब
वह रो रहे हैं और मुझे हंसी आ रही है और एक शेयर लिखा है
पसंद आएगा

#आंसू है घड़ियाली जी,
बाग लुटेरा माली जी।
खुद बाड़ खेत को खाए तो,
कौन करे रखवाली जी।।#

©Vijay Vidrohi #घड़ियालीआंसू# samraat satyawan FᎪᎡᎻᎪN ∶ ᏚᎻᎪᏆKᎻ ✔️ Khushboo Kumari  lafzo ki duniya kittu❤  Princ ki silsila e mohobbat7 GanjaBoy lekhak san

Ashutosh Mishra

#Morning जब मंदिर में घंटे बाजें और मस्जिदों मे हो अजान गुरूद्वारे मे गुरूवाणी हो और गिरजाघर में बाजे घड़ियाल तब जानो हो गई भोर #सुबह शुभ

read more

Darshan Raj

#a #covidindia पूर्णतः मौलिक स्वरचित सर्वाधिक सुरक्षित लेखक :- दर्शन राज Insta :- @darshansingh8727 शज़र =वृक्ष

read more
मेरे  आंगन  में हरा-भरा  शज़र है..!
बस  यही  इक  अच्छी  खबर है..!!

कोरोना  की  तुझ पर भी  नज़र है..!
कानों मे चिखों का बजेगा गज़र है..!

किसको  ख़बर कहां तक  सफ़र है..!
तेरी ग़फ़लतो की वज़ह से अमर है..!

तुझको जरा सी भी उम्मीद अगर है..!
तो रोक  ये तेरे ही  खिलाफ़ समर है..!

फ़िज़ा में घुलता हर तरफ़  ज़हर है..!
इस  बात से तू अब भी  बे-खबर है..!

कदम - कदम पर मौत का  मगर है..!
इससे न बच सका कोई भी नगर है..!

शायद सभी तर्क-वितर्क बे-असर हैं..!
लाशों  के लिए  ज़मीं  की  कसर है..!

अब हर  जगह सूनी- सूनी  डगर है..!
अब धुंधली  पड़ती जा रही बसर है..!

हर  तरफ  आग में जलता  शहर है..!
जिधर  देखो उधर मौत का  पहर है..!

ऐ मेरे रब्बा  तेरा यह  कैसा कहर है..!
अब ना नज़र है शाम है कि सहर है..!

हर रोज़ सैकड़ों ख़ुदती नयी कबर है..!
कदाचित श्रष्टि का नज़दीक हशर है..!

अब भी तेरे भेजे में अगर - मगर है..!
तू  बचा  रहें  यही  अच्छी  खबर है..!

©Darshan Raj #a 
#covidindia
पूर्णतः मौलिक स्वरचित सर्वाधिक सुरक्षित
लेखक :- दर्शन राज

Insta :- @darshansingh8727

               शज़र =वृक्ष

Jupiter and its moon

शिव की काशी! काशी में प्रवास हो ! शिव के समीप वास हो ! ढूंढ़ रही हूं काशी को ! खुली आंखों से कभी मंदिरों में ! कभी घाट पर ! घंटों में घड़

read more
काशी में प्रवास हो ! शिव के समीप वास हो !

ढूंढ़ रही हूं काशी को ! खुली आंखों से 
कभी मंदिरों में ! कभी घाट पर !
घंटों में घड़ियालों में !
बहती गंगा के धारो में !
कभी त्रिपुंड लगाया !
भोले को जल चढ़ाया !
पर काशी मन ढूंढ़ न पाया !

कहां है वो नगरी? जहां शिव रहते हैं !
वो शिव की नगरी काशी !

जो मन की आंखें खुल जाए।
शिव किरपा से मन धुल जाए।
तो शायद काशी मिल जाए।
काशी हीं काशी हो व्यापक
शिव का सर्वत्र उजाला लिए।
मैं ध्यान लगाऊं भोले का रूद्राक्ष की माला लिए !

©Jupiter and its moon शिव की काशी!

काशी में प्रवास हो ! शिव के समीप वास हो !

ढूंढ़ रही हूं काशी को ! खुली आंखों से 
कभी मंदिरों में ! कभी घाट पर !
घंटों में घड़

B Pawar

हमराह मैं रो पड़ता हूं जानकर तुम्हारे घड़ियाली आंसू मैं हस पड़ता हूं देखकर तुम्हारी झूठी हसीं।

read more
हमराह

मैं रो पड़ता हूं जानकर
तुम्हारे घड़ियाली आंसू
मैं हस पड़ता हूं देखकर
तुम्हारी झूठी हसीं।

मैं परेशान हूं ये देखकर के
खुद को खुदा बतला रहे हो।
कह दो के मैं कुछ भी नहीं
तो मैं बेफिक्र हो जाऊं।

मै थकने लगा हूं देखकर
के तुम मेहनत नही करते
क्या मेरी कोशिशे देखकर
तुम हार मान रहे हो।

मै अलग चल पड़ा हूं देखकर
के तुम भीड़ में शामिल हो
गर पहले पहुंच जाओ
मंजिल पर जरूर मिलना। 
हमराह

मैं रो पड़ता हूं जानकर
तुम्हारे घड़ियाली आंसू
मैं हस पड़ता हूं देखकर
तुम्हारी झूठी हसीं।

Dr Jayanti Pandey

दिल्ली इस समय दिलवालों के हाथ में नहीं है। दिल्ली इस समय घड़ियालों के हाथ में है..... मेरे शहर का मौसम........ **************** तुमको कैसे

read more
मेरे शहर का मौसम.......
*******************
तुमको  कैसे  बताऊं  मेरे  शहर का मौसम
यहां   हर  तरफ  सिर्फ  मुर्दनी  सी छायी है
हर  घर में सिसकी  है  किसी  को खोने की
और शहर  भर में गिद्धों  की बारात आई है

जो जा रहे हैं, उन्हें  जनाजा  नसीब  नहीं है
जो पीछे  बच  रहे हैं,  वो  भी दहशत  में  हैं
आखिरी वक्त  में वो  भी बे-तरह  अकेले  हैं
जो  जीवन  भर  दोस्तों  की  सोहबत  में थे

सांसों की गिनती  पर पैसों का अब पहरा है
मुनाफाखोरों के लिए  यह अवसर सुनहरा है
नकली दवा और अधूरी  सांसें  पकड़ा रहे हैं
मरे ज़मीर वाले,अब लाशों से भी कमा रहे हैं

समय बदलेगा, कुछ दिन अभी कयामत के हैं
उतरते नकाबों और घिनौनी सी सियासत के हैं
यह तय है ,अब पहले सा कुछ नहीं हो पाएगा
पर किसने क्या कहा, किया, याद रखा जाएगा

किसने क्या कहा, किया,सब याद रखा जाएगा दिल्ली इस समय दिलवालों के हाथ में नहीं है। दिल्ली इस समय घड़ियालों के हाथ में है.....

मेरे शहर का मौसम........
****************
तुमको कैसे

Anita Saini

देश में जाने कितने,कलयुगी विभीषण पैदा हो रहे हैं... जिनकी वजह से,हादसे इतने भीषण हो रहे हैं..! कब तक, आस्तीन के सांपो को, दूध पिलाते रहेगे

read more
अनु शीर्षक में पढ़े
💔पुकार💔 देश में जाने कितने,कलयुगी विभीषण पैदा हो रहे हैं...
जिनकी वजह से,हादसे  इतने भीषण हो रहे हैं..!

कब तक, आस्तीन के सांपो को, दूध पिलाते रहेगे

kashinath jalay

पांच वार्षिक उत्सव देखो, फ़िर से लौट आया, कुएं में जो मेंढ़क था, फुदक के बाहर आया। ' पुरानी' गलियां साफ़ हो रहीं, साफ़ हो रहे नाले, रंग बदल

read more
पंचवार्षिक उत्सव!
(Read in caption) पांच वार्षिक उत्सव देखो, फ़िर से लौट आया,
कुएं में जो मेंढ़क था, फुदक के बाहर आया।

' पुरानी' गलियां साफ़ हो रहीं, साफ़ हो रहे नाले,
रंग बदल
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile