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Stories related to परीक्षा ड्यूटी

प्रदीप

डर लगने लगा है बड़ा अब तो अपने ही घर जाने में।
कही कोरोना वार ना कर दे मेरे ही आशियाने में।🤔
"प्रदीप" #ड्यूटी#घर#कोरोना

rakesh das

Kumar Manoj Naveen

#संक्रमित क्षेत्र में ड्यूटी #

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*कंटोमेंट क्षेत्र में ड्यूटी* 

संक्रमित इलाके में सतत ड्यूटी, मौत का है डर,
चारो तरफ मातम है पसरा, न जाने कौन और कब? 
चिन्तित परिवार ,पूछे कब आओगे घर,
दरअसल पूछने से मतलब,हम खतरे से तो है बाहर। 
बात कहने में अच्छी लगती है, बीर योद्धा ने जीवन किया अर्पण, 
वास्तव में उनके बीवी- बच्चों से पूछो, जिनके अपने लौट के न आए घर।
खैर मजबूरी ही सही, कर्तव्य पथ पर है अग्रसर, 
पीछे नहीं हटेंगे, अपनी जान लगा देंगे फर्ज पर। 
जान देने से यदि संक्रमण होती  बेअसर, 
काश दो-चार जाने होती,बार-बार करते अर्पण। 

***नवीन कुमार पाठक *** #संक्रमित क्षेत्र में ड्यूटी #

Internet Jockey

Pariksha Quotes परीक्षा #परीक्षा #Pariksha

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वो किस रूप में आकर आपकी परीक्षा ले
कोई भी नहीं जानता
इसलिए वही कहें जो आप सुन भी पायें
Internet Jockey Pariksha Quotes परीक्षा 
#परीक्षा #Pariksha

BANDHETIYA OFFICIAL

Bachan Manikpuri

परीक्षा

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रिपुदमन झा 'पिनाकी'

राह नहीं आसान है चलना बड़ा ही दुर्गम ये जीवन है।
पग-पग पर बाधाएं आएं ये जीवन एक कंटक वन है।।

जाने क्या नियति में लिखा है कुछ न समझ में आता है।
जो  सोचूं  होता  ही  नहीं  ना  सोचूं  वो  हो  जाता  है।।

मृगमरीचिका में मन मेरा सदा भटकता रहता है।
कहता नहीं किसी से कुछ भी खुद ही सब दुख सहता है।।

अंधक वन सा जीवन मेरा दिखता नहीं प्रकाश जरा।
फिर भी मैं दुर्भाग्य से अपने तिनका भर भी नहीं डरा।।

निष्ठुर मेरा समय हुआ है या अभी परीक्षा बाकी है।
इस जीवन गुरुकुल से मिलना कोई शिक्षा बाकी है।।

रिपुदमन झा "पिनाकी"
धनबाद (झारखण्ड)
स्वरचित एवं मौलिक

©Ripudaman Jha Pinaki #परीक्षा

अर्पिता

परीक्षाओं का सिलसिला कुछ यु चला
फिर जैसे खुद को समय ही न मिला

©अर्पिता #परीक्षा

सतीश तिवारी 'सरस'

Sonali Agrawal

परीक्षा..

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परीक्षाओं से जो डरने लगे हो
ये कौन दिशा में चलने लगे हो

इक दफा भूतकाल में जाकर आ
संघर्षों को गले लगाकर आ...

हौसला इक बार जगा फिर से
मन को फौलाद बना फिर से

और जब हो जाए सच सारे सपने
फिर आना यहां अपनों के पास,

तब सम्मान मिलेगा दुनिया में
मुस्कुराहटें मिलेंगी मां की आंखों में,

तो तू जा,
मंजिल से रूबरू होकर आ
जो चाहा है वो सब पाकर आ...— % & परीक्षा..
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