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vishnu prabhakar singh
"धर्म" हमें इस ग्रह पर रहने का मार्ग है।। हमलोग तकलीफ से कितना डरते हैं सबसे ज्यादा मरने से ये जो मानव मस्तिष्क है ना,जहर है वेदानुसार अच्छे कर्म मानव योनि का मार्ग है मैं तो कहूँगा सबसे पापी के लिए यह योनि तो जरा सोचिए किस तरह का पाप गाय यह कहती हुई कि, दे दो भैया दूध का कर्ज भैंस जुगाली करता हुआ मनोरंजन कर माँगे ऐसे पापियों का मानव योनि में जन्म होता है ऐसे पापी पुण्य से डरते हैं तो,तकलीफ से डरना अनिवार्य! वेद भौगोलिक स्थिति का ढाँढस है।। #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #philosophy #miscellaneous #modi
वेद भौगोलिक स्थिति का ढाँढस है।। #विप्रणु #yqdidi #yqbaba #philosophy #miscellaneous #Modi
read morevishnu prabhakar singh
खत्म हो जायेगा सब मुँदते ही आँख हो या हो दृष्टि तत्व,खनिज लवण नहीं सृष्टि ने जीवों को आत्मनिर्भर बनाया है। भौगोलिक दृष्टिकोण चरम है।। ख़त्म हो जाएगा सब, अगर... #ख़त्महोजाएगा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप
भौगोलिक दृष्टिकोण चरम है।। ख़त्म हो जाएगा सब, अगर... #ख़त्महोजाएगा #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi विप
read moreShailesh Hindlekar
शुभ प्रभात... रजा... आपण रजा घेतो, एसी वाहनातून विमानातून सहलीला जातो. भरपूर आराम करतो...आवडीचे पदार्थ खातो...प्रेक्षणीय स्थळे पाहतो.. वर्षभ
शुभ प्रभात... रजा... आपण रजा घेतो, एसी वाहनातून विमानातून सहलीला जातो. भरपूर आराम करतो...आवडीचे पदार्थ खातो...प्रेक्षणीय स्थळे पाहतो.. वर्षभ
read more@Writer_Satya
#सरदारजयंती सांस्कृतिक वैविध्य से भरे और भौगोलिक रूप से वृहद फैलाव वाले भारत की संगठित शारीरिक संरचना के निर्माण के लिए संकल्पित लौह-पुरुष स
#सरदारजयंती सांस्कृतिक वैविध्य से भरे और भौगोलिक रूप से वृहद फैलाव वाले भारत की संगठित शारीरिक संरचना के निर्माण के लिए संकल्पित लौह-पुरुष स
read moreRavi Shankar Kumar Akela
पर्यावरण की परिभाषा रॉस के अनुसार, "पर्यावरण हमें प्रभावित करने वाली कोई भी बाहरी शक्ति है।" रॉस की परिभाषा से यह स्पष्ट हो जाता है कि कोई भी बाहरी वस्तु, चाहे वह सामाजिक हो या सांस्कृतिक हो या भौगोलिक, जिसका हम पर प्रभाव पड़ता हो, पर्यावरण कहलाती है। ©Ravi Shankar Kumar Akela #akela पर्यावरण की परिभाषा रॉस के अनुसार, "पर्यावरण हमें प्रभावित करने वाली कोई भी बाहरी शक्ति है।" रॉस की परिभाषा से यह स्पष्ट हो जाता है
#akela पर्यावरण की परिभाषा रॉस के अनुसार, "पर्यावरण हमें प्रभावित करने वाली कोई भी बाहरी शक्ति है।" रॉस की परिभाषा से यह स्पष्ट हो जाता है
read moreमुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
एहसासों के अदृश्य तार, बंधनों में नहीं बंधते, कोई संकल्प, कोई वादा, नहीं करते, किसी को चोटिल करने का, इरादा नहीं करते, ये तो बस, रूह को रूह से पिरोते हैं, और तन बदन कितना भी हँसे, ये भावनाओं की खातिर, ज़रा चुपचाप रोते हैं, महज़ जिन्दा रहना ही, इनका मकसद नहीं, ये बहकी हुई हवाओं को भी, ज़रूरत पड़े तो मोड़ देते हैं, एहसासों के अदृश्य तार हैं ये, ये भौगोलिक दूरियों को, पल भर में जोड़ देते हैं. -- अंकुर एहसासों के अदृश्य तार, बंधनों में नहीं बंधते, कोई संकल्प, कोई वादा, नहीं करते, किसी को चोटिल करने का, इरादा नहीं करते, ये तो बस, रूह को रूह
एहसासों के अदृश्य तार, बंधनों में नहीं बंधते, कोई संकल्प, कोई वादा, नहीं करते, किसी को चोटिल करने का, इरादा नहीं करते, ये तो बस, रूह को रूह
read moreAnita Saini
स्त्री पीड़ा! उसके दुःख संताप उस पर होने वाले हिंसक अत्याचारों का मार्मिक चित्रण और विश्लेषणकर्ता लेखक विश्लेषक कवि और शायर का भी ध्यान स्त्री के भौगोलिक क्षेत्र पर ही केंद्रित रहता है स्त्री के लिए इससे अधिक कष्टप्रद कुछ नहीं हो सकता.! स्त्री पीड़ा! उसके दुःख संताप उस पर होने वाले हिंसक अत्याचारों का मार्मिक चित्रण और विश्लेषणकर्ता लेखक विश्लेषक कवि और शायर का भी ध्यान स्त्र
स्त्री पीड़ा! उसके दुःख संताप उस पर होने वाले हिंसक अत्याचारों का मार्मिक चित्रण और विश्लेषणकर्ता लेखक विश्लेषक कवि और शायर का भी ध्यान स्त्र
read morevishnu prabhakar singh
पूर्णिमा का चाँद अद्भुत भौगोलिक मासिक दृश्य छटा बिखेरती,निहारते लोग कुछ आंनद वश,अनेक आदर पूर्वक मैं तसमई हेतु,अनायास जुड़ा परंतु, पुनरावृति ने परम्परा का अंग बना दिया अब व्याकुल रहता हूँ,प्रश्नों के स्वाद से भी प्रथम प्रश्न,क्या प्रतिष्ठित करने की सोच रही होगी? अखिल भारत महो,महो है ये संयोग वश हो पाता तो, कम से कम प्लास्टिक का तो, नामोनिशान नहीं रहता,हालांकि कई प्रयास हुए क्षमा भटकाव के लिए (भटकाव ही है,जो अगर सभी स्तब्ध ही हो जाएं) प्लास्टिक छोड़ प्रश्न पर आते हैं कि क्या प्रतिष्ठित करने की सोच रही होगी? हटिये महाराज,पोंगा पंडितों की सूझ-बूझ! हें? और क्या। तो प्लास्टिक भी उन्हीं से हटवा लो।तुम भी !! देखना एक दिन सभी प्लास्टिक को अछूत मानेंगे।जब ज्ञान बढेगा अभी अज्ञानी हैं।क्षमा अज्ञानी कहने हेतु।जीविका ही जंजाल है और,जिनका नहीं है उन्हें
देखना एक दिन सभी प्लास्टिक को अछूत मानेंगे।जब ज्ञान बढेगा अभी अज्ञानी हैं।क्षमा अज्ञानी कहने हेतु।जीविका ही जंजाल है और,जिनका नहीं है उन्हें
read moreAK__Alfaaz..
भूगोल की क्लास मे, पढ़ने वाली, 14 बरस की लड़की, मानचित्रों पर, उष्णकटिबंधीय वनों व, शीत कटिबंधीय वनों को, खोजती है, और.., उकेरती है, अपने मन के मरूस्थल पर, बबूल,नागफनी की हरियाली, #पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #18_बरस_की_लड़की भूगोल की क्लास मे, पढ़ने वाली, 14 बरस की लड़की,
#पूर्ण_रचना_अनुशीर्षक_मे #18_बरस_की_लड़की भूगोल की क्लास मे, पढ़ने वाली, 14 बरस की लड़की,
read moreएक इबादत
आज सुबह होगी मेरी देश के अलमस्त शहर में... अलमस्त यानि...बेफिक्री का शहर! तो चलो बीकानेर में सूर्य उदय के साथ एक कप चाय पिया जायें किसी नुक्कड़ पर बैठकर.. सफ़र पर हूँ आज अपने वतन के अलमस्त शहर के हाँ सही सुना अलमस्त शहर यानि की बेफिक्री का शहर जहां लोग बेफि़क्र होकर बिंदास जीवन जीते है राजस
सफ़र पर हूँ आज अपने वतन के अलमस्त शहर के हाँ सही सुना अलमस्त शहर यानि की बेफिक्री का शहर जहां लोग बेफि़क्र होकर बिंदास जीवन जीते है राजस
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