Find the Latest Status about हुं दोनो काही पे from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, हुं दोनो काही पे.
SATYAJIT ANANDRAO JADHAV
ishq Daund पुणे # बारामती "# आयुष्यातील सारं काही # आणाच्या कविता. . जीवन प्रवास माणुसकीच नात
read moreF M POETRY
White जब छत पे तुम आ जाते हो ज़ुल्फ़ों को बिखेरे.. चाँद आता है दीदार ही करने को तुम्हारे.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #जब छत पे तुम....
#जब छत पे तुम....
read moreRaju_Divakar
White हसकर खोना और खोकर हसना, दोनो मैं हिम्मत चाहिए....! ©Raju_Divakar #good_night हसकर खोना और खोकर हसना दोनो मैं हिम्मत चाहिए!
#good_night हसकर खोना और खोकर हसना दोनो मैं हिम्मत चाहिए!
read moreF M POETRY
White पता न पूछिये मुझ जैसे ग़म के मारे का.. नयी सड़क पे पुराना मक़ान है मेरा.. यूसुफ आर खान.... ©F M POETRY #नयी सड़क पे पुराना मक़ान...
#नयी सड़क पे पुराना मक़ान...
read moreF M POETRY
White उड़ जायेंगे तस्वीर से रंगों की तरह हम.. हम वक़्त की टहनी पे परिंदों की तरह हैँ.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #हम वक़्त की टहनी पे..
#हम वक़्त की टहनी पे..
read moreडॉ.वाय.एस.राठौड़ (.मीत.)
White जब पितृ पक्ष तो मातृ पछ क्यों नहीं ©डॉ.वाय.एस.राठौड़ (.मीत.) क्या दोनो आत्मा अलग अलग है
क्या दोनो आत्मा अलग अलग है
read moreamar gupta
White वो चाहता तो मुझे और किताबो को , दोनो को साथ लेकर चल सकता था ... वो नादान था उसे अभी एहसास नही था , वक़्त और इन्सान जब एक बार हाथो से छुट जाये फिर लौट के नही आते .... 1, 2 साल बाद जब वापस लौट के आयेगा , मुझे किसी और ही दुनिया मे पायेगा .. धुंधती रहेगी उसकी निगाहें मुझे और जिन्दगी भर का मलाल उसके दिल मे रह जायेगा ... वो चाहता तो मुझे और किताबो को , दोनो को साथ लेकर चल सकता था ।। 🙏🙏🙏 ©amar gupta #Wo चाहता तो किताबो और मुझको दोनो को साथ ले कर चल सकता था...
#Wo चाहता तो किताबो और मुझको दोनो को साथ ले कर चल सकता था...
read moreJashvant
White क़रीब मौत खड़ी है ज़रा ठहर जाओ क़ज़ा से आँख लड़ी है ज़रा ठहर जाओ थकी थकी सी फ़ज़ाएँ बुझे बुझे तारे बड़ी उदास घड़ी है ज़रा ठहर जाओ नहीं उमीद कि हम आज की सहर देखें ये रात हम पे कड़ी है ज़रा ठहर जाओ अभी न जाओ कि तारों का दिल धड़कता है तमाम रात पड़ी है ज़रा ठहर जाओ फिर इस के बा'द कभी हम न तुम को रोकेंगे लबों पे साँस अड़ी है ज़रा ठहर जाओ दम-ए-फ़िराक़ मैं जी भर के तुम को देख तो लूँ ये फ़ैसले की घड़ी है ज़रा ठहर जाओ ©Jashvant लबों पे सांस अड़ी है
लबों पे सांस अड़ी है
read more