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अल्पेश सोलकर
विश्वासाचं अस्सल उदाहरण तर बगा.. बोलता बोलता तिला बोललो .की ऐक ना . राग येणार नसेल तर सांगतो.. -बोल बर. अग काल मी मित्रांसोबत बार मध्ये बसलो होतो. (रागाने बगत होती.जणू काही मी मोठा गुन्हा च केलाय आणि बोलली की ) - तू अस काही नाही करू शकत.हे मला माहीत आहे रे.माझा विश्वास आहे तुझ्यावर. मग मी माझाही शब्द दिला की. ' मी कधीच कोणतंही व्यसन करणार नाही ' तुझ्या विश्वासाला#माझ्या शब्दाची साथ..👍
तुझ्या विश्वासालामाझ्या शब्दाची साथ..👍
read moreVibhan tyagi
युही नहीं बंदगी रखता हु इंसान वाली जात से, बड़ा इम्तेहान लेती है ये दो पैरो पर चलने वाली बिरादरी जात
जात
read moreArmaan Ali
आओ यारों तुम्हे एक कहानी सुनाऊं सुनाकर अफसाना दिल देहलाऊं मेंने भी एक सेहरा से फूल चुराया था हां मेंने भी किसी को अपना बनाया था अरे गौर करो यारों मेरी बातों पे मै भी जागा था कभी रातो में हुसन का दीवाना ना था में उसकी सादगी पे मरता था बड़ी मोहब्बत थी उससे मगर बताने से डरता था वो हूर से कम ना थी उससे परिया भी शर्माती थी उसके मन में भी कुछ बाते थी जो वो मुझे कहना चाहती थी एक रोज करके हिम्मत मेंने उससे इजहार कर दिया उसने भी इश्क़ का आँखों इशारा कर दिया चमन में जैसे लगा कोई बाहर आयी है मुझे ऐसा लगा जैसे किस्मत खुद चलके आयी है मेरी खुशियों का कोई ठिकाना ना था मेरे पास उदास रहने का कोई बहाना ना था बस फिर क्या था जिंदगी मेरी ऐसे मोड़ पर खड़ी हो गई मेरी मोहब्बत छोटी और वो बड़ी हो गई मेरी किस्मत ने मेरा साथ छोड़ दिया और उस फूल ने भी मेरा हाथ छोड़ दिया मेंने पूछा की क्यों छोड़ दिया साथ मेरा उसने कहाँ की अब तू ना रहा महबूब मेरा हम दोनों के बिच ऐसी कोनसी बात आ गई? (उसने जवाब दिया ) ना तुम बुरे हो ना मै बेवफा हूं हम दोनों के बीच में जात आ गई #अरमान ©Armaan Ali #जात
VKD KAPIL
Trust me वो जो मुझसे मेरी जात पुछता है सोचता हूं कोनसी जात बताऊं उसे... वो जो मेंने बनायी है या फिर वो जिसके साथ पैदा हुआ था मैं ! -VKD #जात
HARSH VARDHAN
जहां था अंधेरा वही रोशनी ढूंढ़ी जा रही थी..।। जहां थी काबिलियत वहा जात पूछी जा रही थी..।। हर्ष वर्धन 💐 जात...
जात...
read moreManmohan Dheer
ख़ुद से आज बात की जाए चलो ये मुलाक़ात की जाए . दिन गर्म हो चले हैं बहस में फैसले की इक़ रात की जाए . मुझमें ही गुम होगा अहद मेरा थोड़ी बहुत मालूमात की जाए . आईने को झूठा साबित करके शैतानी कोई करामात की जाए . चेहरे उतार के धीर अब सोचता है इंसां से आदम की जात की जाए . जात
जात
read moreVivekG poetry
इश्क को जात खा गई हमारी हम ठहरे मौर्यवंसी और वो निकली राजपूतानी ©VivekG poetry #जात