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Mr Dangi
मन की लिखूं तो शब्द रूठ जाते हैं सच लिखु तो अपने रूठ जाते हैं जिन्दगी को समझना बहुत मुश्किल है जनाब कोई सपनों की खातिर"अपनों" से दूर रहता है और कोई "अपनों" की खातिर सपनों से दुर...। ‼️🆓🆗🆒Ⓜ️ℹ️🅿️ C=C
C=C
read moreAbhishek tripathi#chgr@c
" वो चहकती कली किन फूलो में थी पली। "किन फिजा से महकती हुआ, सुगन्ध आता था, थी कौन सी वो गली।। "खोजने लगा मेरा दिल उस सुगंधित एहसासों को, किन पेड़ों की सांखो में थी वो ढली। "जी करने लगा लगालू ,अपने बागवान में उस फुल की एक कली।। "वह चहकती कली किंन फूलों में थी पली। "मेरे रोम रोम में, उसके सुगंध से मच जाती थी अक्सर खलबली।। "वह चाहती कली जिन फूलों में थी पली ©Abhishek tripathi#chgr@c #chgr#@:c: #chgr#@:c: #chgr#@:c:
Abhishek tripathi#chgr@c
माना कि, इश्क एक समंदर है। छुपा, कितना भी रहे ,दिल के अंदर है।। जिसके,आगे मैं शीश झुकाता हूं। जिधर,देखूं सिर्फ उसे ही क्यों मैं पाता हूं।। पता है मेरे दिल को, जो हरदम उसे रुलाता हूं। लेकिन, एक बात जान लो हरदम उसको अपने दिल में ही सुलाता हूं।। इसलिए, उसके दिल को इतना भाता हूं। ,,समुंदर इश्क,, ©Abhishek tripathi#chgr@c #chgr#@:c: #chgr#@:c #chgr#@:c:
cn goswami
aaj mene jindgi ka sabse bdha sabk sikh liya ki meri jindgi ka aham hissa mana usne mujko apne swrth k khatir meri hi nazaro main gira diya q ki unse hume ishq bepnah tha ©cn goswami c@c#tutahuadil
c@ctutahuadil
read moreGayatri Kamale @risingladybird
अगर आपको C.C.T.V camera बनेका ईतनाही पसंद है, तो खुद के घर का बना करो पडोस वाले घर का नाही. g@yatri... C. C T.V
C. C T.V
read moreAbhishek tripathi#chgr@c
जान जान के लो जान ना हमारी। अभी तुम नाजुक कली हो, जिसे कहते हैं ,कुंवारी।। जिस्म का भूखा नहीं , दिल का सच्चा हूं। तुझसे सच्चा इश्क निभा रहा हूं, लेकिन अभी दिल का बच्चा हू।। ©Abhishek tripathi#chgr@c #chgr#@:c #chgr#@:c: #chgr#@:c: #Death
Abhishek tripathi#chgr@c
अकड़। जो है, तेरे सीने में ना उसे कस के पकड़।। मेहनत ,बहुत करनी पड़ती है आगे बढ़ने के लिए देखना, कोई कांटा जाए ना तेरे सीने में जकड़। ऐसी, रखना ना तू अपने अंदर अकड़।। खामोशी, के साथ अपने अंदर की गहराई में जा। सुकून ,मिलेगा तुझे पहले अपनी मंजिल को पा।। जो, आजकल मुझसे कतराते हो ना। उनका, शुक्रिया अदा जरूर करना, काबिल हो गया हूं, क्यों हमारे बारे में अब बताते हो ना। हंसी ,आती है ऐसे लोगों पर। अपने ,तो कुछ करना पाते , कहते तू ही कर।। समय ,आ गया है अरे ओ मुसाफिर। खोल, दे तू भी इस जमाने के सामने अपने पर।। उड़ जा ,एक लंबी उड़ान लगाने को। छोड़ दे, इन्हें इन डालियों पर छलांग लगाने को।। चल ,चलते हैं उड़ान लगाने को। "खामोश अकड़" ©Abhishek tripathi#chgr@c #chgr#@:c: #chgr#@:c: