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आलोक अग्रहरि
#भारत_हित स्वर्ग पे बैठे सेनानी रोते और बिलखते हैं, देख दशा निज हिन्द की होते शर्मिंदा हैं। स्वार्थ सिद्धि ने सबको ऐसा नाच नचाया, नही किसी को भारत का हित भाया है।। आदर्श,नैतिकता का निरन्तर ह्रास हो रहा, संस्कारों का क़त्ल अब खुले आम हो रहा। किसको बुलाऊँ मैं,करने सदाचार की रक्षा, कोई नही दिखता कान्हा जितना सच्चा।। धर्म की रक्षा करने आ जाओ हे!कान्हा।। फिर किसी अर्जुन को दिखलाओ रास्ता, बढ़ रहे अधर्मी,बलात्कारी और जिहादी, कर संहार मुक्त करो भारत धरा हमारी।। कहां गए गार्गी,श्रवण,प्रताप और सुभाष? क्या हो गई कोख़ बंजर भारत के माई की? शायद शक्तिहीन हो गया दूध माताओ का, रक्त नही खौलता देख जिहादी जिन्नाओं को। ए भारत के वीर पुत्र यूँ न छुपों तुम आँचल में, भारत के शांत संविधान का किया खूब सम्मान, महाभारत के कृष्ण-अर्जुन बनने का आ गया वक़्त। जिहादी,बलात्कारी के लहू से करों मां का श्रृंगार। ✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️✍️ ©आलोक अग्रहरि नवभारत
नवभारत
read moreआलोक अग्रहरि
मेरे भारत का अब भाग्योदय होने वाला है, गांधी जैसा अब कोई नही बनने वाला है। भगत,सरदार और भारत का बुरा चाहने वाले, ऐसे राष्ट्रपिता को कोई नही नमन करने वाला है। ✍️✍️✍️आलोक अग्रहरि #HBDShastriJi नवभारत
#HBDShastriJi नवभारत
read moreAnand Dadhich
गलवान घाटी में नवभारत की शक्ति! #kaviananddadhich #poetananddadhich
गलवान घाटी में नवभारत की शक्ति! #kaviananddadhich #poetananddadhich
read morevishnu prabhakar singh
मेरे वर्तमान का तुम्हारे नियम प्रारंभ में युवा कृत्रिमता पकड़ी चली जानेवाली अदा संशय में डूबे परिपाटी की युवती तू ही कारण है मेरे बनते विचारों का। तू ही कारण है मेरे वर्तमान का तुम्हारी परिपक्वता मध्य में शिक्षण उपरांत नियंत्रण अपनी योग्यता पर धर्मपुत्री की परिवारिक अद्वैत मान लिए युवती तू ही कारण है मेरी पूर्वगामी सामाजिक आस्था का। तू ही कारण है मेरे वर्तमान का तुम्हारी प्रतिपादिता अधेड़ में अविवाहित अवस्था एकांत का मलाल निगलते पर दृढ़ हो,उदाहरण देते तू ही कारण है उत्तरदायित्व से सज्जनता का मार्ग दिखने हेतु तू ही कारण है मेरे वर्तमान का मैं फक्कड़ संहिता में डूब गया। तू कितनी सहज है रे... आप अगर गम्भीरता से देखेंगे तो ऐसे उदाहरण तादात में मिलेंगे।#नवभारत!!💜 तू कारण है... #तूकारणहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborat
आप अगर गम्भीरता से देखेंगे तो ऐसे उदाहरण तादात में मिलेंगे।#नवभारत!!💜 तू कारण है... #तूकारणहै #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborat
read moreKhandelwalsweeti
राम लैला को मंदिर की चार दीवारो में नहीं , हमने उनको अपने दिलों में बसाया है । हम नवभारत के युवा है, हमें मंदिर -मस्जि़द से पहले, अपनी माँ -बहनों की इज्जत प्यारी है । तुम कूद पड़ते हो हर मुद्दे पर , अब क्यूँ तुम्हें चुप्पी प्यारी है । हो , अगर मुद्दा धर्म का , साधु से लेकर संत का , अभिनेता से लेकर राजनेता का , बच्चे से लेकर बूढ़े का , तुम कूद पड़ते हो रणभूमि में , फिर अब किस बात की देरी है , राम लैला को मंदिर की चार दीवारो में नहीं , हमने उनको अपने दिलों में बसाया है । राम लैला को मंदिर की चार दीवारो में नहीं , हमने उनको अपने दिलों में बसाया है । हम नवभारत के युवा है, हमें मंदिर -मस्जि़द से पहले, अपनी
राम लैला को मंदिर की चार दीवारो में नहीं , हमने उनको अपने दिलों में बसाया है । हम नवभारत के युवा है, हमें मंदिर -मस्जि़द से पहले, अपनी
read moreKavya Goswami
माथे से गिरता पसीना उसका कितने ही इतिहास लिखता है नवभारत की कल्पना बिंदू पर सम्पुर्ण भारत की छवि दिखता है... ( कृपया अनुशीर्षक भी पढ़े ) माथे से गिरता पसीना उसका कितने ही इतिहास लिखता है नवभारत की कल्पना बिंदू पर सम्पुर्ण भारत की छवि दिखता है व्याकुल उसका निश्छल मन और तन पर
माथे से गिरता पसीना उसका कितने ही इतिहास लिखता है नवभारत की कल्पना बिंदू पर सम्पुर्ण भारत की छवि दिखता है व्याकुल उसका निश्छल मन और तन पर
read moreNeha Pant Nupur
अनकही –जाने माने कवि शरद कोकस जी🌸 कविताकोष) वह कहता था वह सुनती थी जारी था एक खेल कहने सुनने का खेल में थी दो पर्चियाँ
read moreसंस्कृतलेखिकातरुणाशर्मा-तरु
सर्वेभ्यः स्वातन्त्र्यदिवसस्य शुभकामना🇮🇳🙏 आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं स्वरचित संस्कृत रचना शीर्षक अस्माकं प्रियं भार
read moreyogesh atmaram ambawale
नेहमीच हवाहवासा वाटणारा तू , नेहमीच ज्याचा जवळ राहवासा वाटणारा तू. पण सध्या खूप दुरावा निर्माण झालाय आपल्यात, कुणास ठाऊक का तू असूनही नकोसा वाटू लागलाय, तुझे ते पूर्वीचे रूप आता दिसेनासे झालेय म्हणूनच कदाचित आपले संबंध संपुष्टात आले. (लेख मोठा आहे कॅपशन मध्ये वाचावे) सुप्रभात सुप्रभात माझ्या प्रिय लेखक मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? पत्र लेखणाचा आनंद घेत आहात ना? आजचा विषय आहे प्रिय वर्तमानपत्र.. #प्रियव
सुप्रभात सुप्रभात माझ्या प्रिय लेखक मित्र आणि मैत्रिणीनों कसे आहात? पत्र लेखणाचा आनंद घेत आहात ना? आजचा विषय आहे प्रिय वर्तमानपत्र.. प्रियव
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