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sushil.
White deepon ka tyohaar laaye umang laaye khushiyon ki bahaar har ghar roshan ho mite jeevan ka andhkaar ma laxmi ka smaran karein sabhi sukh samridhi vaibhav ho har ghar mai aaj ©sushil #diwali_wishes shree Shivam mishra R Ojha Ashutosh Mishra vinay panwar rasmi
#diwali_wishes shree Shivam mishra R Ojha Ashutosh Mishra vinay panwar rasmi
read moreSHIVAM MISHRA
मेरी कशिश....... ************* जिदंगी...... ********** जिंदगी, यूं रेत सी खिसकी किधर अब चले यू अब गिरे सिसके जिधर ख्वाब, में ही रह गए जब रेत पर मिल न पाए ढूढते हम फिर किधर 🥲😊😊😊❤️ ©Shivam mishra Byomkesh R Ojha अdiति Vaishnavi Pardakhe Ayush Jaywardhan sad shayari
Byomkesh R Ojha अdiति Vaishnavi Pardakhe Ayush Jaywardhan wsad shayari
read moreAmit Dixit
White क्या बताऊं अपने गांव के बारे में ,,🤔🤔 एक नदी का किनारा था मेरा गांव थोड़ा पुराना था मिट्टी की खुशबू अब खो गई सड़कें पक्की हो गई खेतों में अब पेड़ों की आवाज नही आती गांव में अब गांव जैसी बात आती ©Amit Dixit Pragya Mishra Sonam
Pragya Mishra Sonam
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White बैठकर बेवफाई के आहों तले उसके जाने का मातम मनाता रहा सुनने वाला बचा था मुझे न कोई फिर अकेले ही मैं गीत गाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा... सुुबह में शाम में डूबता जाम में जिंदगी जी रहा था मैं गुमनाम में कोई पागल कहे और अवारा कोई सबको सुनता और आंसू बहाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा... मैं था राही भटक कर कहां खो गया लोग कहते हैं मै क्या से क्या हो गया छिप रहीं मेरी चीखें जो बेबस बनीं उनको गीतों में लिखता और गाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा... तेरी यादों में गिरते जो आंसू मेरे उनको इक इक संजोकरके गढ़ता रहा तेरे मिलने बिछड़ने के पत्रों को मैं रात भर जाग करके यूं पढ़ता रहा अपने गिरते हुए आंसुओं में भी मैं याद करके तुम्हें मुस्कुराता रहा सुनने वाला बचा था मुझे न कोई फिर अकेले ही मैं गीत गाता रहा गुनगुनाता रहा गुनगुनाता रहा...... ©Shubham Mishra #sad_shayari shubham mishra
#sad_shayari shubham mishra
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White निगाहों को चुराने की अदाकारी भी रखती है, मै किसको देखता हूं ये भी अच्छे से परखती है, बहाने खूब बनाती है मुझे न चाहने के वो, मै उस पर मर रहा हूं ये सबसे कहती रहती है। कभी ऐल्बम से अपनी वो पुरानी फोटो लाती है, कभी मेहंदी से अक्षर नाम का पहला लिखाती है, दिखावा मस्ती का करके मुझे खुद देखती रहती, मै उस पर मर रहा हूं ये सबसे कहती रहती है। बहुत नटखट है प्यारी है बहुत मासूम लगती है, किसी के प्यार में पागल वो अब मरहूम लगती है, मुझे भी अच्छी लगती है गवारा ये नहीं करता, मगर वो जितना कह रही मैं उतना भी नहीं मरता। ©Shubham Mishra #Love Shubham Mishra
Love Shubham Mishra
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