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Mohan Sardarshahari
White काम करना तो वही है जो करते हैं हम शौक से बाकी तो बस चलता है जिम्मेदारियों के खौफ से।। ©Mohan Sardarshahari # शौक और खौफ
# शौक और खौफ
read moreParasram Arora
White अब सुख और सुकून की नींद कहा नसीब होती हैँ आज के इंसान को आदमी दिन भर व्यस्त रहता हैँ रोज़ी रोटी कमाने की ज़ददो ज़हद मे उसे सुकून और सुख की फ़िक्र करने.का वक़्त ही कहा मिलता हैँ? ©Parasram Arora सुख और सुकून
सुख और सुकून
read moreBhupendra Rawat
White कहानी लिखी गयी हर एक उस शख़्स की जिसने संघर्ष की सीढ़ी पर चढ़कर बदल दिया अनिश्चितताओं और हाथों की लकीरों को तथा खोल दिये सफलता के द्वार बल्कि किस्मत को दोष देने वालों के हाथों मे छपी असफलताओं की लकीरें. और इस तरह इतिहास के पन्नों मे उपसर्ग 'अ' के साथ दर्ज हुआ एक और शब्द "असफलता" इस शब्द मे छिपी थी मायूसी, उदासीनता और नाराज़गी ©Bhupendra Rawat #Sad_Status कहानी लिखी गयी हर एक उस शख़्स की जिसने संघर्ष की सीढ़ी पर चढ़कर बदल दिया अनिश्चितताओं और हाथों की लकीरों को तथा खोल दिये सफल
#Sad_Status कहानी लिखी गयी हर एक उस शख़्स की जिसने संघर्ष की सीढ़ी पर चढ़कर बदल दिया अनिश्चितताओं और हाथों की लकीरों को तथा खोल दिये सफल
read moreSatish Kumar Meena
White इंसान का चिंतन और मनन वातावरण पर निर्भर करता है वो भी स्वयं के। ©Satish Kumar Meena चिंतन और मनन
चिंतन और मनन
read moreAshok Verma "Hamdard"
White अच्छे थे वो, कच्चे घर भी, इमारतों में, इंतजाम बहुत है!! गाँव की गलियाँ, खाली पड़ी हैं, शहरों में, सामान बहुत है!! खुली हवा में, जो चैन मिलता, बंद कमरों में, धुआँ बहुत है!! न रिश्तों की अब, गर्मी बची है, पर तकनीकी, सम्मान बहुत है!! दादी-नानी की बातें छूटीं, मोबाईल में ही ज्ञान बहुत है!! सच्ची हंसी, कम दिखती अब, लेकिन चेहरे पर ,नकाब बहुत है!! सुख-सुविधाओं से घिरा इंसान, पर दिलों में, अरमान बहुत है!! दौड़ रही दुनिया, आगे बढ़ने को, फिर भी जीने में, थकान बहुत है!! सादगी की जो मिठास थी कभी, अब दिखावे में, ईमान बहुत है!! अकेले होते लोग भीड़ में, फिर भी दिखते, महान बहुत है!! *अशोक वर्मा "हमदर्द"*(कोलकाता) ©Ashok Verma "Hamdard" #गांव और शहर
#गांव और शहर
read moreSatish Kumar Meena
White पक्षियों की उड़ान स्वतंत्र हैं और इंसानों को बंदिशों के दायरे में काम करना पड़ता है क्योंकि एक दूसरे की सरहद पार करना बहुत बड़ा गुनाह है। ©Satish Kumar Meena स्वतंत्रता और बंदिश
स्वतंत्रता और बंदिश
read moreseema patidar
White कुछ वक्त और ठहर जाओ तो अच्छा होगा जैसे हर पतझड़ के बाद बाग दुबारा खिल उठता है हवा अपना मुख मोड़कर दुबारा उन्ही पेड़ों से लिपट जाती है हर रोज अंधेरे के बाद सूरज की पहली किरण रोशनी ले आती है तुम भी दुबारा उन्ही लम्हों से गुजर जाओ तो अच्छा होगा खुशियों का समुंद्र भर लाओ सुकून के कुछ पल साथ बिता जाओ कितना खोया कितना पाया खुद बता जाओ चले जाते है सब लोग जिंदगी में साथ छोड़कर तुम उम्र भर साथ निभा पाओ तो अच्छा होगा ©seema patidar कुछ वक्त और ......
कुछ वक्त और ......
read moreSuman Banshiwal
White घुट घुट कर जीना सही है क्या? अगर सही है तो सही है, अगर गलत है तो, फिर मरना सही है क्या? अगर सही है तो सही है, अगर गलत है तो, फिर सही है क्या? सही है क्या? ©Suman Banshiwal सही और गलत
सही और गलत
read moreVijay Gupta
खुद ही से खुद को खुश रख लेती हूं, मुझे किसी अपने पराए की जरूरत नहीं ✍🏽M ©Vijay Gupta #खुशी#और#तुम