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Stories related to फैशन के मुताबिक हेयर स्टाइल

ARBAJ Khan

काली दुनिया के शैतान के खोफ

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White शैतान की दासतान
वे कहते है। जब आप आश की एक छोटी - सी  उमीद निराशा में बदल जाती है। तब काली दुनिया से कोई हमारे लिए आएसान करने के लिए तैयार रहता है।
फिर वों कहते है। ना हर आएसान की कोई न कोई कीमीत होती है।

©ARBAJ Khan काली दुनिया के शैतान के खोफ

Cricket

IND vs BAN: धोनी स्टाइल में मैच जिताकर Hardik Pandya #MSDhoni #hardikpandya #T20 #IndVsBan

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रॉयल वाटिका

दिल के अरमान आंसुओं में बह के

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Shashi Bhushan Mishra

#अनुभव के फूल#

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Anuj Ray

# अजीब फैशन था यार उसका"

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अजीब फैशन तैयार उसका"

अजीब फैशन था यार उसका, लिबास
 काट काट के, टुकड़ों में जिस्म दिखाने का।

न चाहते हुए भी नज़र चली ही गई वर्बश,
और दिल किया, एक गुनाह करके मर जाने का।

पता नहीं ये किसका असर था मेरे दिमाग़ पे,
बहके हुए मौसम, हसीन साक़ी या मैखाने का।

©Anuj Ray # अजीब फैशन था यार उसका"

Official vishwajeet Yadav

भगवती विंध्यवासिनी के बारे में कुछ खास बातेंः     विंध्यवासिनी को विंध्याचल की देवी भी कहा जाता है. विंध्यवासिनी को आदि शक्ति माना जाता

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person

गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि

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गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है?


यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के विषय में हमारा अज्ञान है। हम स्वजनों की मृत्यु की आशंका से ही भयभीत हो जाते हैं। हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका भी हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वछंद नहीं होने देती।

भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के बारे में अज्ञानता है. इसके अलावा, मनुष्य के दुखों के कुछ और कारण ये हैं: 
 
हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वच्छंद नहीं होने देती. 
 
मनुष्य में श्रेष्ठ गुणों का अभाव होता है. 
 
मनुष्य का शत्रुतापूर्ण और अमानवीय स्वभाव दुनिया को उदास और निराशाजनक बना देता है. 
 
अधिकांश मनुष्य इस बात का परिप्रेक्ष्य खो चुके हैं कि यह जीवन क्या है. 
 
उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया अस्तित्वगत प्रक्रिया से कहीं अधिक बड़ी हो गई है. 
 
भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य को अपने विवेक, परिश्रम, बुद्धि और उद्यम पर संदेह नहीं करना चाहिए. उसे सदैव सत्य और स्वधर्म के पक्ष में रहना चाहिए.

©person गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है?

यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि

DR. LAVKESH GANDHI

खुशियों के पल # जिंदगी के हसीन पल #

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खुशियों के पल 

जिंदगी में कभी-कभी 
खुशियों के पल आते ही रहते हैं
ज़ब नाज करे दुनियाँ 
वह पल आ ही जाते हैं |

©DR. LAVKESH GANDHI #खुशियों के पल #
#जिंदगी के हसीन पल #

Rajni Vijay singla

रक्षक के भक्षक

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M R Mehata(रानिसीगं )

नसीब के.....

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जय माता दी

©M R Mehata(रानिसीगं ) नसीब के.....
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