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Neelam Modanwal ..
🙏 मेंरी छंद की अवधारणा 🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा.. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी. फूल से फल तक मधुर मकरंद की अवधारणा.. जीव ईश्वर का अनाविल नित्य चेतन अंश है. द्वन्द से होती प्रगट निर्द्वन्द की अवधारणा.. एक रचनाकार तो स्थितप्रज्ञ होता है उसे आँसुओं में भी मिली आनंद की अवधारणा.. प्यार से ही स्पष्ट होती है, अघोषित अनलिखे और अनहस्ताक्षरित अनुबंध की अवधारणा.. प्रेम में सात्विक समर्पण के सहज सुख से पृथक. अन्य कुछ होती न ब्रम्हानंद की अवधारणा.. मुक्तिका मेरी पढ़ी हो तो निवेदन है लिखें क्या बनी सामान्य पाठक वृन्द की अवधारणा.........✍️ प्लीज़....... 🙏🙏 ©Neelam Modanwal 🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी.
🙏मेंरी छंद की अवधारणा🙏 फूल में जैसे बसी है गंध की अवधारणा. गीत में वैसे रही लय छंद की अवधारणा.. एक तितली चुम्बनों ही चुम्बनों में ले गयी.
read moreVandana Rana
लोगों की किसी भी विषय पर अपनी एक अलग अवधारणा होती है, किसी का भी गलत आंकलन करने की अपेक्षा उनके विचार पर भी गौर करें! ©Vandana Rana लोगों की किसी भी विषय पर अपनी एक अलग अवधारणा होती है किसी का भी गलत आंकलन करने की अपेक्षा उनके विचार पर भी गौर करें!
लोगों की किसी भी विषय पर अपनी एक अलग अवधारणा होती है किसी का भी गलत आंकलन करने की अपेक्षा उनके विचार पर भी गौर करें!
read moreSantosh yadav
सतलोक अविनाशी लोक है। जहाँ ऊंच-नीच की अवधारणा नहीं है। इस कारण द्वेष उत्पन्न नहीं होता। जबकि पृथ्वी लोक पर ऊंच-नीच, छोटे-बड़े की आग में सारा
read moreMK Sharma
दोस्तों जिस प्रकार हम सब के घर मे भोजन बनता है, तो संस्कारी परिवारों मे अब भी प्रथम रोटी 'गाय' के नाम की ही बनती है, हालांकि जिनके यहाँ ऐसा
read moreAnuj Ray
खुशबू चरित्र की" खुशबू चरित्र की, हीरे सी चमकती है, फूलों सी महकती है। खुशबू चरित्र की, जीवन के आईने में, सूरज सी दमकती है। खुशबू चरित्र की, आदर्श भी गढ़ती है, इतिहास भी रचती है। ©Anuj Ray # खुशबू की चरित्र की"
# खुशबू की चरित्र की"
read moreNitish Aarya
प्यार दुनिया का एक फासाना है इसका अपनाही एक ताराना है सब जानते है की मिलेंगे सिर्फ आँसू पर न जाने दुनिया में हर कोई इसका दिवाना है ©Nitish Aarya सायरी की की दायरी
सायरी की की दायरी
read moreRishika Srivastava "Rishnit"
कृप्या अनुशीर्षक भी एक बार पढ़ ले..🙏 "अंततः गाँधी के राम वास्तव में युगधर्म के अनुकूल रामत्व की अवधारणा की प्रतिमूति थे।यहीं तो गाँधी के राम
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