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Ajita Bansal
White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना, राहों में खो जाने से पहले, ख़ुद को जानना ज़रूरी है, तब जाकर कोई सही रास्ता लगे। हर ख्वाब का पीछा करते हुए, सपनों में खो जाते हैं हम, लेकिन जब वो टूटते हैं, तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम। अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम, पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है। जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है, बाकी सब तो बस एक छलावा होता है। अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है, क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ? जब तक ये सवाल हल नहीं होगा, ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा। ©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day
#Sad_Status poem of the day
read moreSrinivas
In the dance of life, those who miss the beat of change, find themselves dancing to the tune of adversity. ©Srinivas In the dance of life, those who miss the beat of change, find themselves dancing to the tune of adversity.
In the dance of life, those who miss the beat of change, find themselves dancing to the tune of adversity.
read moreMohan raj
गुरुप्रसादेन हरिभक्तिः लभते, गुरुं विना हरिभक्तिः नास्ति। गुरु की कृपा से हरि की भक्ति प्राप्त होती है, गुरु के बिना हरि की भक्ति नहीं होती। By the grace of the Guru one attains devotion to Hari, without the Guru there is no devotion to Hari. धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj #Life Lessons By the grace of the Guru one attains devotion to Hari, without the Guru there is no devotion to Hari.
Life Lessons By the grace of the Guru one attains devotion to Hari, without the Guru there is no devotion to Hari.
read moreAjita Bansal
White वो रास्ते भी क्या रास्ते थे, जो हमें मंज़िल तक ले जाते थे। कभी धूप में, कभी छाँव में, हम चलते रहे, सफ़र के साथ। हर मोड़ पर, हर इक ठहराव में, मिले हमसे कुछ किस्से नए। कभी हँसाए, कभी रुलाए, वो रास्ते भी हमें सिखाते गए। कभी ठोकरें खाईं, कभी गिरकर उठे, मंज़िल की ओर बढ़ते गए। वो रास्ते हमें समझाते रहे, कि संघर्ष ही है असली जीत का रास्ता। ©Ajita Bansal #Thinking poem of the day
#Thinking poem of the day
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