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Dalip Kumar 'Deep'
White Shayer tera ©Dalip Kumar 'Deep' खूबसूरत दो लाइन शायरी अच्छा लगता है 😊✍🏿💕
खूबसूरत दो लाइन शायरी अच्छा लगता है 😊✍🏿💕
read moreKalpana Negi
तुम्हारा मेरे साथ होने के लिए मेरी कोई शर्त नहीं थी, तय तो तुमको करना था, कि मेरी अहमियत कितनी थी। 🌻 ©Kalpana Negi ।। कभी कभी खुद को समझा लेना ही अच्छा होता है ।।
।। कभी कभी खुद को समझा लेना ही अच्छा होता है ।।
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White बेहद मामूली सा महज़ एक ख्याल ही तो हूँ मैं जो याद आ जाऊँ कभी बस मुस्कुरा भर देना ©हिमांशु Kulshreshtha एक ख्याल..
एक ख्याल..
read morechandeshwar sada
divyachandan (Chandan Kumar bihari
White सरपट भागती गाड़ियां लहलहाती झरियां पीछे छूटती अट्टालिकाएं, मुझे अच्छा लगता है। आसमान में विचरण करती काले बादल स्वागत में खरी पेरों की टोलियां उमस के बाद रिमझिम फुहारें में भींगना मुझे अच्छा लगता है। अपने स्वीटेस्ट को याद करना उसकी यादों में खोया रहना उसके साथ नित्य नए ख्वाबों को बुनना मुझे अच्छा लगता है। समीर के साथ नाचती तरु की टोलियां इठलाती नदियां मकर की अठखेलियां नौकायान करती साफरिक के अतिरिक्त तट पर जलक्रीरा करती हुई बच्चों की टोलियां मुझे अच्छा लगता है। ©divyachandan (Chandan Kumar bihari #Sad_Status मुझे अच्छा लगता है
#Sad_Status मुझे अच्छा लगता है
read moreRahul Ranjan
White हां अकेले रहना पसंद है मुझे, पर लोग इस मेरी ego समझ लेते हैं, अब क्या कहूं इन्हें मैं अकेले तो कोई रहना नहीं चाहता, पर जमाने की रुख़ ही ऐसा है कि अकेले रहना खुद-ब-खुद आ जाता है, कहने को तो यहां हर कोई साथ हैं लेकिन जिंदगी के हर मोड़ पर हमें चलना अकेले ही है, ये बात भी इस दुनिया ने ही सिखाई है कि, आप सबके जरूरत पर खड़े रहते हो, मगर आपको जरूरत पड़ने पर सब मुंह फेर लेते हैं, इसलिए मैं अपनी जरूरत खुद बनना चाहता हूं लोगों का क्या है, वो तो छोड़ जाते हैं बीच रास्तों पर अकेले. क्योंकि, उन्हें सिर्फ हक जताना आता है, रिश्ता निभाना नहीं. और फिर जब हर बार खुद को अपने साथ अकेले ही पाना है, हर रास्ते पर खुद को मुझे अकेले ही चलना है, तो क्यों ना अकेले ही रहा जाए. वैसे भी सबके करीब जाकर देख लिया है, मुझे, मुझसा सुकून कहीं नहीं मिला. हां, इन समझदारों की दुनियां में जहां रिश्ते सिर्फ मतलब से निभाये जातें हैं, वहां मैं अकेले ही ठीक हूं बेमतलब से. जिन्हें कोई वास्ता ही नहीं उनके साथ क्यूं रहूं मैं, कम से कम झूठे सहारे से तो अच्छा है मैं खुद के साथ अपने तरीके से जियूं. अब ऐसा नहीं है कि मुझे किसी से मिलना-जुलना, बातें करना, दोस्ती-यारी रखना पसंद नहीं है, पसंद सब है मुझे. मगर उन जैसे formality करके नहीं जुड़ना चाहता मैं किसी से, यही वजह है कि ओरों से ज्यादा खुद के साथ वक्त बिताता हूं. कुछ बातें खुद से कहना, खुद की सुनना, थोड़ा खुद को समझाना, थोड़ा खुद समझा लेना अच्छा लगता है मुझको. फर्क नहीं पड़ता कौन क्या कहता है मेरे बारे में, बस अपनी आवाज़ को सुन सकूं इसलिए दुनिया के शोर से दूर रहता हूं. क्योंकि नहीं चाहता उस भीड़ का हिस्सा बनना, जिस भीड़ में मैं ही खो जाऊं, फिर चाहे कोई मुझे समझे या ना समझे, इस बात की भी कोई उम्मीद नहीं रखता किसी से. क्योंकि अब सारी बातें खुद से ही होती है, और यही फायदा है अकेले रहने का की मेरे जैसे इंसान दिखावे का नहीं हक़ीक़त की जिंदगी जीता है. क्योंकि हमें खुद से बेहतर कोई नहीं समझ सकता. ©Rahul Ranjan #Sad_Status अकेले रहना अच्छा लगता है
#Sad_Status अकेले रहना अच्छा लगता है
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