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Manpreet Kaur
केक तो वहां नहीं होता था फिर भी रात 12 बजे जन्म दिन मनाते थे। आस पास कहीं D.J लग जाते तो हम खूब शोर मचाते थे। hostel Life
hostel Life
read moreSeladiya Jenish
hostel life ની મોજ એટલે મિત્ર જ માતા મિત્ર જ પિતા મિત્ર ની ગાળ થી જ મિત્ર સુધરતા. હસવું હસાવવું માનવુ ને મનાવવું ને એક જ વસ્તુ મા ચાર ને ચલાવવું મોડી રાત સુધી જાગી ગપ્પા મારતા. વાત વાતમા ઝઘડી પડતા. એ ઝઘડા માથી જ પાછા હસી પડતા. આમ જ આખી આખી રાતો વિતાવતા. કાયદા નો ભંગ કરવામા કયારેક હદ પાર કરી જતા.. અને.. સર ની સજા ના હકદાર બનતા એ સજા પણ બધા મળી શાન થી ભોગવતા. જેણે પણ hostel life જીવી છે તેનુ જીવન સાર્થક છે. બાકી..તો આ બાળપણ વ્યર્થ છે.. આ hostel.life હંમેશા યાદ આવશે...અને. એ યાદો હર પળે આંખો ને ભીંજવશે.. -Jenish writes # hostel life
# hostel life
read morenishu
HOSTEL LIFE alg si duniya h yha , khushi ho yaa gum sath pura h yha, kbhi artist to kbhi awara h yha , pdte hue bhi masti hoti h yha . kbhi ldte h kbhi jhgadte h, kbhi rude to kbhi friendly hote h, alg alg city se hokr bhi sbse paas ho jate h , alg alg religion se hokr bhi ek family bn jate h. akelepn ke aadi bhi sath rhna sikh jate h, five star hotel me khane vale bhi normal khana sikh jate h . hr kmi puri hoti h yha , hr shrif kmina bnta h yha. # hostel life
# hostel life
read moreAkshat paras jain
जी हां रोया उस रात बहुत था मैं जी हां रोया उस रात बहुत था मैं, जब घर छोड़कर हॉस्टल में आया था मैं । जो सपन देखे थे मेने एक झटके मे शीण हो गए, माँ की आंखों में आँसू देख दिल के हर कोने नम हो गया । पापा की आवाज में पहली बार मेने वह नमी पाई थी, जब मुड़ कर देखा मैंने तो 'शायद' उनकी आंख भी भर आई थी ।1। जी हां रोया उस रात बहुत था मैं, जब घर छोड़कर ,हॉस्टल में आया था मैं । जब कदम रखा कमरे में मैंने तो एक अजीब सी घबराहट आई थी , शायद मम्मी पापा के जाने की मुझे ये आहट आई थी । जब मुड़कर देखा मैंने तो ना कोई आगे पीछे था, बस एक मायूस चेहरा और सामने 'दीवारों' का पहरा था।2। जी हां रोया उस रात बहुत था मैं, जब घर छोड़कर ,हॉस्टल में आया था मैं। भरे गले से मैंने अपने आप को ठीक बताया था, उस शाम पहली बार जब फोन मां का आया था। फोन के कटते ही में जोर-जोर से मैं रोने लगा , और कुछ समय बाद गर्मी में 'कंबल' ओढ़ के फिर रोने लगा ।3। जी हां रोया उस रात बहुत था मैं, जब घर छोड़कर ,हॉस्टल में आया था मैं ।। ##अक्षत 'पारस' जैन## hostel life
hostel life
read moreShalabh Agarwal
Hostel ke parathe aj bhi kacche the; Hum kyu bde hue... baache hi aache the😭; #hostel life
#hostel life
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