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YOGESH SHARMA

#love_shayari बृजेश कुमार बेबाक़

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White मुस्कुराहट गुलाम है उस चेहरे कि उसे रोना भी नहीं आता 
हर रंग है कुदरत का उसके पास उसे सजोना भी नहीं आता 
खूबसूरती कि सारी हदे, सारे अल्फाज़ फीके है उसकी तारीफ मे 
 कम्बखत उसे तो खूबसूरत होना भी नहीं आता

©YOGESH SHARMA #love_shayari  बृजेश कुमार बेबाक़

Singer Er Jk nigam

कुमार विश्वास की कविता कुमार विश्वास की कविता Hinduism Kalki

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SK Alam

कुमार विश्वास की कविता

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अभियंता प्रिंस कुमार

#@अभियन्ता प्रिंस कुमार @अभियन्ता प्रिंस कुमार @abhiyanta_prince_kumar #GoodNight

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White 

भू- राजस्व विभाग बिहार 
********
मोबाईल ज़रूरी है,मज़बूरी है, मजदूरी है, मुस्किल भी है, ।
इक दिन थे, जब कैमरे की गोद में सोना अच्छा लगता था, लेकिन अब 
कैमरा देख लगता जैसे LRC का मुक़ाम मुस्तकिल भी है।
___________

©अभियंता प्रिंस कुमार #@अभियन्ता प्रिंस कुमार 
@अभियन्ता प्रिंस कुमार 
@abhiyanta_prince_kumar 
#goodnight

kavi amit kumar

#engineers_day अमीरी का घमड़ तू , किसको दिखता है! पैसे को जो तू, वे वजह उडाता है !! कभी पूछना अपने बाप से बैठकर! वो रात दिन कैसे कमाता है!!

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White अमीरी का घमड़ तू , किसको दिखता है!
पैसे को जो तू, वे वजह उडाता है !!
कभी पूछना अपने बाप से बैठकर!
वो रात दिन कैसे कमाता है!!
     ~अमित कुमार~

©kavi amit kumar #engineers_day अमीरी का घमड़ तू , किसको दिखता है!
पैसे को जो तू, वे वजह उडाता है !!
कभी पूछना अपने बाप से बैठकर!
वो रात दिन कैसे कमाता है!!

धाकड़ है हरियाणा

#अमित शाह पहुंचे जम्मू कश्मीर

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Yadav ji Ji

लखन कुमार

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sumit Kumar

कुमार विश्वास की कविता

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ravi ji he

©kanhiya Gupta  कुमार विश्वास की कविता

Arpit Mishra

दुष्यंत कुमार

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चाँदनी छत पे चल रही होगी, 
अब अकेली टहल रही होगी।

फिर मेरा जिक्र आ गया होगा, 
वो बरफ़-सी पिघल रही होगी।

कल का सपना बहुत सुहाना था,
 ये उदासी न कल रही होगी।

सोचता हूँ कि बंद कमरे में, 
एक शमआ-सी जल रही होगी।

शहर की भीड़-भाड़ से बचकर, 
तू गली से निकल रही होगी।

आज बुनियाद थरथराती है, 
वो दुआ फूल-फल रही होगी।

तेरे गहनों-सी खनखनाती थी,
बाज़रे की फ़सल रही होगी।

जिन हवाओं ने तुझको दुलराया,
उनमें मेरी ग़ज़ल रही होगी।







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©Arpit Mishra दुष्यंत कुमार

Ashvani Awasthi

#hunarbaaz कवि अश्वनी कुमार

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