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बेजुबान शायर shivkumar
White * " राम नाम ही सार है " * राम नाम ही सार है, जीवन का आधार। जप लो राम के नाम, होगा बेड़ा पार।। राम नाम ही आस है, मन की सच्ची प्यास। मन में हो प्रभुराम तो,जीवन जगत उजास। मन में बसे हो राम जी, फिर क्या पाना शेष। जीवन में एक राम ही, करते काम अशेष।। मनसा-वाचा-कर्मणा, जो धरता है ध्यान। पाता वह श्री राम को,जाता प्रभु के धाम।। जीवन जगत का सार है, सियाराम का नाम। सारी सृष्टि समा रही, प्रभु-पावन-गुणधाम।। दशरथ नंदन रामजी, दीनों के हैं नाथ। स्वामी तुम हनुमान के,सिर पर रख दो हाथ। शरण में आए आपकी, कर दो बेड़ापार। राम-राज्य फलीभूत हो, सपना हो साकार।। ©बेजुबान शायर shivkumar #Ram_Navmi #Ramnavami #ramnavmi #जयश्रीराम #श्रीराम हिंदी भक्ति गाना जय श्री राम भक्ति सॉन्ग भक्ति गीत भक्ति फिल्म Sethi Ji Kshitija puj
#Ram_Navmi #Ramnavami #ramnavmi #जयश्रीराम #श्रीराम हिंदी भक्ति गाना जय श्री राम भक्ति सॉन्ग भक्ति गीत भक्ति फिल्म Sethi Ji Kshitija puj
read moreVikas Sahni
White सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल कविता को चाहना, सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल इस ही को सराहना शेष शोर हैं, शेष चोर हैं और हैं सिर्फ़ सफलता के आशिक इस कायनात में कविता ही है इक, जिसे इस रूप में लिखकर गर्व होता है कि अच्छा किया जो इतिहास में किसी को प्रेम नहीं किया अलावा कविता के, अच्छा किया जो इतिहास में किसी को दिल नहीं दिया अलावा कविता के, कष्टों के काल में ऐसा सोचकर गर्व होता है, मातम-मलाल में ऐसा सोचकर गर्व होता है, कविता को वो नहीं नोच सकते, जिन्हें नोचकर गर्व होता है क्योंकि कविता को कोई देख नहीं सकता क्योंकि कविता को कोई छू नहीं सकता, जो कभी नहीं था थकता वह भी कदाचित कविता को तलाशते-तलाशते थक गया होगा। ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #कठिनाइयों_के_काल_में सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल कविता को चाहना, सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल इस ही को सराहना
#कठिनाइयों_के_काल_में सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल कविता को चाहना, सुकून देता है कठिनाइयों के काल में केवल इस ही को सराहना
read moreसंस्कृतलेखिकातरुणाशर्मा-तरु
राधा रानी के 28 नाम के जप मात्र से जीवन की सभी व्याधि नष्ट हो जाती है, राधे राधे 🙏 . . राधा रासेश्वरी रम्या कृष्णमन्त्राधिदेवता। सर्वाद्या
read moreVijay Vidrohi
#एक जल यात्री# ले साईकिल दो जोड़ी कपड़े और कंधे पर लोई एक पथिक भारत भ्रमण पर नाम सुभाष बिश्नोई कर संकल्प मुसाफिर निकला होगा जल्द सवेरा चितवन के जंगल से गुजरा परिवेश का एक चितेरा। 27 जनवरी सन 21 को जल योद्धा हुए रवाना पर्यावरण बचाने खातिर निकल पड़ा ये परवाना उम्र ना होती बाधक जब हो मकसद मंजिल पाना कालीरावण के सुभाष तुझे रखेगा याद जमाना वय साठ होते ही जाॅब से हुआ रिटायर, अन्तःकरण जल रही थी प्राकृतिक फायर, निकल पड़ा वसुधा का नायक चढ़ साईकिल के टायर जटिल था निर्णय पर क्या? ऐसा कर सकता कायर। जज्बा और जूनूनी राही चल पड़ा था उठा के साईकिल गीता और कुरान पढ़ी है,ग्रंथ पढ़ा है पढी है बाईबिल द्वँद्व हमेशा उसी ने जीता खौफ़ को जिसने किया है kill प्रकृति सेवा में जिसका बचपन से ही लगता दिल। मुंबई की पुलिस ने पकड़ा राजस्थान की खुड़ी में अटका रत्नागिरी के पहाड़ ने पटका नेपाली प्रहरी ने भी रोका पर जल का ये भरा था मटका किस की हिम्मत शिद्दत रोके जब दीप जला हो इष्ट लक्ष्य का बुझा सके क्या हवा के झोंके जो सूरज की तरह हो चमका चौरासी में मिली नौकरी और बीस में हुई विदाई पेड़ ही जीवन की शिक्षा माता अमृता ने सिखलाई। गुरु जम्भेश्वर और गुरु नानक दोनों जगत के महान शिक्षक पानी पिता है धरती माता यही हमारे जीवन रक्षक आज समय की एक जरुरत नहीं बचेगा प्रकृति नाशक पेड़ धरा के काट रहा जो वायु मंडल का है भक्षक। 25000 km की लम्बी यात्रा चला-चलम काठमंडू से अरिचलम और जम्मू और रामेश्वरम. पूर्व की खाड़ी नापी पश्चिम का नापा सागर भारत के उसे आखिरी तट पर लहराता हिन्द महासागर। लहरें उठी जब लहराती, वाह रे नीर समर्पित योद्धा तेरे इस मिशन मुहिम पर, हम सब वाऱी तोय पुरोधा। सूरत से भावनगर तक, रो रो की करी सवारी जल जमीं व पेड़ प्रकृति, लगती इनको प्यारी। जन्माष्टमी अगस्त 26 गोरखधाम रेल में मुलाकात हुई सफर में जब चर्चा और जल जीवन पर बात, " विद्रोही" ने लिख डाली ये कविता उस रात सच कहूं इस उड़ान से मिली "विजय" को जज्बे की सौगात। ©Vijay Vidrohi ||एक जल यात्री|| #motivate #my #new #poem #Poetry #viral #love #nature #savetree #savewater motivational thoughts in hi
Madhusudan Shrivastava
White तुम हो स्थिर एक अणु सा, चुम्बकीय आवेश मैं हूँ। ज़िंदगी के भाग में तू भागफल, और शेष मैं हूँ। ज्ञान का भंडार तुम हो,विज्ञता के शीर्ष पर तुम। ज्ञान के उस पात्र में से शेष का अवशेष मैं हूँ । ज़िंदगी के भाग में तू भागफल, और शेष मैं हूँ। हल हो तुम प्रश्नों का प्रिय तो हर परीक्षा में विफल मैं। हो समय का आज तुम तो ना कभी आया वो कल मैं ।। मैने किसका किया बिगाड़ा मैं ही पीड़ित प्रश्न मुझपर । बात संबंधों की हो तो मित्रता तुम, क्लेश मैं हूँ। ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ।। प्रेम जो मैने लिखा वो अश्रुओं में बह गया था । तुम पथिक बढ़ते गए मैं देखता ही रह गया था। पात्र हम-तुम बन गए हैंफिर कहानी यूँ लिखी की, चीख कर कहता कथानक प्रीत तुम और द्वेष मैं हूँ । ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ।। मूढ़ था आकाश को छुने की जो कोशिश किया था। व्योम की उस व्याप्तता में मैं भटकता रह गया था। ना मिला गंतव्य मुझको किसको क्यूँ मैं दोष देता ना पता था मुझको प्रियवर तुम हो व्यापक लेश मैं हूँ। ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ।। ©Madhusudan Shrivastava #moon_day ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ Kumar Shaurya MM Mumtaz Pyare ji Shilpa Yadav Vishalkumar "Vishal"
#moon_day ज़िंदगी के भाग में तू भागफल और शेष मैं हूँ Kumar Shaurya MM Mumtaz Pyare ji Shilpa Yadav Vishalkumar "Vishal"
read moreCHOUDHARY HARDIN KUKNA
चलती रोडवेज बस के पिछले दोनों टायर बाहर निकले प्रतापगढ़ धरियावद के ख़ूनता में बस के पिछले दोनो पहिये निकले बस धरियावद से अहमदाबाद की ओर जा रह
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब , रहते अपने पास । चलो सँभलकर नित इनसे , करना मत विश्वास ।। इनसे सूझ-बूझ का अपनी , करना नही विमर्श । बेटी तुमको करना होगा ... ले आयेगा हाथी घोड़ा , तुम्हें दिखाने आज । छल बल से फिर कृत्य ही करता , ऐसा आज समाज ।। नहीं दिखायेगा ये तुमको , मार्ग यहाँ उत्कर्ष । बेटी तुमको करना होगा..... हर जीवन में मातु-पिता ही , होते सच्चे मीत । तू न कर शंका प्रीति इन्हीं की , दिलवाती है जीत ।। शेष जगत में स्वार्थ भरा है ,नहीं मिलेगा हर्ष । बेटी तुमको करना होगा ...... बेटी तुमको करना होगा, जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब
गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब , रहते अपने पास । चलो सँभलकर नित इनसे , करना मत विश्वास ।। इनसे सूझ-बूझ का अपनी , करना नही विमर्श । बेटी तुमको करना होगा ... ले आयेंगा हाथी घोड़ा , तुम्हें दिखाने आज । छल बल से फिर कृत्य करेंगा , ऐसा आज समाज ।। नहीं दिखायेगा ये तुमको , मार्ग यहाँ उत्कर्ष । बेटी तुमको करना होगा..... हर जीवन में मातु-पिता ही , होते सच्चे मीत । तू कर न शंका प्रीति इन्हीं की , दिलवाती है जीत ।। शेष जगत में स्वार्थ भरा है ,नहीं मिलेगा हर्ष । बेटी तुमको करना होगा ...... बेटी तुमको करना होगा, जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब
गीत :- बेटी तुमको करना होगा , जीवन में संघर्ष । तब ही जीवन में आयेगा , सुनो तुम्हारे हर्ष ।। बेटी तुमको करना होगा... घात लगाये बैठे हैं सब
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