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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी किया हुआ मेरे सपनों का छल किसने कर दिया युवा देश था गर्दिशों में धकेल दिया स्वाभिमान की बाते और वायदे करके रोजगार और व्यापार पर कैसा प्रहार किया हर घर और देश का भविष्य इन सियासतों और नेताओं ने बंटा ढहार किया इनके मायाजालो ने सबका जीना बेहाल किया प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Hopeless युवा देश था गर्दिशों में धकेल दिया #nojotohindi
#Hopeless युवा देश था गर्दिशों में धकेल दिया #nojotohindi
read moreAnuj Ray
गर्दिशों के दौर हैं कि, खत्म होने का नाम नहीं लेते। मगर ज़िंदगी फिर भी , अभी तक ठाट से है गुजरी। हंसी हंसी में बचपने में दिल ने, चाहा था कभी रब से, हमें पता भी न चला, और न जाने कैसे उसने बात सुन ली। ©Anuj Ray # गर्दिशों के दौर है कि,,
# गर्दिशों के दौर है कि,,
read moreMili Saha
// गर्दिशों के मुसाफ़िर // गर्दिशों के मुसाफ़िर हैं हम, है तूफानों से हमारा याराना, सामने हों कैसी भी मुश्किलें,हमने सीखा नहीं है घबराना, हम हौसला दिल में लेकर चलते हैं,खुद पर है विश्वास हमें, मखमली राह की चाहत नहीं हमें,कांटों पे आता है चलना, आज हार मिली तो क्या हुआ,कल चमकेंगे बनकर सितारे, अंधेरों से डरते नहीं, जब हिम्मत की रोशनी है साथ हमारे, साथी तो कई मिलते हैं राहों में पर बनते नहीं वो हमसफर, हम अपने रास्ते खुद बनाते हैं, चलते नहीं किसी के सहारे, दिल में जोश-ए-तूफान लेकर चल पड़े हैं मंजिल की ओर, एक दिन होंगे कामयाब,दिल में है बस कामयाबी का शोर, गिराने वाले बहुत यहां, पर हमने भी सीखा है कर्म करना, लड़ेंगे अंतिम सांस तक हम, खुद को ना होने देंगे कमजोर, खो चुके हैं इतना जीवन में कि अब कुछ होने का डर नहीं, मुश्किलों में इतना सताया हमें कि डर भी डरा सकता नहीं, मिटाकर नसीब का लिखा, एक नई तकदीर लिखी है हमने फौलाद हैं इरादे हमारे, कोई चाह कर भी गिरा सकता नहीं। ©Mili Saha गर्दिशों के मुसाफिर #motivatation #nojotohindi #Hindi #nojotohindipoetry
गर्दिशों के मुसाफिर #motivatation #nojotohindi #Hindi #nojotohindipoetry
read moreGeeta Sharma
कभी-कभी मैं खुद को चुन लेती हूँ , अंदर बह रही भाव सरिता को सुन लेती हूँ , कलम की सुलाई से सुनहरे धागे संग ✍️..... अधूरे ख़्वाबों को बुन लेती हूँ , परछाई जब पुरानी बखिया उधेड़े , मुट्ठी भर खुशियों से रफ्फू कर लेती हूँ , उगते सूर्य से ऊर्जा लेकर..... 🌄 थोड़ा प्रेम बोती हूँ.... 🤗 घृणा सुन लेती हूँ.... धरती सा धैर्य तो नहीं है मुझमें , थोड़ा - 2 मैं भी सह लेती हूँ , हालात के थपेड़ों से सशक्त बनकर , खुद की सुन लेती हूँ.... खुद से कह लेती हूँ । ©Geeta Sharma ### वक्त की गर्दिशों में खुद ही संभलती हूँ , ### इसलिए तो मैं हौंसले लिखती हूँ ।
### वक्त की गर्दिशों में खुद ही संभलती हूँ , ### इसलिए तो मैं हौंसले लिखती हूँ ।
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