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Naveen Mahajan
'तीस चांद' बड़ा झूठा है मीडिया झूठ बस बोले जाता है धरती के हैं तीस चांद हर दिन एक आता है। अगर है एक ही चंदा भला क्यों बढ़ता जाता है? भला क्यों घटता जाता है? जो तू पूछे अमावस रात को ये आखिर क्यूं न दिखता है दिखे कैसे ये शातिर मीडिया उस दिन टेलिकास्ट नहीं करता काला मुंह छुपाता है। #NaveenMahajan तीस चांद
तीस चांद
read moreridhi sain
बचपन और शैतानी सभी की बचपन से जुड़ी कुछ खट्टी -मीठी यादे जरुर होती है। मेरा भी बचपन भी कुछ इनही खट्टी-मीठी यादो के साथ गुजरा है। ऐसा ही एक किस्सा है। जिसे जब भी याद करती हूँ ,मेरी हँसी छुट जाती हैं। तब मैं चौथी कक्षा में थी।मैं, मेरी बड़ी बहन और मेरी चचेरी बहन स्कूल से घर आ रहे थे।रास्ते में अचानक ही मेरी चचेरी बहन को एक घर के नाले के पास 30 रुपये मिले। उसने उठा लिए । अब कहते हैं न कि पैसै देख अच्छे अच्छो का इमान डोलने लगता है।हम तो फिर भी बच्चे थे। शरारती तो मैं थी ही। पैसे देखते ही मेरे मन मेंआया कि कैसे भी करके ये पैसै मैं ले लू। तो मैंने अपनी चचेरी बहन को कहा कि मैं आन्टी को कह दूँगी कि तूने नाली में से पैसे उठाये है।वो बड़ी भोली थी इतना सुनते ही उसने पैसे वापस फेंक दिये। उसे क्या पता कि मेरे दिमाग में क्या चल रहा है? उसके पैसे गिराते ही मैनै उठा लिये। अब बारी उसकी थी। उसने मुझसे कहा कि तूने मुझसे तो पैसे वापस गिरवा दिये, और खुद ने उठा लिये। मेरे पैसे मुझे वापस दो। मैनै कहा कि मैं क्यों दूँ? जब तुम्हें पैसे मिले तो तूने गिरा दिये। अब मुझे मिले तो मैंने उठा लिये। इस हिसाब से पैसे अब मेरे हो गये। इतना सुन उसका मन रुआँसा हो गया।उसको उदास देख मेरा दिल पिघला। मैंने उससे कहा,अच्छा ठीक है, मैं तुम्हें पैसे वापस दे दूँगी। लेकिन उसमें से दस-दस रुपये हम दोनों बहनो को देने होगे। उसने कहा ठीक है। तो इस तरह हम तीनों बहनो ने दस-दस रूपये आपस में बाँट लिये। हम तीनों अब बहुत खुश थे- चचेरी बहन अपने पैसे वापस पाकर बड़ी दी-बिना किसी मेहनत के पैसे पाकर और और सबसे ज्यादा मैं खुश क्योंकि -एक तो अपनी बहन को बेवकूफ बनाया दूसरा बिना मेहनत के पैसे कमा लिये। आज भी जब ये किस्सा याद करती हूँ मेरे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। सच में बचपन के दिन भी क्या दिन थे?............. #तीस रुपये और मैं
#तीस रुपये और मैं
read moreSuJeet Joshi
ते आज तुमचं कौतुक करताय उद्या तुम्हाला नाव ठेवतील ते आज तुमची मेहनत सगळ्यांना सांगतात उद्या तुम्ही उद्धट आहे म्हणून गाजावाजा करतील ते आज तुम्ही खूप समजूतदार आहात बोलतील उद्या तुम्ही बेजबाबदार आहात बोलतील ते आज तुमच्यासाठी जीव द्यायला तयार असतील उद्या तुमचा जीव ही घ्यायला मागे पुढे बघणार नाही ते आज तुमच्या प्रगतीवर खुश असतील उद्या तुमच्या चुकांवर खुश होतील ते आज तुमच्या हजार चुकांमधून एक चांगली गोष्ट शोधतील उद्या हजार बरोबर गोष्टी मधून एक चूक शोधतील ते आज तुमच्यावर प्रेम करतील उद्या तुमचा तिरस्कार करतील ते आज जसे आहेत तसेच उद्या असतील याची काहीच शाश्वती नाही ते कलियुगातील माणसे आहेत हो कलियुगातील माणसे तुम्ही या मुळे हाडबडू नका किंवा हिम्मत ही हरू नका कारण अशावेळी बोलून उत्तर देण्याऐवजी काळ गाजवून उत्तर द्यायचं असत...! ते.....
ते.....
read moreKiran Sabale
लहान पणा पासुन झोपडी त राहीलो,,, त्यांची ची आठवण येत राहिली ©Kiran Sabale गेलं ते दिवस राहिलेत ते आठवणी
गेलं ते दिवस राहिलेत ते आठवणी
read morevimal kumar
तुम तो सपने में खोई थी पर बे ते तुमको सितारे में देखता रहा ©vimal kumar तुम ते
तुम ते
read moreUpendraraj Devadhe
ते निमीष किती चांगले होते पहाटस्वप्नापरी झेप घेत होते जीवनाला देत मुलामा सोनेरी निपचितपणे कवेत घेत होते. ते क्षण
ते क्षण
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