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Amit Singhal "Aseemit"
परिवार संग मनाएंगे हम सभी नव वर्ष का हर्ष, क्योंकि पिछले वर्ष हमने किया था कड़ा संघर्ष। बीते हुए साल में दुख और बीमारी का संग रहा, ईश्वर जानता है कि हमने कितना दुख था सहा। ©Amit Singhal "Aseemit" #नववर्ष #का #हर्ष
Sneh Prem Chand
काश कोई योग गुरु ऐसा भी होता जो हमें ऐसा अनुलोम विलोम करना सिखा देता, जिसमें अंदर सांस लेते हुए संग प्रेम,सौहार्द,अपनत्व और स्नेह ले जाएं, और बाहर सांस छोड़ते हुए अपने भीतर के ईर्ष्या,द्वेष, अहंकार,क्रोध,लोभ,काम सब छोड़ देवें।। दिल की कलम से ©Sneh Prem Chand अनुलोम विलोम #Hope
अनुलोम विलोम #Hope
read moreHP
यदि आप ईमानदार हैं, समाज के प्रति सच्चे हैं, अन्दर से निर्दोष हैं तो योग्यता का अवमूल्यन आप के लिये एक वरदान है, जो बिना किसी विशेषता के एक विशेष क्षेत्र में आपका महत्व बढ़ाकर समादृत बना देता है। वह दुःख का नहीं हर्ष का विषय है। हर्ष
हर्ष
read moreHARSH VARDHAN
दिल मे छुपाए लाँख दर्द बैठा हू ..।। यहा अपनो की चालाकी देखी हैं..।। लोग फिर भी कहते हैं अरे हर्ष तूने अभी कहा दुनियाँदारी देखी हैं..।। हर्ष वर्धन 💐 अरे हर्ष..
अरे हर्ष..
read moreVikas Sharma Shivaaya'
सातों सबद जू बाजते घरि घरि होते राग । ते मंदिर खाली परे बैसन लागे काग । कबीर जी कहते हैं कि जिन घरों में सप्त स्वर गूंजते थे, पल पल उत्सव मनाए जाते थे, वे घर भी अब खाली पड़े हैं – उन पर कौए बैठने लगे हैं,समय हमेशा तो एक सा नहीं रहता -जहां खुशियाँ थी वहां गम छा जाता है जहां हर्ष था वहां विषाद डेरा डाल सकता है – यह इस संसार में होता रहता है ! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' हर्ष विषाद
हर्ष विषाद
read moreBeena
ये जो जीवन मे हमे मिलता है हर्ष और संताप कुछ और नहीं है शायद है हमारे ही कर्मों का प्रताप तभी तो हमपर कभी बिन मांगे होती है ख़ुशियों की बरसात और कभी रो-रो के थक जाएं पर भगवान भी हमारी सुनता नहीं अलाप जब लगे ये जीवन हमको एक ख़ुशियोंं भरी शौगात बखानते हैं हम सब अपने अच्छे कर्मों का प्रताप फिर जब होती है हमारी दुखों से आंखेचार बेहतर होता ये समझ जाते शायद है ये हमारे किसी बुरे कर्मो से मिला कोई अभिशाप जैसा भी है ये जीवन अपना ही तो है गर दुख मिला है तोफिर सुख भी मिलेगा अगर बढ़ा लेंगे अपने शुभ कर्मों का प्रताप हर्ष और संताप
हर्ष और संताप
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