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Riyanka Alok Madeshiya
White चलना है विश्राम नहीं है.... ------------------------------ चलना है विश्राम नहीं है। व्यर्थ में करना आराम नहीं है। अमूल्य समय गंवाने से, बनता कोई काम नहीं है। समय जो एक बार चला जाएगा। वापस वह लौट कर नहीं आएगा। चाहे तुम जितना जोर लगा लो, समय का चक्र तो ना घूम पाएगा। जीवन को ना समझो सुमन-पथ। यह तो है ;बिन पहियों का रथ। खींच कर तुमको ले जाना है, और पार करना है यह अग्निपथ। संकल्प और स्वाभिमान जीवन पथ पर संगी होंगे। तभी तो पूर्ण जीवन के हर एक सपने होंगे। अनवरत हो आगे ही आगे जब तुम बढ़ते जाओगे, तो कांटे भी इस पथ के फूलों से कोमल होंगे। स्वरचित और मौलिक रियंका आलोक मदेशिया ©Riyanka Alok Madeshiya #चलना है विश्राम नहीं है
#चलना है विश्राम नहीं है
read moreF M POETRY
White छिप भी जाता है नज़र आता है.. चाँद है हुश्न पे इतराता है.. यूसुफ आर खान... ©F M POETRY #चाँद है हुश्न पे इतराता है....
#चाँद है हुश्न पे इतराता है....
read moreKhushi Kandu
White (दोहा) जिन्ह मन तजि कुटिलाई, जीवन सुखमय होय। मन की माया से मुक्त, तन आनंदित होय।। ©Khushi Kandu #GoodMorning #khushikandu #doha #दोहा #छंद #जीवन
#GoodMorning #khushikandu #doha #दोहा #छंद #जीवन
read moretripti agnihotri
White तृप्ति की कलम से दोहा छंद 17 जुड़ा भाव का कारवाॅं, लिया शब्द ने रूप। शब्द - शब्द मुखरित हुआ,ज्यों सरदी की धूप।। स्वरचित मौलिक तृप्ति अग्निहोत्री लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश ©tripti agnihotri दोहा छंद
दोहा छंद
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White आनंद बहां नही................ जहां धन मिलता है..! आनंद बहां है...!! जहां मन मिलते है...!!! और परमानंद बहां है....!!!! जहां तन मिलते है... ©Rameshkumar Mehra Mehra # आनंद बहां नही,जहां धन मिलते है,आनंद बहां है,जहां मन मिलते है,और परमानन्द बहां है,जहां तन मिलते है....
# आनंद बहां नही,जहां धन मिलते है,आनंद बहां है,जहां मन मिलते है,और परमानन्द बहां है,जहां तन मिलते है....
read moreVic@tory
White जुदा होकर भी उसका इंतज़ार है तो है उस ज़ालिम से आज भी प्यार है तो है ख़बर है मुझे उसकी नज़र अंदाज़ी की मगर उसे देखने को दिल बेकरार है तो है वो करते रहे गैरो सा सलूक हम से मगर वो मेरे अपनो में शुमार है तो है नफरत की दीवार, चाहे खड़ी कर दें तो नफरत मगर फिर भी उस पे जां निसार है तो हे बेशक़ मोहब्बत आज भी उसी से है धड़कनें आज भी उसकी तलबगार है तो है… ©Vic@tory #शुमार है तो है
#शुमार है तो है
read morekavitri vibha prabhuraj singh
#कुड़लियां छंद #राधा तकती श्याम की #मन के भाव अपनी कविता #कावित्री विभा प्रभुराज सिंह
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kavitri vibha prabhuraj singh