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Rakesh frnds4ever
White ये समय जो असीमित तेज रफ्तार से दौड़ रहा है,, कहीं रुक जाए, ठहर जाए कहीं अब और नहीं , बस मुझमें बसे इस अकेलेपन से कोई निकाल ले मुझे,, हाथ पकड़ कर थाम ले कोई प्यार से बस इक बार पुकार ले,,, मेरा नाम ले कोई,,, इस सूनेपन एकाकीपन अकेलेपन की असीम सुनसान खामोश खाली तन्हा वीरानेपन की जगह से बाहर निकाल ले कोई,, टिक जाऊं मैं भी कहीं रुक जाऊं,,, थम जाऊं मैं भी कहीं ठहर जाऊं,,इक पल को ही सही चैन की सांस ले पाऊं मैं भी कभी कहीं ©Rakesh frnds4ever ये #समय जो असीमित तेज रफ्तार से दौड़ रहा है,, कहीं #रुक जाए, #ठहर जाए कहीं अब और नहीं , बस मुझमें बसे इस #अकेलेपन से कोई निकाल ले म
IG @kavi_neetesh
*ॐ श्री वासुदेवाय नमः* जय श्रीकृष्ण, गोवर्धन गिरिधारी, तेरे चरणों में बैठी दुनिया सारी। न राधा संग, न मीरा संग तुम, अपने दर्शन दे दो कृष्ण मुरारी। जय श्री कृष्ण………… लोग मना रहे हैं गोवर्धन पूजा, आज स्वीकार नहीं है देव दूजा। कुछ तो सोचो मेरे मुरली वाले, चल रही तेरी पूजा की तैयारी। जय श्री कृष्ण………… दुनिया ने कल मनाई है दीवाली, तेरी कृपा बिन सब लागे खाली। क्यों चुप है आज तेरी मुरलिया? ज्यादा देर नहीं लगाना चक्रधारी! जय श्री कृष्ण………….. विनती सुन लो पालनहार हमारे, हम सभी समर्पित भक्त तुम्हारे। पलक बिछाए कर रहे हैं प्रतीक्षा, एक तरफ नर दूसरी ओर नारी। जय श्री कृष्ण………… इससे जुड़ी है प्रकृति की कहानी, गोवर्धन में है जीवन की निशानी। देवेन्द्र के क्रोध से बचाया इसी ने, पड़ा गोवर्धन जल प्रलय पर भारी। जय श्री कृष्ण…………… इस पूजा में है शक्ति का खजाना, भक्ति से मौसम आता है सुहाना। जय कृष्ण कन्हैया हे वंशी बजैया, सारे जग को चाहिए कृपा तुम्हारी। जय श्री कृष्ण…….......🚩 ©IG @kavi_neetesh भक्ति गीत : जय जय गोवर्धन गिरिधारी *ॐ श्री वासुदेवाय नमः* “सभी मित्रों, साथियों तथा प्यारे बच्चों को हमारी ओर से गोवर्धन पूजा क
भक्ति गीत : जय जय गोवर्धन गिरिधारी *ॐ श्री वासुदेवाय नमः* “सभी मित्रों, साथियों तथा प्यारे बच्चों को हमारी ओर से गोवर्धन पूजा क
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कात्यायनी मैया, शरणागत को चरणों में ले लो, हे मातारानी दुनिया में, तेरी कृपा बड़ी महान् है। आदिशक्ति का छठा रूप हो तुम, शक्ति स्वरूपा, महिषासुर मर्दनी रूप में, जग में तेरी पहचान है। कात्यायनी मां……. ब्रह्मा, विष्णु, महेश के आग्रह पर हे देवी महारानी, आदिशक्ति दुर्गा भवानी का दिया, रूप यह वरदान है। कात्यायन ऋषी आश्रम गई थी, आप बेटी बनकर, धर्म ग्रंथों में हे मां, ऐसा ही तेरा अमर निशान है। कात्यायनी मां……….. पीताम्बर परिधान तुमको, बहुत भाता है देवी माता, पंचमेवा तेरे भोग का भवानी, मन पसंद सामान है। द्वापर में ब्रजमंडल की, अधिष्ठात्री देवी रही थी मां, त्रेता युग में रामावतार में, श्रीहरि की रही शान है। कात्यायनी मां………….. मैया, महिषासुर वध करके, दिया तुमने सुंदर उपहार, तीनों लोक में बजा डंका, आज भी वही सम्मान है। चार भुजाओं वाली देवी, तुम सारे जग की जननी हो, अस्ताचल की शोभा मैया, तू सबके मन का अरमान है। कात्यायनी मां ………….. ©IG @kavi_neetesh कात्यायनी माता अराधना (माता रानी के षष्टम रूप की अराधना) “आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को शारदीय नवरात्रि के परम पावन
कात्यायनी माता अराधना (माता रानी के षष्टम रूप की अराधना) “आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को शारदीय नवरात्रि के परम पावन
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