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Nidhi Adhyaru
चलती तेज़ हवा, वह् सुनसान सड़क को और डरावना बना रही थी, और अचानक से तेज बारिश रास्तो को धुंधला कर रही थी, सादगी से सजी यह रात आज अपना रौद्र रूप दिखा रही थी, तभी पायल की आवाज डर को बढ़ावा दे रही थी। आगे का रास्ता दिखाई देना मुश्किल था, और वहा ठहर ना लाजमी नही था, अब करे भी तो क्या करे? यह विचार के साथ वह गाड़ी धीमी गति से चलाए जा रहा था। आधे घंटे के बाद हवा स्थिर हुई, और वह सुमसान सड़क वाहनों की कतार से भर गई। ©Nidhi Adhyaru #aadhiadhoori #kahani #sumsaan #majil #Daravna #rasta #horror #nojotostreaks #nojotohindi
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read morePoonam Suyal
कोई न था मेरे साथ तुम न रहे मेरे अपने #रातकाअफ़साना #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi#daravna #dream Collaborating with shivam Mishra
#रातकाअफ़साना #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Dididaravna #Dream Collaborating with shivam Mishra
read moreAsif Shaim
Asif Shaim ©Asif Shaim #boys wallpaper Asif Shaim wallpaper
#boys wallpaper Asif Shaim wallpaper
read morePrerna Singh
White बोने के लिए लोग केसर बोते हैं लेकिन जो चुपके से केसर के नाम पर नरक बो जाते हैं उस अथाह पीडा की व्यथा धरती,आकाश और पाताल से कहीं अधिक विस्तृत होती हैं.... जो बारी बारी से अपनी मियाद पुरी करती हैं। ©Prerna Singh #wallpaper
Kumar Dinesh
White लिपटे हैं मुझसे यादों के कुछ तार..और मैं ठंडी हवाएं सुब्ह की,अख़बार.. और मैं जागते रहे हैं साथ ही अक्सर ही तमाम शब मेरी ग़ज़ल के कुछ नए अशआर..और मैं क्या जाने अब कहाँ मिलें,कितने दिनों के बाद लग जाऊँ क्या तेरे गले इक बार..और मैं अपनी लिखी कहानी को ही जी रहा हूँ अब इक जैसा ही तो है ..मेरा क़िरदार और मैं पहले तो खूब तलुओं को छाले अता हुए अब हमसफ़र है रास्ता पुरखार.. और मैं ग़म था न कोई इश्को मुहब्बत की फ़िक्र थी जीते थे ज़िंदगी को मेरे यार..और मैं अक्सर ही करते रहते हैं ख़ामोश गुफ़्तगू लग कर गले से आज भी..दीवार और मैं अशआर =शे'र का बहुवचन पुरखार=काँटो भरा ©Kumar Dinesh #wallpaper
Jaswinder Singh Jassi
White ਨਾ ਤੂੰ ਮਿੱਲੀ ਨਾ ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਨਜ਼ਰ ਮਿੱਲੀ, ਤੇਰੇ ਤੇ ਹੀ ਲਿੱਖਦੇ ਰਹਿੰਦੇ ਆ ਤੈਨੂੰ ਕੋਲ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਨ ਲਈ, 5-ਸਾਲਾਂ ਪਿੱਛੋਂ ਤੇਰੀ ਅੱਜ ਫਿਰ ਯਾਦ ਆਈ, ਤਰਸ ਦੇ ਰਹਿੰਨੇ ਆਂ ਅੱਜ ਵੀ ਤੈਨੂੰ ਦੇਖਣ ਲਈ ਪਰ ਤੇਰਾ ਨਾ ਸਾਨੂੰ ਦੀਦਾਰ ਹੋਇਆ, ਸੱਤਾ ਜਨਮਾਂ ਲਈ ਤੇਰਾ ਸਾਥ ਚਾਹੁੰਦੇ ਸੀ ਪਰ ਰੱਬ ਨੂੰ ਨਾ ਇਹ ਮੰਨਜ਼ੂਰ ਹੋਇਆ, ਕੀ ਹਾਲ ਆ ਮੇਰਾ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਪੁੱਛ ਤਾਂ ਸਹੀ ਜੇ ਗੱਲ ਨਹੀਂ ਕਰਨੀ ਬੁੱਝ ਤਾਂ ਸੀ, ਯਾਰ ਤੂੰ ਪਹਿਲੀ ਤੇ ਆਖਰੀ ਸੀ ਜਿਹਦੇ ਨਾਲ ਇਕਰਾਰ ਹੋਇਆ, ਬੜੇ ਦਿਲ ਨਾਲ ਦਿੱਲ ਮਿੱਲੇ ਇਸ ਮਹਿਫਿਲ ਵਿੱਚ ਬਹੁਤ ਇਨਸਾਨ ਮਿੱਲੇ, ਪਰ ਕਿਸੇ ਨਾਲ ਓਵੇਂ ਪਿਆਰ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ, ਚੱਲ ਤੂੰ ਨੀ ਤੇਰੀਆਂ ਯਾਦਾਂ ਤਾਂ ਕੋਲ ਹੀ ਨੇ ਜੋ ਮੈਂ ਸਾਂਭ ਕੇ ਰੱਖੀਆਂ ਨੇ, ਇੱਕ ਤੂੰਹੀ ਸੀ ਜਿਹਦੇ ਨਾਲ ਪਿਆਰ ਬੇਸ਼ੁਮਾਰ ਹੋਇਆ, ਤੇਰਾ ਜੱਸੀ ✍️💔 ©Jaswinder Singh Jassi #wallpaper
अनुज
White इतने ऊंचे ऊंचे पर्वत, इतनी नीची नदिया क्यों कल ही छोड़ा साथ तुम्हारा, लगती जैसे सदियां क्यों, आओ ! हमारे पास रहो, जैसे बादल से पर्वत मिलते है, मैं बन कींच,कमल तुम बनो, चलो साथ में खिलते है, दिन में रोज उजाला है, पर अंधकार में रतियाँ क्यों, इतने ऊंचे ऊंचे पर्वत, इतनी नीची नदिया क्यों..... तुमको वन उपवन समझूं खुद को बारिश की बूंदे इतना प्रेम समर्पण है, फिर गहराई में क्यों कूदे सारे वृक्ष बुजुर्गो ने, हिल-हिल कर सहमति दे डाला, सबने सहज रूप स्वीकार किया, फिर पीछे इतनी बतिया क्यों इतने ऊंचे ऊंचे पर्वत, इतनी नीची नदिया क्यों... ©अनुज #wallpaper