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Anjali Singhal
"प्यार के धागे से बुना है रूहानियत का लिबास। पहने रहते हैं जिसे मेरे एहसास।।" #AnjaliSinghal #Shayari #shayaristatus #status #Reels #Shorts
read moreMohammad Ibraheem Sultan Mirza
इंसान के तीन हिस्से हैं, #mohammad_ibraheem_sultan_mirza #मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा #islamic_videos_deeniyat #islam
read moreAnjali Singhal
"मोहब्बत के कच्चे धागे में, बँधा ऐसा पक्का एहसास; चाहत के नगीने से, चमका फिर साँस-दर-साँस।" #AnjaliSinghal #Shayari #shayaristatus #status
read moreJansurajharnaut
जन सुराज ने अपने तीन उम्मीदवारों के नाम का किया ऐलान जानिए कौन कहाँ से बने उम्मीदवार ? प्रेरणादायक मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स फॉर वर्क
read moreयादववंशी.
White !! ENGINEER DAY !! इंजीनियरिंग करना सिर्फ़ पढ़ाई नहीं है, बल्कि मां-बाप का सपना पूरा करना भी है. इंजीनियरिंग एक कला है जो हमें जीवन भर अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करती है. इंजीनियर ही राष्ट्र की उन्नति के सपने सजोता है. आपका कार्य उद्योगों को आगे बढ़ाता रहे तथा जीवन में सुधार लाता रहे। -सपने साकार करने वाले इंजीनियरों को - इंजीनियर दिवस 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं! -इंजीनियर दिवस की शुभकामनाएं!! ©ʀᴏʏᴀʟ.यादववंशी. #engineers_day दो से तीन लाइन इंजीनियरिंग के लिए। life quotes positive life quotes
#engineers_day दो से तीन लाइन इंजीनियरिंग के लिए। life quotes positive life quotes
read moreप्रा.शिवाजी ना.वाघमारे
White साहेब तुमचे तीन हजार.. आमच्या गळ्याशी आले.! बहीणीला तुमच्या जसे आयुष्यभराचे धन आले..! तुमचे पैसे आले घराचे घरपण जसे बँकेत गेले.. साहेब तुमचे तीन हजार आमच्या गळ्याशी आले..! बहीण तुमची आता नावाच्या तुमच्या धमक्या देते..! मुख्यमंञ्याची बहीण बहीण म्हणून गाव भर मिरवते..! साहेब तुमचे ते तीन हजार.. आमच्या गळ्याशी आले..! बहीण तुमची नुसती फोन वर राहते.. हीचे आले पैसे तिचे आले पैसे अस करू करू दिवस भर बोलत राहते..! तुमचे तीन हजार.. आमच्या गळ्याची आले..! ©प्रा.शिवाजी ना.वाघमारे साहेब तीन हजार
साहेब तीन हजार
read moreVikas Sahni
White आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ भी रही है वह। होकर नाराज़ नभ देख रही है और मैं उसकी आँखों में देखते-देखते दस बजे सजे पुस्तक-पन्नों के शब्दाें को फेसबुक; व्हाट्सएप; इंस्टाग्रामादि पर सजा रहा हूँ, "प्रसन्न बच्चों की आवाज़ें सर्वत्र गूँज रही हैं; सभी के लिए यह दिवा मेहमान है, पतंगों से सजा आसमान है, जिसकी ओर कविता का भी ध्यान है और उसकी ओर मेरा ध्यान है। लाल-पीली; हरी-नीली-पतंगें युद्ध-खेल खेल रही हैं अनंत आसमानी पानी और बादलों के बगीचे में मैंने देखा उन्हें कविता की आँखों से भरी पड़ी प्रत्येक छत है, प्रत्येक पतंग प्रतिस्पर्धा में रत है, कई किन्हीं इशारों पर नाच रही हैं, कई मुक्ति पाने-जाने के लिए छटपटा रहीं हैं, पिन्नी वाली फटी फटफटा रही हैं, कई मुक्त हुए जा रही हैं पश्चिम से पूर्व की ओर मस्ती में ठुमका लगाते हुए जा रही हैं अपने लक्ष्य की ओर तो कई कैदी बने रो रही हैं पक्के धागे के पिंजरे में, जिस प्रकार पक्षी (पतंग) अपने अंग-अंग को पटकते हैं पिजरे में बड़ी बेरहमी से फिर कविता की आँखों की नमी से पूछा मैंने कि क्या हुआ इससे आगे, क्या टूट गये वे सारे धागे? कविता ने कहा, "टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी पतंगों के धागे, टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी भिन्न-भिन्न रंगों के धागे। है आवश्यक अभी कि काश टूट जाते बुराई के धागे!!" . ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #पतंगों_के_प्रति आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ
#पतंगों_के_प्रति आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ
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