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Stories related to चलावे रेलगाड़िया

Ravi Kumar

देवरा गाड़ी चलावे

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BHUMIKULDEEP SHANDILYA

#ग़ज़बप्रस्तुति बालम थानेदार चलावे zypsy एक दम मस्त शानदार

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Anand Paras

एना जे नजर से तीर चलावे छी केतना के घायल करें छी बस करू ए धनिया हम त यही के प्यार मैं पागल छी!! #Pyar Love

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एना जे नजर से तीर चलावे छी
केतना के घायल करें छी
 बस करू ए धनिया
हम त यही के प्यार मैं पागल छी!!

©Anand Paras एना जे नजर से तीर चलावे छी
केतना के घायल करें छी
 बस करू ए धनिया
हम त यही के प्यार मैं पागल छी!!
#pyar #Love

ਸੀਰਿਯਸ jatt

पति चलावे सलून देवर दवाबे बैलून 🤡😂😂😂😂 सोचता हूं ना किया करू Bihariyon को Roast But बिहारी औरतें अपने पति के भाई से ज्यादा Obsesed रहती है के

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सोमेश त्रिवेदी

अनबुझ पहेली सी इसकी कहानी, खुदा ही बताए कहाँ की रवानी... कुछ भी पता ना किधर जा रहे हैं, जिधर की हो धारा उधर जा रहे हैं.... माँझी खेवैय

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अनबुझ पहेली सी  इसकी कहानी, 
खुदा ही बताए कहाँ की रवानी... 
कुछ भी पता ना 
किधर जा रहे हैं, 
जिधर की हो धारा
 उधर जा रहे हैं....
माँझी खेवैया 
चलावे है नैया, 
नैया से हैं हम, जीवन बहता पानी... 
ग़मों के बवंडर हिम्मत यूँ तोड़े, 
कोई साथ ठहरे कोई साथ छोड़े... 
सुख का वो सूरज, 
चमकेगा जिस दिन, 
गीत गाऊँगा मैं फ़िर, 
अपनी जुबानी.... 

 #NojotoQuote अनबुझ पहेली सी  इसकी कहानी, 
खुदा ही बताए कहाँ की रवानी... 
कुछ भी पता ना 
किधर जा रहे हैं, 
जिधर की हो धारा
 उधर जा रहे हैं....
माँझी खेवैय

kumar shivam hindustani

ओ मैय्या.. गोपियाँ बनावे तने है मूरख मोके बनावे खिलौना ऐसा नाच नचावे है कि मोको आवै रोना महाकाल की देत दुहाई कैसी है ये लीला तेरी लालन अँखि

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ओ मैय्या...
गोपियाँ बनावे तने है मूरख मोको बनावे खिलौना
ऐसा नाच नचावे है कि मोको आवे है रोना
read in caption-

©kumar_shivam_hindustani ओ मैय्या..
गोपियाँ बनावे तने है मूरख
मोके बनावे खिलौना
ऐसा नाच नचावे है 
कि मोको आवै रोना
महाकाल की देत दुहाई
कैसी है ये लीला
तेरी लालन अँखि

@the soul of love and laughter

कविता शीर्षक -: कोरोना-ऐ-बुंदेलखंड पसंद आये तो मुझे फॉलो कीजिये और मुझे आप यूट्यूब पर भी सब्सक्राइब कर सकतें है कै भज्जा कोरोना ने मचा दई

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aman6.1

(काश कोई राम मुझ को भी मिले) बचा लिया है रावण ख़ुद में,उम्मीद है कही कोई राम मुझको भी मिल जाये,उठा के तीर चला दे मेरे अहंकार के दस सरों पे,र

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बचा लिया है रावण ख़ुद में,उम्मीद है कही कोई राम मुझको भी मिल जाये,उठा के तीर चला दे मेरे अहंकार के दस सरों पे,रुखसती बुराईयों से मुझे भी मिल जाये.
पहला तीर चलाये मेरी आँखों में,जो देखती है हुस्न में हवस,करती है अपमान हर नारी का. दूसरा चलाये मेरी जुबां पे जो बोलती है नफ़रत घोलती है ज़हर ज़माने में पाने को शोहरत.
तीसरा तीर चलाये मेरी आवारगी पे,मोहब्बत से हुई नाराज़गी पे,सीखा दे मुझको भी मीरा सा विशवास राधा सा प्यार.
चौथा तीर चलाये मेरे लालच पे,दौलत पाने को अंधी हुई इंसानियत से बग़ावत पे,लूट रहा जो पैसो के लिए ग़रीब की जान लालची साहूकार ,चला दे छाती पे तीर इस रावण के.
पांचवा तीर चलादे झूठी ईबादत पे,धर्म के नाम पे होती मासूम जानवरों की शहादत पे. बता दे वो तीर इन मूर्खों को,बलि से नहीं बल से नही धन से नही  भगवान तो खुश होता इंसान के ख़ुद में ही ख़ुद को पाने से.ना मिलती जन्नत मज़हब के नाम पे घर जलाने से ना मिलता स्वर्ग गंगा में चेहरा डुबाने से.
छठा तीर चलाये लक्ष्मण उन शैतानों पे,लूट ते है जो अस्मत मासूम बच्चीयों की,नोचते है जो अबला नारियों को, मजबूर करते है जो नारी को बिकने पे, खींच दे लक्ष्मण रेखा छाती पे ऐसे व्यापारियों के हैवानियत के पुजारियों पे.
सातवां तीर चलाये उन नग्न मूरतों पे,फैशन के नाम पे बिकती सूरतों पे,असल रूप छोड़ जो दिखावे का चेहरा पहने है,समझा दे उनको भी शिंगार हया ही नारी के गहने है.एक रिश्ते के होते भी जो कई रिश्ते बनावे है कैसे वो सुहागन पतिव्रता कहलावे है मर्द भी चूमे है जो हर नारी की चौखट वो मर्द कम अय्याश ही कहलावे है सातवां तीर राम फिर ऐसे मानुस पे ही चलावे है.
आठवां तीर उठा के किस्सा सरहदों का मिटा दे,सतयुग की गंगा फिर से चला दे,उठा ले गया था रावण जो सीता को,वैसा रावण आज के हैवान में भी जगा दे,छुया ना जिसने नारी को उसकी इच्छा के बिना ऐसा ज्ञान आज के रावण को भी वो ज्ञानी सीखा दे.continue....
बाकी नीचे mention में full post पढ़िए
⬇️ (काश कोई राम मुझ को भी मिले)

बचा लिया है रावण ख़ुद में,उम्मीद है कही कोई राम मुझको भी मिल जाये,उठा के तीर चला दे मेरे अहंकार के दस सरों पे,र
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