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Anjali Singhal
"ख़ूबसूरती की क्या होती है परिभाषा, इसका तो पता नहीं! पर हाँ... उन्हें चाहने में दिल ख़ूबसूरत हो गया हमारा, इतना तो है यकीं!!" AnjaliSingh
read moreSatish Kumar Meena
स्त्री की परिभाषा सही मायने में यह है कि अपने सामर्थ्य से सहनशीलता के साथ अपनों के सेवाभाव में प्रगति के पथ पर लक्ष्मी जी की तरह परिवार का उत्थान करें वो स्त्री है। ©Satish Kumar Meena स्त्री की परिभाषा
स्त्री की परिभाषा
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।। कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती । सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के
कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के
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कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी । मुख मण्ड़ल के आप , नही सोहे लाचारी ।। कैसे तुमसे दूर , कहीं राधा रह पाती । सुन कर वंशी तान , दौड़ राधा नित आती ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
कुण्डलिया :- आती होंगी राधिका , सुनकर वंशी तान । मुरलीधर अब छोड़ दो , अधरो की मुस्कान ।। अधरो की मुस्कान , बढ़ाये शोभा न्यारी ।
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कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के तीर , प्रेम के वह रस घोले ।। ग्वाल-बाल का साथ , करे जिनका दुख आधा । वह ही है घनश्याम , चली जिनके सह राधा ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के
कुण्डलिया छन्द :- राधा-राधा जप रहे , देखो बैठे श्याम । आ जायें जो राधिका , तो पायें आराम ।। तो पायें आराम , चैन की वंशी बोले । फिर यमुना के
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