Find the Latest Status about जरूरतों from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जरूरतों.
Imran Shekhani (Yours Buddy)
अपनी जरूरतों के हिसाब से #सही #गलत #जरूरत #lifequote #philosophical #thought #fundaoflife #YoursBuddy #Hope
read moreParveen Ritwal
जरूरतों का अपना समां होता है शायरी हिंदी में 'दर्द भरी शायरी' गम भरी शायरी शायरी दर्द शेरो शायरी
read morepawan
जिंदगी को जरूरतों का जाल ना बना एक तो वक्त छनकर निकल जाता पानी सा दूसरा खुशियां कभी फसती नहीं।। ©pawan जिंदगी को जरूरतों का जाल ना बना एक तो वक्त छनकर निकल जाता पानी सा दूसरा खुशियां कभी फसती नहीं।।
जिंदगी को जरूरतों का जाल ना बना एक तो वक्त छनकर निकल जाता पानी सा दूसरा खुशियां कभी फसती नहीं।।
read moremd mujammil
इज्जत किसी इंसान की नहीं होती है बस जरूरतों की होती है जरूरत खत्म इज्जत खत्म यही है दुनिया का असली सच
read morePriya Gour
ऐसे लोगों से दूरी बनालो जो दुःख में याद करते हैं, थोड़ी खुशियाँ मिलते ही फिर अनजान बनते हैं, फिर दुःख आया फिर भागे आपके पास आते हैं, असल में ऐसे लोग दुःख में सिर्फ सहारे खोजते हैं, दूसरों का इतना भी सहारा मत बनो की खुद को भूल जाओ। ©Priya Gour 🌸 रिश्ते जरूरतों या लालच से नहीं बनते और ना ही जरूरतों और लालच से लंबे समय तक चलते हैं...ना ही एक तरफा निभाये जाते हैं।🌸 रिश्ते कम बनाये सच्
🌸 रिश्ते जरूरतों या लालच से नहीं बनते और ना ही जरूरतों और लालच से लंबे समय तक चलते हैं...ना ही एक तरफा निभाये जाते हैं।🌸 रिश्ते कम बनाये सच्
read moreRaj Sabri
#जरूरतों को मैं पढ़ता था जिसके चेहरे से वो हो सका ना कभी मेरे हाल से वाकिफ Chouhan Saab Parvaiz Ahmed Sajid kashmiri shayar ki duniya
read moreHS KUSHAWAHA
छोड़ दें कोशिशें इंसानों को पहचानने की, यहाँ जरूरतों के हिसाब से बदलते नकाब हैं। अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर, हर शख्स कहता है जमाना बड़ा खराब हैं।। ©HS KUSHAWAHA छोड़ दें कोशिशें इंसानों को पहचानने की, यहाँ जरूरतों के हिसाब से बदलते नकाब हैं। अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर, हर शख्स कहता है जमाना ब
छोड़ दें कोशिशें इंसानों को पहचानने की, यहाँ जरूरतों के हिसाब से बदलते नकाब हैं। अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर, हर शख्स कहता है जमाना ब
read moreRaj Sabri
बेटियां तब बड़ी नहीं होती जब वो ससुराल चली जाती है बल्कि तब बड़ी होती है जब अपनी मां से छोटे-छोटे दुख और अपने बाप से छोटी-छोटी जरूरतों का इज
read more