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अर्पिता
हम कुछ जाति वर्ग के हमउम्र लोगो से नफ़रत कर सकते हैं, लेकिन उन्हीं जातियों के छोटे-छोटे बच्चों पर हमेशा प्रेम ही उमड़ता हैं। 🥰 ©अर्पिता #जाति वर्ग
#जाति वर्ग
read moreSALTYSOUL
class caste colour does matter until u will be precious people even Gandhi g Shastri g and Ambedkar faces these stuff and then they realise what is truth! got it ... फिर नियम बने #nojoto रंग जाति और वर्ग #व्यंग्य
फिर नियम बने nojoto रंग जाति और वर्ग #व्यंग्य
read morejisu saif
Religion जिस दिन टूट जाएगी , जाति की झंजीर। भेद भाव ख़तम कौन अमीर कौन फकीर।। उस दिन गरीब भी खा सकेगा, चैन से निवाला । जिस दिन ख़तम होगा, जाति जाति कहने वाला।।। ... jisu जाति जाति जाति
जाति जाति जाति
read moreSubodh Kumar
मध्यमवर्गीय लड़कियाँ हमारे यहाँ लड़कियाँ , प्रेम कहाँ करती है? वो कर बैठती है गुनाह। एक ऐसा गुनाह जो हर चलते-फिरते,उठते-बैठते को, धंस जाता है बनके फांस, चुभता-खटकता है आंखों में, बन कांच की किरकिरी। आस-पड़ौस,गली-मोहल्ले, रिश्तेदारी की ब्रेकिंग न्यूज़। चिपका आतीं है अपने कान, उनके घर की दीवारों पर, आस पास की महिलाएं । हरेक घर,बन जाता है कोर्ट, और हर घर का प्रत्येक सदस्य, बन बैठता है कुशल वकील। हर रोज, परोसे जाते है, खाने के टेबल पर अचार के , साथ साथ, उन लड़कियों के, चटपटे कहानी किस्से। रोज होती है सबके घर, "डिनर पे चर्चा" उनकी। उन लड़कियों के घर का प्रत्येक सदस्य, किया जाता है खड़ा बारी बारी , से कटघरे में। लगाए जाते है तमाम संगीन इल्जाम उन पर तथाकथित वकीलों द्वारा, साबित किए जाते हैं कारक, लालनपालन में खोट, अत्यधिक छूट का परिणाम, पैतृक कुसंस्कार। उधेड़ा और खंगाला जाता है, इन कुशल वकीलों द्वारा, लड़की के घर का, संदेहास्पद इतिहास । गुजरते है उनके अभिवावक गली-कूचों से नजरें झुकाये-चुराए कि जैसे हों कोई चोर,मुजरिम। मारता है छोटा-बड़ा हर कोई, पत्थर,व्यंग और तानों के, खींच खींच के,कि हों जैसे, पत्थरबाज कश्मीर के। ठीक सेना कि भांति, बच-बच निकलते है ऐसी , लड़कियों के अन्य भाई-बहन। करीबी रिश्तेदार बन जाते है जज और सुना डालते है तालिबानी फरमान कि"होती गर जो उनकी बेटी तो घोंट देते गला ,अपने इन हाथों से।" इसलिये तो ज्यादार लड़कियाँ हार , कर लेती हैं स्वीकार, अपना अपराध , और करती है प्रायश्चित। झोंक देती हैं अपनी शिक्षा, ज्ञान,विज्ञान,कैरियर, थोपे गए अपराध बोध को, मिथ्या आदर्शवाद के चूल्हे में। लगा अपना भविष्य दाव पर, कर लेती है ब्याह,अनजाने, अनदेखे,बिना जांचे, योग्यता युवक की। खेल जाती है जुआ खुद ही खुद, के साथ समाज के इस ढोंगी चौसर पर। साबित करती है खरा खुद को, समाज की कसौटी पर, कहलाने के लिये आदर्श संस्कारी पुत्री । सचमुच लड़कियां हमारे, यहाँ प्रेम कहाँ करती है , वो करती हैं गुनाह। मध्यम वर्ग
मध्यम वर्ग
read moreSG
बाहर किसी को क्या ही बोलना ? जब अपने ही लोग जाति की जंजीरो मे जकडे है एक बच्चे की ख्वाइश को मरते देखा मैने खुद को घुटते देखा मैने ©❤SG❤ जाति
जाति
read moreNeophyte
खुद का ही एक कारागार बना रखा है लोगो ने जातियों को व्यापार बना रखा है एक एक जर्रे में मेरे तेरा नाम समाया है सबने उसे मिटाना अपना अधिकार बना रखा है जी तो लेते है सब यहाँ घूट-घूट जहर पीकर पर अपनो ने यहाँ जीना धिक्कार बना रखा है समाज क्या कहेगा ये सुनने की हिम्मत नही आपमे और जाती को रिश्ते काटने का हथियार बना रखा है! जाति!
जाति!
read moreRajeshKumar
जाति है कि अब जाती नहीं! पता नहीं कैसी ये जाति है!! जन्म के साथ यह आती है! मरने पर भी ये नहीं जाती है! पढ़ा इतिहास जब मैंने महापुरषों का, जातियों का जिक्र हर जगह आती है!! जाति----------------------------!! जाति ही छूत है,जाति ही अछूत है! जाति ही कुपूत है,जाति ही सुपूत है! कुछ जातियों का माथा देखा मैंने, लगा तिलक, चन्दन और भभूत है!! उन्हें देख और जाति खुद शरमाती है!! जाति -------------------------------------!! जाति नहीं तो कुछ भी नही! जाति नहीं तो पूछ भी नहीं! जाति जब खत्म हो जाये, होगा किसी की अब लूट नहीं!! जाति ही सबको खूब लड़वाती है!! जाति----------------------------!! जाति ही तो सबको है जन्माती! जाति ही तो खुद पर है इठलाती! जाति ही तो सारी दुनिया में, नफरत की ज्वाला है भड़काती!! जाति ही सबकी सरकार बनवाती है!! जाति----------------------------!! जाति ही पुजारी है,जाति ही भिखारी है! जाति ही जात का बना अब शिकारी है! गांव व शहरों के जातियों को देखो तुम, वह बना जन्मजात सफाई कर्मचारी है!! जाति ही जीने का आधार बन जाती है!! जाति-----------------------------!! जाति अब फैलाती उन्माद है! जाति-जाति में फैला विवाद है! फिर भी बडे नेता लोग ढूंढते हैं, दूसरे जातियों में अपना दमाद हैं! फिर भी कभी नहीं शर्म उन्हें आती है! जाति------------------------------!! मिला आरक्षण कुछ जातियों का छूट है! जातियों में जाति का हुआ अब लूट है! जाति-जाति करते यहां के सब नेता लोग, इंशानों में डाला अब बहुत बड़ा फुट है! जाति पर ही तो सरकार बन जाती है!! जाति------------------------------!! जाति रहबर है,जाति ही कहर है! इंशानों में फैला जाति का जहर है! "राजेश"फेंकों तुम जातियों का चश्मा, जातियों में बंट गया गांव औऱ शहर है! जाति ही सबको बहुत तड़पाती है!! जाति है कि अब जाती नहीं!! पता नहीं कैसी ये जाति है!! Tr-राजेश कुमार सेमरी (देव),करगहर,रोहतास ###जाति###
##जाति###
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