Find the Latest Status about stars and bars flag 10 from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, stars and bars flag 10.
kalam_shabd_ki
एक बांध जो कभी था ही नहीं - सिद्धार्थ दाँ एक गहरी दोस्ती थी नदी और तालाब में, वो दोनों ही गहरे थे इस ख्वाब में। मगर एक दिन आई दूरियों की रीत, तालाब को चाहिए थी गहराई की जीत। नदी अपना रुख बदलने चली, अपनी राहों में अकेले बहने चली। बिछड़ते वक्त दोनों ने ये बात ठानी, कि मिलेंगे साल में जब छलकेगा बाँध का पानी। पर किस्मत में लिखी थी सूखी रुत, बारिश ने भी बरसने से कर ली जुस्त। तालाब सूरज की आग में जलता गया, नदी प्यास से तड़प-तड़पकर ढलता गया। दोनों ने फिर देखा उस बाँध की ओर, जिस पर टिके थे वो प्याले-से ख्वाब, बिना ये जाने कि वो बाँध कभी था ही नहीं कहीं, बस प्यार का था एक अधूरा सराब। अब नदी बहती है विरान, तालाब में बसी है बस सूनी पहचान। उनकी मोहब्बत की कहानी है उदासियों की निशानी, बिछड़ी हुई राहों की, खोए अरमानों की कहानी। - मेरी कलम (सिद्धार्थ दाँ) ©kalam_shabd_ki #Waterfall&Stars
#waterfall&Stars
read moreRajesh kohli
नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी सबका भला करे जय माता दी 🙏🌹 ©Rajesh kohli 10/10/24
10/10/24
read moreHongirana Y
White Stars don't disappear They keep blazing even when the night is over ©Hongirana Y stars💫
stars💫
read moreDeepak Kumar 'Deep'
सुना है जुगनू उसको देखकर अठखेलिया करते हैं, सुना है सितारे उसको देखकर टिमटिमाते हैं, सुना है वक़्त भी उसे देखकर थम सा जाता है, और चाँद उसे देख कर बादलों में मुँह छुपाता है.. ©Deepak Kumar 'Deep' #Stars
The Aghori
রাত জাগা তারাদেরও কি স্বপ্ন থাকে দিনের আলোয় ঘুমিয়ে থেকে তারাও কি রং মাখে ?? সাগর কেনো উত্তাল হয়েও ভেতরে এত শান্ত প্রশ্নদের এই জ্বালাতনে পরে আমি বড়ই ক্লান্ত । ©The Aghori #Stars
RjSunitkumar
जब तक इस जिस्म में जान हे तब तक लहू का हर एक कतरा बहा देंगे मर जायेंगे मीट जायेंगे मगर मां भारती के दामन पे कभी आंच न आने देंगे। ©RjSunitkumar #flag
Anand Dadhich
उन्मुक्त तिरंगे की, निराली है निशानियाँ, केसरी रंग दर्शाता, वीरों की कहानियाँ, श्वेत रंग गाता, विश्व शांति की जुबानियाँ, हरित रंग चलवाता, समृद्धि की गाड़ियाँ। तेज तिरंगे की अटूट; अटल सी यारियाँ, नील चक्र सिखाता, सातत्य की कहानियाँ, अनवरत, विस्तृत, राष्ट्रध्वज की डोरियाँ, निश्चल, निश्छल, निर्मल, तिरंगे की बोलियाँ। रखवाली रक्षण हेतु, तत्पर है जवानियाँ, लहराओं और याद करों बलिदानियाँ, दिखलादों अब शूरता भरी सलामियाँ, उन्मुक्त तिरंगे की निराली है निशानियाँ। डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' ©Anand Dadhich #Tiranga #IndependenceDay #flag #kaviananddadhich #poetananddadhich